वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बड़ी रकम के करेंसी नोटों को अचानक बंद किए जाने का एक साल बीत जाने के बाद भी उनके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के घाटों पर बैठे बलराम, जो वर्ष 1996 से पुरोहित हैं, का कहना है कि नोटबंदी से उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान हुआ, लोगों को कई महीनों तक नकदी का संकट झेलना पड़ा, और उन्हें पूजा-पाठ करवाने के लिए दक्षिणा भी नहीं मिल पाई, जिससे उनकी आजीविका चलती है…
लेकिन इसके बावजूद बलराम की पसंदीदा पार्टी बीजेपी तथा पसंदीदा नेता नरेंद्र मोदी के समर्थन में कोई कमी नहीं आई, और नोटबंदी के चार माह बाद हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अभूतपूर्व बहुमत हासिल हुआ…
पुरोहित बलराम का कहना है, “जो भी मोदी जी ने किया, वह देशहित में किया, किसी व्यक्ति के लाभ के लिए नहीं… शायद जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स – नया राष्ट्रीय कर) वह जल्दबाज़ी में ले आए, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि इससे भी फायदा ही होगा… किसी भी प्रशासक को नोटबंदी जैसे कदम उठाने ही चाहिए…”
पूरे वाराणसी में इसी तरह के विचार बहुतों के हैं… पांच साल तक तमिलनाडु में कपड़ा फैक्टरी में काम कर चुके 22-वर्षीय दीपक बहुत-से उन कामगारों जैसे हैं, जो भारत के असंगठित सेक्टर में काम करते हैं, और उन्हीं की तरह दीपक को भी नोटबंदी के बाद दो महीने तक तनख्वाह नहीं मिल पाई थी, और उन्हें घर जाने तक के लिए कह दिया गया था… लेकिन अब काम फिर शुरू हो चुका है, और उसके बैंक खाते में हर महीने 8,000 रुपये जमा हो जाया करते हैं, जबकि नोटबंदी से पहले उसे नकद पकड़ाया जाता था… जब दीपक से पूछा कि क्या नोटबंदी सही कदम था, उसने कहा, “देखिए, ये बड़े लोग, इनके पास ढेरों पैसा था… लेकिन जब ये लोग नोटबंदी के बाद बैंकों में पैसा जमा करवाने गए, तो सभी को पता चल गया कि उन्होंने ये पैसा कैसे कमाया था…”
घंटों-घंटों एटीएम और बैंकों के सामने लम्बी-लम्बी लाइनों में खड़े रहे लोगों का गुस्सा और अर्थशास्त्रियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की गई नोटबंदी की आलोचना इस साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोटों में तब्दील नहीं हो पाए थे, और बेहद अहम विधानसभा में बीजेपी को अभूतपूर्व बहुमत हासिल हुआ था… बीजेपी के मुताबिक, दीपक की सोच जैसे ही विचार इस शानदार और अहम जीत के पीछे हैं, जो मतदाताओं के मन में थे…