सुजीत कुमार गुप्ता, मीडिया हाउस 28 ता.
रांची – सीधी बात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जन संवाद केंद्र में आयी शिकायतों की समीक्षा के दौरान कई मामलों में विभागीय अधिकारियों को समय-सीमा तय कर मामले के निष्पादन का निर्देश दिया। विधवा और वृद्धा पेंशन राशि के भुगतान के लिए हर जिले के उपायुक्त को कैंप लगाकर निपटाने का आदेश दिया। सूचना भवन में आयोजित मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कुल १९ शिकायतों का निष्पादन किया। बीएसएफ मुख्यालय में कार्यरत शहीद हुए कोडरमा निवासी राजेश यादव की आश्रित पत्नी रिंकी देवी को अब तक नौकरी नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नाराजगी जतायी। सीएम ने कोडरमा के उपायुक्त को एक हफ्ते में नौकरी और आवास के लिए जमीन देने का निर्देश दिया। मौके पर मौजूद फरियादी शहीद की विधवा ने कहा कि आवास के लिए जमीन दिखाई गयी है, लेकिन वह शहर से बहुत दूर है। सीएम ने गृह सचिव से कहा कि शहर में जमीन दें। उन्होंने राज्य के सभी जिले के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि शहीदों के मामले में संवेदनशीलता दिखाएं। अनुकम्पा मामले में सिमडेगा के उपायुक्त को आवेदन दिया था। आवेदन के आलोक में जिला अनुकंपा समिति ने मो. आरिफ आलम को चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने और गृह विभाग के उप सचिव की अनुशंसा के बाद भी नौकरी नहीं मिली थी। 25 अक्तूबर 2017 को उनकी पत्नी मसीना खातून को केंद्रीय अनुदान की राशि का भुगतान कर दिया गया है। आश्रित के पुत्र मो. आरिफ आलम को सरकारी नौकरी के लिए अनुमोदन के लिए गृह विभाग को पत्र भेजा गया है। जनसंवाद केंद्र के सीधी बात कार्यक्रम में उपस्थित मृतक की पत्नी मसीना खातून की आपबीती सुनने के बाद सीएम ने 15 दिनों के अंदर नौकरी देने का निर्देश दिया। सीएम ने अधिकारियों और राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों से कहा कि इस तरह के सभी मामलों का निष्पादन अभी तक नहीं हो उनका प्राथमिकता के आधार पर निपटायें। प. सिंहभूम की गोलमुंडा पंचायत के पूर्णतः दृष्टिबाधित माधे कांडिया को मृत बताकर उसकी दिव्यांगता पेंशन रोक दी गयी थी। सोनुआ के अंचलाधिकारी ने पेंशन रिकार्ड में उसे मृत दिखा दिया था, इसलिए पेंशन बंद कर दी गई थी। मामले में पंचायत सेवक को निर्देश दिया गया कि लाभुक का नया खाता खोलकर सूचित करें, जबकि लाभुक की पेंशन दिसंबर 2014 से ही बंद थी। अंचल अधिकारी ने पंचायत सेवक को सिर्फ निर्देश देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। देवघर के बड़ा नारायणपुर ग्राम में गोचर भूमि में खरसांड टोला की सरकारी जमीन पर मो. सलीम द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर घर बना लेने और कुछ भाग पर खेती करने की शिकायत की गई थी। इस मामले में देवघर के उपायुक्त ने बताया कि यह गांव पूरी तरह से गोचर भूमि पर बसा हुआ है। इस पर सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चिह्नित कर लोगों को बसाया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि जिसे हटाना है, उसे बसाना भी हमारा मकसद होना चाहिए। गढ़वा के संधेया गांव में 16 अक्तूबर 2017 को 11 हजार वोल्ट के बिजली के तार की चपेट में आने से 12 वर्षीय मंजीत मेहता की मौत मामले की जांच कर मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने से जुड़ा हुआ था। मुआवजा का भुगतान तो नहीं किया गया, अलबत्ता पुनः उसी स्थान पर तार की स्थिति जर्जर हो गई है। जनसंवाद केंद्र में उपस्थित शिकायतकर्ता ने बताया कि मृतक के परिजन को अभी तक मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया है और न वहां के जर्जर तार को बदलने का काम शुरू किया गया है। सीएम ने वहां के हालात का जायजा लेने के लिए अधिकारी को जाने का निर्देश दिया। सरायकेला-खरसांवा के पैयराडीह के नव प्राथमिक विद्यालय में 80 छात्रों के लिए शौचालय की सुविधा बहाल नहीं की गयी है और जो शौचालय हैं, उसकी स्थिति भी जर्जर है। इस पर सीएम ने कहा कि डीएसई और हेडमास्टर शिक्षकों से मिलकर अगर 200 रुपये भी प्रति शिक्षक अंशदान करें तो स्वच्छता मिशन को आगे बढ़ाया जा सकता है। सब काम सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। ऐसे स्कूलों का डीएसई निरीक्षण करें और उन्हें प्रेरित भी करें। चतरा के बलुरी डैम से सिंचाई की सुविधा देने की मांग से संबंधित शिकायत पर संबंधित अधिकारी ने बताया कि पटवन के लिए उन्हें डोभा दिया जा सकता है। इसके अलावा प.सिंहभूम के खूंटपानी में 50 शैय्या वाले अस्पताल को दुरुस्त करने की बात कही गयी।
