सुभाष चंद्र/अमित कोहली, मीडिया हाउस 12.ता,
अागरा – देशवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए अन्ना हजारे की जनसभा 12 दिसंबर 2017 को स्थान शहीद स्मारक संजय पैलेस आगरा पर हुई, अन्ना जी ने किसानों की समस्या और जनलोकपाल मुद्दे पर जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान अन्ना हजारे ने कहा की आजादी के 70 साल बाद भी कहां है लोकतंत्र । 22 साल में 1200000 किसानों ने आत्महत्या की आज आज किसानों की हालत क्या है आज हम सभी जानते हैं न जीने एक बहुत सुंदर बात कही उन्होंने कहा नाच करे बंदर माल खाए मदारी। अन्ना का कहने का तात्पर्य यह था, आज किसान मेहनत कर रहे हैं उन्हें उसका फल नहीं मिल रहा है और जो और जो दलाल हैं वह सारा मुनाफा ले जा रहे हैं। किसान आज भी झोपड़ी में रह रहा है और दलालों की कोठियां बनी हुई अमीर और अमीर और गरीब और गरीब होता जा रहा है। अन्ना ने जन को विशेष पांच बातों को ग्रहण करने के लिए सलाह दी अन्ना ने कहा चरित्र को संभालो, आचरण को शुद्ध, विचार को शुद्ध, जीवन निष्कलंक होना और जीवन में थोड़ा त्याग। भुट्टा का खेत सब ने देखा होगा लेकिन जब एक भुट्टा का दाना जमीन में जाता है तब पूरा खेत दिखाई पड़ता है इसीलिए त्याग करना बहुत जरूरी है उन शहीदों के मां-बाप ने भी अपने बच्चों का त्याग किया जिनके फलस्वरूप आज हम आजाद हैं। हम सब मिलकर एक आवाज बनना होगा हम सब एक हो जाएं तो सरकार को सुननी पड़ेगी। एक बार शहीद दिवस के मौके पर 23 मार्च 2018 को दिल्ली में हुंकार भरेंगे ओंकार भरेंगे। मोदी सरकार सिर्फ उद्योगपतियों के हितों में काम कर रही है जबकि 3 साल पहले किसानों के विकास के लिए किए गए वादों में से कुछ भी पूरा नहीं किया गया वह आने वाले दिनों में मजबूत लोकपाल की मांग को आंदोलन का हिस्सा बनाएंगे।