अमन अंकित मीडिया हाउस/बी.के.टाइम्स 29 ता. सोनीपत – उपायुक्त के मकरंद पांडुरंग ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं, किशोरियों व बच्चों के पोषण व बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि किशोरी शक्ति योजना के तहत किशोर लड़कियों को इस योजना के तहत कुपोषण का चक्र तोडऩे के लिए उन्हें अतिरिक्त पूरक पौषाहार प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत कुल 135 केन्द्र जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से संचालित हैं जिसमें कुल 2700 किशोरियां लाभान्वित हो रही हैं।
श्री पांडुरंग ने बताया कि पूरक पौषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत भरवा परांठा, आलू पुरी, मीठे चावल, मीठा दलिया, गुलगुले एवं पुलाव दिया जाता है। इसके अतिरिक्त इनके स्वास्थ्य जांच व आईएफ.ए टेबलेट भी प्रदान की जाती हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य जांच व सन्दर्भ सेवा के तहत आंगनवाड़ी के क्षेत्र में आने वाली माताओं व बच्चों के स्वास्थ्य की जांच व स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा करवाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ हेतू परामर्श प्रदान किया जाता है तथा बीमार माताओं तथा बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र में रैफर किया जाता है ।
उपायुक्त ने बताया कि न्यूटे्रशन स्टेट्स के तहत जिले में कार्यरत सभी नौ परियोजनाओं के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी वर्कर 0-6 वर्ष के बच्चों का वजन लेती हैं जिससे उनके स्वास्थ्य व प्रगति बारे जानकारी प्राप्त होती है । 2017 में सभी परियोजना में आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा कुल 131369 बच्चों (0 से 6 वर्ष) में से 115765 बच्चों का वजन लिया गया। इनमें से 108685 बच्चे नार्मल ग्रेड (93.88 प्रतिशत) मोडरेट 6810 (5.88प्रतिशत) तथा सिवरली 270(0.23 प्रतिशत) पाए गए। कमजोर पाए गए बच्चों को दोगुनी डाईट दी जाती है व हैल्थ चैकअप व रैफर किया जाता है तथा उनके माता-पिता को उन बच्चों का डाईट चार्ट समझाया जाता है ।
श्री पांडुरंग ने बताया कि पौषाहार एवं स्वास्थ्य शिक्षा के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों में गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली माताओं एवं अन्य महिलाओं के साथ प्रतिदिन बैठक कर उन्हें भोजन को किस प्रकार अधिकाधिक पौष्टिक बनाया जाये की शिक्षा दी जाती है व स्वच्छता एवं सफाई रखकर जीवन को कैसे बिमारियों से बचाया जा सकता है के बारे शिक्षा दी जाती है । उन्होंने बताया कि वर्ष 20176 में 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के सभी बच्चों के आधार कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था और अब तक 1,33,368 बच्चों का आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं।