मीडिया हाउस/बी.के.टाइम्स 19 ता. सोनभद्र – समेकित बाल संरक्षण योजना के अन्तर्गत गठित जिला बाल संरक्षण समिति के साथ ही ब्लाक बाल संरक्षण समिति, ग्राम बाल संरक्षण समिति को क्रियाशील किया जाय। जिला प्रोबेशन अधिकारी बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न घटकों के स्वयंसेवी संगठनों की नकेल कसें और नियमित रूप से जिला बाल संरक्षण संस्था/डीसीपीएस के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करायें। उक्त निर्देश जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण समिति/डीसीपीएस प्रमोद कुमार उपाध्याय ने भारत सरकार द्वारा संचालित समेकित बाल संरक्षण योजना के अन्तर्गत जिला बाल संरक्षण समिति की अध्यक्षता करते हुए दियेें। लगभग 3 साल बाद बैठक देर से आहूत करने पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धितों को फटकार लगाते हुए कहा कि बाल संरक्षण का काम कानूनी कार्यवाही के साथ ही परोपकार का है। तीन साल पर बैठक कराया जाना लापरवाही का सबूत है। उन्होंने मौके पर मौजूद प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी पी0के0 तिवारी को दायित्वबोध कराते हुए कहा कि जिला प्रोबेशन अधिकारी के रूप में काफी जिम्मेदारी होती हैं, जिनका निर्वहन करते हुए नियमानुसार बाल संरक्षण क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जाय।उन्होंने कहा कि जिला बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठक हर हाल में करायी और अपंजीकृत स्वयंसेवी संस्थाओं से कार्य कदापि न लिया जाय। जिलाधिकारी ने दायित्वबोध कराते हुए कहा कि वास्तव में बाल संरक्षण क्षेत्र में काफी मेहनत के साथ कार्य करने की जरूरत है। नियमित बैठक न करना अक्षम्य कार्य है। लिहाजा कार्य में सुधार लायें। उन्होंने स्वयंसेवी संगठनों का क्लास लेते हुए कहा कि बिना देर किये बाल संरक्षण के क्षेत्र में सुधार लाया जाय। बैठक में जिले में पात्र बच्चों की देख-भाल एवं संरक्षण के आवश्यकता वाले बच्चों व कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों से सम्बन्धित मौजूदा व्यवस्था का डाटाबेस तैयार करने, जिला स्तरीय बाल संरक्षण योजना, बाल संरक्षण इकाई का वेब पोर्टल जिला वेबसाइड पर स्थापित करने, सूचनाएं अपलोड करने, बाल संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने, बाल कल्याण समिति के मुकदमों की समयबद्ध पैरवी करने, प्रवर्तकता और पालन पोषण, देख-रेख, गैर पंजीकृत संस्थाओं से कार्य न लेने, लम्बित देनदारियों का भुगतान कराने, दिव्यांग बच्चों के लिए दिव्यांग आश्रय गृह, खुला आश्रय गृह, पाश्चात्यवर्ती देख-रेख संगठन, चाईल्ड लाइन, कानून एवं बाल संरक्षण समिति के सुचारू क्रियान्वयन, सम्बन्धित विभागों, संस्थाओं से समन्वय कार्यशाला, विशेष किशोर पुलिस इकाई, आशा ज्योति केन्द्र, नया सबेरा, बाल श्रम, शिक्षा, श्रम, स्वास्थ्य, परित्यक्त किये जाने वाले शिशुओं की सुरक्षा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शिशु पालन केन्द्र की स्थापना, संस्था में आवासित बच्चों को परिवार में पुनर्वासित कराने, जनपद/राज्य में स्थानान्तरित कराने, बाल श्रम उन्मूलन आदि पर विचार-विमर्श किया और सम्बन्धितों को दायित्वबोध कराते हुए तत्काल सुधार के निर्देश दियें।बैठक में जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय, प्रधान मजिस्ट्रेट मानवेन्द्र के अलावा प्रशिक्षु आईएएस अतुल वत्स, अंकुर लाठर, अपर पुलिस अधीक्षक डा0 अवधेश सिंह, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारीगण, प्रभारी जिला प्रोबेश अधिकारी पी0के0 तिवारी, बाल संरक्षण अधिकारी सत्येन्द्र गुप्ता, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी आरती सिंह, महताब आलम, विष्णु तिवारी, शमशेर बहादुर सिंह, सम्बन्धित अधिकारीगण आदि मौजूद रहें।
