मीडिया हाउस/बी.के.टाइम्स 16 ता. सोनभद्र- राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के मुताबिक औद्योगिक इकाईयां ग्राउण्डवाटर जल प्रदूषण क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति करते रहें।मनमाने तरीके से औद्योगिक इकाईयों द्वारा जो कार्य करायेेंगें, उसे सीएसआर मद का नहीं माना जायेगा, लिहाजा बैठक में तय किये गये फैसलों के मुताबिक औद्योगिक इकाईयां सीएसआर के मुताबिक करायें।उक्त निर्देश जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय ने कलेक्ट्रेट में राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण नई दिल्ली निर्देशानुसार सीएसआर की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के अनुरूप औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ें रिहायशी इलाकों के जिन गांवों के ग्राउण्डवाटर प्रदूषित हो गये हैं, उन गांवों, मुहल्लों, टोलों व मजरों में टैंकरों के माध्यम से पीने का साफ पानी की आपूर्ति करें। जिलाधिकारी ने कहा कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाय।जिलाधिकारी श्री उपाध्याय ने बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार शुद्ध पेयजल व अन्य स्थानीय व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने के लिए गठित कमेटी की हर माह में बैठक हो रही है। बैठक में सौंपें गये कामों को औद्योगिक इकाईयों द्वारा सामाजिक नैगमिक दायित्व/सी0एस0आर0 व सिंगरौली एक्शन प्लान्ट और पर्यावरण संरक्षण के सम्बन्ध में करना ही होगा। उन्होंने कहा कि जो औद्योगिक इकाईयों मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण नई दिल्ली के निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन नही करेंगी, उनके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही का भी अधिकार राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण नई दिल्ली द्वारा सुपरवाईजरी कमेटी को प्रदान किया गया है। सीएसआर की बैठक में जिलाधिकारी श्री उपाध्याय अलावा प्रशिक्षु आईएएस डा0 अंकुर लाठर, सीडीओ रामाश्रय, सीएमओ डा0 एस0पी0 सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सोनभद्र एस0बी0 फ्रैन्कलिंग, उपायुक्त जिला उद्योग केन्द्र सालिकराम, जिले में स्थापित औद्योगिक इकाईयों के पदाधिकारीगण व मीडिया के नेसार अहमद सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद रहें।
