मीडिया हाउस 18 ता. लखनऊ- पी.एच.डी. चेम्बर आफ कार्मस एण्ड इण्डस्ट्री, उ.प्र. द्वारा टर्टल सरवाइवल एलायन्स के सहयोग से ‘प्रकृति एक वन्यजीवन प्रेमियो का वेटलैण्ड्स के संरक्षण हेतु समागम’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन विभाग, सिंचाई विभाग एवं प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भागीदारी की। 18 फरवरी, 2018 को टोटल जेनएक्स कसाया इन, गोमतीनगर, लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में अनेक वनजीवन प्रेमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य बिन्दु ‘एडाप्ट ए वेटलैण्ड’ था जिसमें अनेक प्रकृति प्रेमियों ने अपने समय व संसाधनों से वेटलेण्ड्स के संरक्षण हेतु संकल्प लिया। इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक दूसरे रविवार को लखनऊ या उसके समीपवर्ती इलाके में वेटलैण्ड्स की सफाई एवं रखरखाव के साथ साथ विभिन्ना प्रजातियों के अभिलेखीकरण का भी कार्य किया जायेगा जिससे भविष्य में इन स्थानों के पर्यटक स्थलों के रूप में भी विकसित किया जा सकेगा।पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश में 1.2 लाख वेटलैण्ड्स चिन्हित किये है जिनमें लगभग 12.5 लाख हेक्टेयर भूमि निहित है। उ.प्र. में 14 पक्षी विहार एवं 25 महत्वपूर्ण बर्डिंग क्षेत्र है जो वस्तुतः स्वच्छ जल से पूरित आर्द्र भूमि है। प्रदेश का राज्य पक्षी सारस है और राज्य पशु बारहसिंघा है। दोनों प्रजातियाॅ आर्द्रा भूमि से सम्बन्धिता है जो इस तथ्य को रेखांकित करना है कि प्रदेश में इस विषय का पर्याप्त महत्व है यद्यपि औद्योगिक, कृषि एवं आवासीय आवश्यकताओं के कारण अब वेटलैण्ड्स का अस्तित्व संकट में है। इस सम्बन्ध में पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री की यह पहल एक सही व सार्थक दिशा में अच्छी शुरूआत है।
इस अवसर पर लखनऊ कैमरा क्लब द्वारा चित्र प्रदर्शनी आयोजित की गई।अनिल रिसाल सिंह, संस्थापक सदस्य, लखनऊ कैमरा क्लब ने अवगत कराया कि प्रदर्शनी में 60 से अधिक दुर्लभ पशु एवं पक्षियों के चित्र है जो उप्र के लाख बहोसी पक्षी विहार, सण्डी पक्षी विहार, दुधवा नेशनल पार्क से सम्बन्धित होने के साथ साथ ओडिसा के प्रसिद्ध वेटलैण्ड मंगलाजोड़ी वेटलैण्ड से भी सम्बन्धित है।कार्यक्रम का शुभारम्भ पीएचडीा चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री के सह अध्यक्ष . गौरव प्रकाश के स्वागत सम्बोधन से हुआ जिन्होनें प्रकृति को माॅ के समान आदर देने की अपील की। चेम्बर के अन्य सह अध्यक्ष श्री मुकेश बहादुर सिंह ने चेम्बर की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुये अवगत कराया कि कार्य के प्रति चेम्बर की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप डलमाऊ, जिला रायबरेली में एक वेटलैण्ड विगत 10 फरवरी 2018 को एक वर्ष के लिये अपनाया गया है। शिखर रंजन, जिन्होनंे इस कार्यक्रम की पहल की है, के द्वारा प्रदेश के विलुप्त होने जा रहे वेटलैण्ड्स के संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया और ‘एडाप्त ए वेटलैण्ड’ के लिए अधिक से अधिक नागरिकों को पंजीकृत करने की अपील की। ‘एडाप्ट ए वेटलैण्ड’ योजना का औपचारिक उद्घाटन वनजीवन के ख्यातिलब्ध विशेषज्ञ डा. असद रहमानी के कर कमलों से हुआ। डा.रहमानी ने प्रकृति के प्रति जागरूक रहने के प्रत्येक नागरिक के नैतिक दायित्व पर बल दिया।उद्घाटन समारोह की अध्यक्षताा आलोक रंजन, भूतपूर्व मुख्य सचिव, उ.प्र. सरकार तथा पीएचडी चेम्बर के सलाहकार द्वारा की गई। प्रथम सत्र के प्रथम वक्ता प्रो. ब्रज गोपाल, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के जलीय पर्यावरणविद् ने वेटलैण्ड्स से सामान्य नागरिकों के धर्म, संस्कृति, खान पान, रहन सहन के अगाध सम्बन्ध पर प्रकाश डाला। अगले वक्ता डा.रितेश कुमार, निदेशक, वेटलैण्ड्स इन्टरनेशनल साउथ एशिया ने नगरीय वेटलैण्ड्स एवं जल समूहों के संरक्षण के महत्व पर बल दिया जो बाढ़ नियंत्रण एवं जलस्तर बढ़ाने के आवश्यक साधन है। पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री के सह अध्यक्ष मुकेश बहादुर सिंह अन्य सह अध्यक्ष गौरव प्रकाश, डात्र रूपक डे, प्रमुख, उ0प्र0 एवं एस.के. उपाध्याय, प्रमुख-वन संरक्षक, उ.प्र. द्वारा 12 ‘प्रकृति रत्न’ पुरस्कार उन वन विभाग एवं अन्य नागरिकों को वितरित किये ।डा. रूपक डे, प्रमुख, उ.प्र. राज्य सरकार द्वारा लद्यु वेटलैण्ड्स के चिन्हीकरण एवं उनके प्रभावी संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।दूसरे सत्र की अध्यक्षता एस.क.उपाध्याय, प्रमुख-वन संरक्षक, उ.प्र. वन्यजीवन प्रथम वक्ता प्रसिद्ध हरपीटाॅलजिस्ट डा.बी.सी. चैधरी ने घड़ियालों के घटने वासों पर चिन्ता व्यक्त करते हुये उनके संरक्षण की महत्ता पर बल दिया। अगले वक्ता डा विवाश पांडव् ने वेटलैण्ड्स की सूची में तराई क्षेत्र के दलदल इलाकों को भी सम्मिलित करने की अपील की जिनमें अनेक विशेष जानवरों जैसे गैंडा, एशिथाई, हाथी, बारहसिंघा, हाॅग हिरण का वास होता है। अंतिम वक्ता डा.रथिन वर्मन, निदेशक, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट आफ इण्डिया के काजीरंगा मानस क्षेत्र, ने दुधवा के बारहसिंघा के संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिये।अन्त में एक रोचक पैनल डिस्कशन हुआ जिसकी अध्यक्षता, डा असद रहमानी ने की। श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक, टर्टल सरवाइवल एलायन्स ने विषय प्रवर्तन करते हुए श्रोताओं को वार्ता में भाग लेने के लिए आंमत्रित किया। कार्यक्रम के अन्त में डा0 रूपक डे, प्रमुख, उ0प्र0 ने समापन भाषण में पूर्व वक्ताओं के भाषणों के सार को प्रस्तुत करते हुए ने वेटलैण्ड्स की मनुष्यों के अस्तित्व के लिए अनिवार्यता पर प्रकाश डाला।
इनको मिला पुरूस्कार
1. शैलेन्द्र पाल सिंह, वन गार्ड, पटना पक्षी विहार
2. अवध बिहारी, रेंज आफिसर, सूट सरोवर पक्षी विहार
3. रमा शंकर यादव, फारेस्टर, कछुआ विहार
4. यशवन्त, आरएफओ, लाख बहोसी पक्षी विहार
5.सुरेश पाल सिंह, डिप्टी आरएफओ लाख बहोसी पक्षी विहार
6.करन सिंह, कर्मचारी लाख बहोसी पक्षी विहार
7. अबु अरशद, आर0ओ0, सण्डी पखी विहार
8. अरशद हुसैन, (सारस संरक्षण)
9.सुत्री अरूनिमा सिंह (कछुआ संरक्षण)
10.सुबोध नन्दन (वेटलैण्ड संरक्षण)
11. जितेन्द्र पटेल (डाल्फिन संरक्षण)
12. राजीव चैहान (वेटलैण्ड संरक्षण के लिए लाइफटाइम पुरस्कार)