गोविन्द मीडिया हाउस 27 ता. रांची – भाजपा सरकार की ओर से गांव के विकास को लेकर जो वायदे और दावे किये जा रहे है। उस पर से ग्रामीणों का विश्वास उठ गया है। जिसके कारण लोगों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। गांवों में विकास अभी तक नही हो पाया है। जबकि राज्य सरकार विकास के नाम पर अपनी पीठ थपथपाना रही है। उक्त बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव अरूण उरांव ने कहा। वे आज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि वर्षां से आदिवासी बाहुल ग्रामीण इलाकों में सीमांकन, असामायिक मौत और अन्य कार्यां में पत्थलगड़ी की परंपरा रही है, लेकिन आज जिस तरह से पत्थलगड़ी की नयी परंपरा शुरू हुई है। इस पर पुलिस-प्रशासन की ओर से क्या कार्रवाई हो रही है, क्यों लोगों में नाराजगी है, इसे समझने की जरूरत है। उन स्थितियों को समझते हुए उस दिशा में विकास कार्य को करने की जरुरत है। जिसपर अभी तक यह सरकार फेल रही है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी शासन में भी एक उदाहरण है जब कोलकाता स्थित ब्रिटिश गर्वनर को खूंटी जिले की जमीन के सीमांकन को लेकर कुछ जानकारी मांगी गयी, तो गांव से कुछ लोग पत्थर को उठा कर पैदल कोलकाता ले गये थे। उनहोने राज्य सरकार से सवाल किया कि बजट से पूर्व गांवो से रिपोर्ट के आधार पर बजट को तैयार करने का आह़वान किया था, लेकिन बजट के बाद आखिर गांवों के विकास के लिए प्रायोजित योजनाओं का क्या हुआ। गांवों का विकास उनका हक है। विकास नही होने के कारण आज ही यह स्थिति यहां तक पहुंची है। सरकार को चाहिए कि गांवों के विकास के लिए जो भी योजना बने वह उनतक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष खूंटी जिले में 1500 एकड़ जमीन में खड़ी अफीम की फसल को नष्ट किया गया, वहीं इस वर्ष अब तक 1000 एकड़ में अफीम की फसल को नष्ट किया जा चुका है। उन्होंने जब प्रशासन के पास आज अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है! ड्रोन कैमरा है! सेटेलाइट मैपिंग से भी पूरी जानकारी मिल सकती है! इसके बावजूद कार्रवाई में कमी दु:खद है। इस मौके पर राजीव रंजन, लाल किशोर नाथ शाहदेव, शमशेर आलम सहित अन्य उपस्थित थे।
