खनन, प्रदूषण के मामले मे कार्यवाही के नाम पर सिर्फ आश्वासन, कार्यवाही नही.?
मीडिया हाउस/बी.के.टाइम्स 17 ता. सोनभद्र- मानवीय मूल्यों के सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण को संतुलित बनाये रखते हुए खनन कार्य को किया जाय। पर्यावरण को देखते हुए 55 हजार घन मीटर तक प्रतिवर्ष खनन कर सकते हैं, यह निर्धारण पर्यावरण की क्षति को देखते हुए किया गया।उक्त बाते जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय ने पर्यावरण संबंधी बैठक में कही। उन्होंने कहा कि शपथ पत्र में जिस क्रशर से अनुबंध हो या स्वयं का हो, जितने रेट में दिया गया हो, डोलो स्टोन से जुड़े संचालकों की वाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रतिदिन की रिपोर्ट खान अधिकारी को भेजें। डोलो स्टोन के संचालक, क्रशर मालिक अपने मजदूरों को समय-समय स्वास्थ्य के प्रति सचेत होते हुए स्वास्थ्य की चिकित्सा जाॅच कराते हुए, उनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सुरक्षा सम्बन्धी हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, जूते आदि का प्रयोग हर हाल में किया जाय।उन्होने कहा कि मानव जीवन अनमोल है, लिहाजा किसी भी हाल में खनन क्षेत्रो व औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले मजदूरों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए, औद्योगिक इकाईयों के पदाधिकारी व खनन पट्टा धारक/क्रशर मालिक भी अपने-अपने कार्य क्षेत्रों/स्थलों पर मजदूरों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मजदूरों के हितों का हमेशा ध्यान दिया जाय, ताकि मजदूरों को व्यवस्थाओं के खिलाफ धरना-प्रदर्शन न करना पड़े। उन्होंने कहा कि हकीकत में मजदूरों के अन्दर भी प्रकृति की चेतना है, वे अपने परिवार को दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए मेहनत, मजदूरी करते हैं।पर्यावरण बैठक में जिलाधिकारी ने क्रशर मालिकों को निर्देशित किया कि क्रशर क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को शुद्ध पेयजल व उनके स्वास्थ्य की भी समय-समय पर जाॅच कराते रहें।बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने खनन राजस्व से सम्बन्धित बकाया धनराशियों की भी क्रशर व डोलो स्टोन के मालिकों से जानकारी की। खनन के दौरान पर्यावरण के मानवीय मूल्यों का उल्लंघन न करें और खनन से निकले कचरा आदि को उपयुक्त स्थान पर फेंका जाय, जिससे प्राकृतिक स्रोतों का दोहन न हो सके। बैठक में 17 डोलो स्टोन और 3 सैण्ड स्टोन, एक ग्रेड नाइड व एक ईंट भट्ठा यानी कुल मिलाकर 22 प्रकरणों को माईनिंग प्लांन के साथ प्रस्तुत होने पर समिति द्वारा विचार विमर्श किया गया।जिलाधिकारी ने अवाश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि पर्यावरणीय मानक पूरा न करने वाले क्रशर व डोलो स्टोन मालिकों कार्यवाही की जायेगी।बैठक मे जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय के अलावा प्रभागीय वनाधिकारी श्रद्धा यादव, उपजिलाधिकारी राज कुमार, ज्येष्ठ खान अधिकारी एस0के0 दास, क्षेत्रीय अधिकारी उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सोनभद्र एस0बी0 फ्रेंकलिन, लोक निर्माण विभाग के रमाशंकर राम सहित खनन पट्टा से जुड़े सम्बन्धितगण मौजूद रहें। वही दुसरी तरफ चर्चा है कि खनन क्षेत्र मामले मे हो या प्रदूषण के मामले मे जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही के नाम पर सिर्फ आश्वासन.? कार्यवाही नही.? जिससे खुलेआम क्षेत्र मे नियमो का उल्धन हो रहा है और विभाग मौन है.?