ए.के.गुप्ता मीडिया हाउस 19ता. सोनभद्र। केन्द्रीय ब्राम्हण महासभा, सोनभद्र के कार्यालय बभनौली कालोनी नियर चण्डी तिराहा, राबटर््सगंज सोनभद्र स्थित जिला कार्यालय पर परशुराम जयन्ती के अवसर पर केन्द्रीय ब्राम्हण महासभा के जिलाध्यक्ष संजय मिश्र के अध्यक्षता में एक सभा का आयेाजन किया गया।
राम कृष्ण पाठक ने कहां कि भारत के पौराणिक इतिहास में परशुराम एक महत्वपूर्ण चरित्र तो हैं, किन्तु समय का अन्तराल इतना विकट है कि उनके संबंध में जो भी जानकारी के सूच हैं, वे इतने उलझे लुए हैं कि उनमें इतिहास का सच खोज पाना बहुत कठिन है। फिर भी इतना तो निश्चय है कि भार्गव परशुराम भारत के इतिहास के एक अध्याय थे। शंशांक शेखर कत्यान ने कहां कि नारायण के छठे अवतार भृगृ कुलोत्पन्न रेनुकानन्दन, जामदग्न्य, चिंरजीव भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव की बधाई दी। केन्द्रीय ब्राम्हण महासभा के जिलाध्यक्ष संजय मिश्र ने कहां कि परशुराम के बाबा ऋचीक आनर्त (गुजरात) के रहने वाले थे किन्तु जब हैहयवंशीकार्तवीर्य से झगड़ा शुरू हुआ तब ये कान्यकुब्ज चले गये। कान्यकुब्ज के राजा गाधि की कन्या से विवाह किया। भारत के अनेक राज्यों में उनके जीवन-प्रसंग से संम्बन्धित स्थल हैं। सभा में भगवान परशुराम के व्यक्तित्व, कृतित्व व आदर्श पर चर्चा की गयी और भव्यता पूर्वक भगवान परशुराम की जयन्ती मनायी गयी। इस अवसर पर शंशांक शेखर कत्यान, अमीत मिश्रा, मुनी महेश शुक्ला, किशन पाण्डेय, ब्रजेश शुक्ला, दिनेश पाण्डेय, अजित कुमार त्रिपाठी, रामकृण पाठक, विजया नन्द त्रिपाठी, डा0 पी0एन द्विवेदी, नित्या नन्द पाण्डेय, विजय कुमार पाण्डेय, डी.डी. पाण्डेय, लालमनी चैबे, जगमोहन तिवारी, रामानन्द पाण्डेय, आदया प्रसाद मिश्र, मोहर देव पाण्डेय, विवेक कुमार पाण्डेय, रवि प्रकाश त्रिपाठी, शेषमणी तिवारी, विनोद कुमार पाण्डेय, मनोज कुमार दूबे आदि लोगो ने उपस्थिति होकर अपने-अवने विचार व्यक्त किये और भविष्य में भगवान परशुराम के आदर्शो पर चलने हेतु संकल्प लिया।
