मीडिया हाउस 2ता. लखनऊ – कैबिनेट ने निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि के मानकों में संशोधन किया गया है। पहले विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रायोजक संस्था के स्वामित्व में नगर क्षेत्र में 40 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 100 एकड़ परस्पर सटी हुई भूमि का मानक निर्धारित था। कैबिनेट ने इसके संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब नगरीय क्षेत्र में 20 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में 50 एकड़ परस्पर सटी हुई भूमि पर निजी विश्वविद्यालय का निर्माण हो सकेगा। मानक संशोधन की वजह स्पष्ट करते हुए श्रीकांत ने बताया कि उच्च शिक्षा में इस मानक पर निजी क्षेत्र से निवेश संभव नहीं हो पा रहा था। इसलिए यह प्रस्ताव लाया गया है। बाकी शर्तें यथावत रहेंगी।
एनजीटी के आदेश के अनुपालन में खनन की अनुमति-
सोनभद्र में सीमेंट फैक्ट्री के फिर चलने का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के चार मई, 2016 के आदेश के अनुपालन में जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड के पक्ष में स्वीकृत खनन पट्टों से आच्छादित वन भूमि के बदले गैर वन भूमि उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि सोनभद्र स्थित जेपी सीमेंट फैक्ट्री के खनन क्षेत्र से आच्छादित वन भूमि के बदले एनजीटी के आदेश के अनुपालन में सीमेंट फैक्ट्री हेतु खनन की अनुमति लिए वनीकरण हेतु गैर वन भूमि 586.178 हेक्टेयर जमीन दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके तहत मीरजापुर के सदर, मडि़हान एवं लालगंज तहसील की बैर वन भूमि अधिग्रहीत कर वनीकरण हेतु वन विभाग को दिया जाएगा। इस भूमि के सापेक्ष भूमि के मूल्य का चार गुना तथा मूल्य के अलावा मालगुजारी के 150 गुने के बराबर पंजीकृत वार्षिक किराया तथा वृक्षारोपण एवं उसके दस वर्ष तक रख रखाव पर आने वाला व्यय जेपी एसोसिएट्स द्वारा वहन किया जाएगा। इसके उपरांत उक्त सीमेंट फैक्ट्री के वर्तमान स्वामी अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा उत्पादन प्रारंभ किया जा सकेगा। इस सीमेंट फैक्ट्री यूनिट के संचालन से कर के रूप में जहां सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी वहीं युवाओं के लिए रोजगार के भी अवसर मिलेंगे।