मीडिया हाउस 8 ता. लखनऊ- परिवहन निगम के 242 बस अड्डों के फूड प्लाजा को ‘नीर’ ब्रांड पानी की बोतल सप्लाई करने वाले ठेकेदार ने परिवहन निगम को सवा 16 करोड़ रुपये की चोट पहुंचाई। सीएजी की रिपोर्ट में ठेकेदार से तीन करोड़ की वसूली में उसे अनुचित लाभ पहुंचा कर अपना नुकसान करने वाले परिवहन निगम प्रबंधन को कठघरे में खड़ा किया गया है।
परिवहन निगम ने एक्सिस इण्टरनेशनल नाम की फर्म के ठेकेदार से 242 बस स्टेशनों के फूड प्लाजा पर नीर ब्रांड पानी की बोतल आपूर्ति करने के लिए एक सितम्बर 2015 से लेकर तीन साल के लिए अनुबंध किया। ठेकेदार का चयन बाकायदा टेण्डर के मार्फत सबसे ऊंची बोली लगाने के आधार पर किया गया। अनुबंध की शर्तों के अनुसार अनुज्ञा शुल्क, कर, लेवी व अन्य बकाए या क्षतिपूर्ति का भुगतान ठेकेदार को 15 दिन के अन्दर करना होगा। कोई चूक होने पर ठेकेदार की सिक्योरिटी से रकम काट कर उसके साथ अनुबंध अपने आप खत्म हो जाएगा।
सीएजी ने पाया कि नवम्बर 2015 से ही अनुबंध में निर्धारति अवधि में ठेकेदार अपने देय का भुगतान नहीं कर पाया। अपने देय के भुगतान में लगातार देरी करने के कारण ठेकेदार की सिक्योरिटी के सवा पांच करोड़ निगम ने जब्त कर लिये, लेकिन उस समय प्रबंध निदेशक ने अनुबंध के स्वतरू समाप्त होने की शर्त का उल्लंघन करते हुए 28 जुलाई 2016 तक ठेकेदार को अपना व्यवसाय जारी रखने की अनुमति दे दी। बाद में ठेकेदार हाईकोर्ट भी गया। वहां याचिका को ठुकराते हुए ठेकेदार को निगम के प्रबंध निदेशक से बात करने के लिए कहा गया।सीएजी के अनुसार निगम प्रबंधन ने उसके सामने दलील दी कि ठेकेदार की 21 करोड़ की बोली की रकम काफी अधिक थी। जबकि दूसरा ऊंची बोली लगाने वाले ठेकेदार ने तो केवल 2.02 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। सीएजी ने निगम प्रबंधन के इस जवाब को अस्वीकार कर दिया।gns
