मीडिया हाउस 8 ता.लखनऊ- सिटी बस के ड्राइवर कंडक्टर बड़े शातिर निकले। चेकिंग दलों से बचने के लिए मोबाइल पर वाहट्एप ग्रुप बनाया। इस ग्रुप में 236 चालक परिचालकों को जोड़ा। ग्रुप के जरिए चेकिंग दलों की लोकेशन एक दूसरे को भेजते रहे। ताकि बेटिकट यात्रियों को आसानी से सफर कराकर बच सके। इस सिंडिकेट का खुलासा उस वक्त हुआ जब एक बस कंडक्टर का यात्री लोड फैक्टर 60 फीसदी के बदले मात्र 37 फीसदी निकला।
सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों ने बस कंडक्टर का मोबाइल चेक किया। मोबाइल में ‘जय बाबा नीम करोली नाम का ग्रुप पकड़ में आया। ग्रुप में गोमतीनगर और दुबग्गा बस डिपो के 236 ड्राइवर कंडक्टर जुड़े थे। चेकिंग दल जिस इलाके में बसों की चेकिंग करते थे उसकी सूचना चंद सेकेंड में सभी ग्रुप पर पहुंच जाती थी। ऐसे में चेकिंग दलों पर लाखों रुपये हर माह खर्च करके चंद मामले ही बेटिकट यात्रियों के पकड़ में आते थे। यह ग्रुप बीते एक वर्ष से चल रहा था। इससे सिटी ट्रांसपोर्ट को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।सिटी ट्रांसपोर्ट के प्रबंध निदेशक आरिफ सकलैन ने बताया कि दुबग्गा डिपो में तैनात बस कंडक्टर आशीष पाल जिस रूट पर बस लेकर जाता था उस रूट पर यात्री लोड फैक्टर की जांच करने पर मालूम चला कि फरवरी माह में 58 के बदले 50 फीसदी व मार्च माह में 61 के बदले 37 फीसदी यात्री लोड फैक्टर मिला। यात्री लोड फैक्टर में अंतर को देखते हुए जांच में बेटिकट यात्रियों को सफर कराने का मामला पकड़ में आया।
