मीडिया हाउस 23 ता.सोनभद्र- आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल, मीरजापुर प्रीति शुक्ला ने श्रम विभाग द्वारा संचालित योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम-2008 की धारा-3(1) के तहत दो पेंशन योजनाएं शुरू की गयी हैं, जिसमें प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन योजना व व्यापारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना है।
आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल, मीरजापुर प्रीति शुक्ला ने प्रधान मंत्री श्रम योगी मानधन योजना तथा व्यापारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों में गृह-आधारित श्रमिक, फेरी वाले, मध्यान्ह भोजन कार्यकर्ता, बोझा ढोने वाले श्रमिक, ईट-भट्ठा श्रमिक, मोची, कचरा बीनने वाले, घरेलू, कामगार, धोबी, रिक्षा चलाने वाले, ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक, स्व-रोजगार करने वाले श्रमिक, कृषि श्रमिक, मछुआरे, मछली पालने वाले, निर्माण श्रमिक, बीड़ी बनाने वाले श्रमिक, हथकरघा श्रमिक, चमड़ा का कार्य करने वाले श्रमिक, दृष्य-श्रव्य कार्य में नियोजित श्रमिक शामिल है। ऐसे असंगठित श्रमिक जिनकी आय 1500 हजार प्रतिमाह तक हो तथा जो 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष की आयु तक के हों। व्यापारियों के लिए राष्ट्रीय पेंषन योजना- इस योजना में व्यापारी, दुकानदार अथवा स्व-नियोजित व्यक्ति जैसे कि खुदारा व्यापारी, दुकानदार, खवल/तेल मिलों के स्वामी, वर्कशाप स्वामी, कमीषन एजेन्ट, रियल एस्टेट ब्रोकर, छोटे होटल एवं ढाबा चलाने वाले तिा इसी प्रकार के अन्य कारोबार चलाने वाले 1.5 करोड़ रूप्ये तक के वार्षि कारोबार वाले व्यक्ति शामिल हैं जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष तक हों तथा जो आयकर दाता न हों तथा जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन/कर्मचारी राज्य बीमा निगम/राष्ट्रीय पेंशन योजना/प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के सदस्य न हों। उन्होंने पंजीयन की प्रक्रिया, अंशदान एवं हितलाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों योजनाओं की प्रक्रिया एक समान है। उपरोक्त दोनों योजनाओं में से किसी भी योजना के पात्र इच्छुक लाभार्थी अपना एक फोटो, आधार कार्ड, बैंक खाता की पासबुक प्रस्तुत करते हुये निकटतम सहज जन सेवा केंद्र (सीएससी) में प्रथम किष्त नकद रूप से जमा करके अपना पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा कोई भी अभिलेख प्रस्तुत नहीं करना है। व्यापारियों के प्रकरण में 1.5 करोड़ का कारोबार अथवा श्रमिकों के प्रकरण में 15 हजार प्रतिमाह तक की मासिक आय के लिए कोई प्रमाण-पत्र नहीं देना है, स्वयं की घोषणा ही पर्याप्त मानी जायेगी। पंजीयन होने के बाद 60 वर्ष की उम्र होने तक मासिक किष्त उनके खाते से स्वतः कटौती करके जमा करायी जायेगी। मासिक किष्त न्यूनतम 18 वर्ष की आयु पर न्यूनतम 55 रूपये प्रतिमाह तथा अधिकतम 40 वर्ष की आयु पर अधिकतम 60 रूपये है जो कि उम्र के अनुसार परिवर्तनषील है। जितनी किष्त लाभार्थी द्वारा जमा की जायेगी उतनी ही किष्त प्रतिमाह भारत सरकार द्वारा लाभार्थी के पेंषन खाते में जमा की जायेगी। इस प्रकार 60 वर्ष की आयु तक लगातार किष्ते जमा करने के बाद 60 वर्ष की आयु होने पर 3 हजार प्रतिमाह पेंषन मिलेगी। यह पेंषन लाभार्थी के जीवित रहने तक प्रतिमाह हमेषा मिलती रहेगी तथा लाभार्थी की मृत्यु हो जाने पर उसके पति-पत्नी को आधी पेंषन उसके जीवन काल तक मिलती रहेगी। कोई भ्ी अंषदाता लाभार्थी यदि बीच में योजना छोड़ना चाहे तो छोड़ सकता है, ऐसी स्थिति में उसके द्वारा जमा की गई रकम ब्याज सहित वापस मिल जायेगी। इसी प्रकार अंषदाता लाभार्थी की मृत्यु अथवा पूर्ण स्थायी अपंगता की स्थिति में उसके पति-पत्नी यदि योजना को आगे चलाना चाहें तो निरन्तर किष्त जमा करके आगे पूरी अवधि तक चला सकते हैं तथा यदि न चलाना चाहें तो जमा की गई रकम ब्याज सहित वापस प्राप्त कर सकते हैं।
