मीडिया हाउस 26 ता. राँची- मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को निर्देश दिया है कि वह पहले से ही चल रही गांवों के हर घर में नल से जल देने की योजना को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करे। इसे जलस्रोत की उपलब्धता के अनुसार मेगा (सतही जल स्रोत) और माइक्रो (भूगर्भ जल) योजना से अमली जामा पहनाने का निर्देश दिया। साथ ही मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों के साथ साथ ग्रामीण इलाके के सार्वजनिक स्थलों पर भी शौचालय का निर्माण करायें। उन शौचालयों की देखरेख का भी मैकेनिज्म डेवलप करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक राशि तय कर पंचायतों, दुकानदारों, धार्मिक स्थलों के प्रबंधक आदि का सहयोग लिया जा सकता है। मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी झारखंड मंत्रालय में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और ग्रामीण विकास विभाग की चालू योजनाओं और आगे की कार्य योजना की समीक्षा कर रहे थे।
पेयजल की जरूरतों को पूरा करने की योजना पर निरन्तर काम करें
मुख्य सचिव ने बढ़ती शहरी आबादी और घटते जलस्रोतों की विश्व व्यापी चुनौती पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पेयजल की जरूरतों को पूरा करने की योजना पर निरन्तर काम करें। उन्होंने इसके लिए सभी बड़े शहरों और छोटे शहरों के लिए अलग अलग कार्ययोजना तैयार करें।
विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह ने कहा कि तकनीक के इस युग में यह बाध्यता नहीं रही कि शहरों के पास ही जलाशय विकसित हों। वह शहरों से बड़ी दूरी पर भी हो सकता है, जहां से पेयजलापूर्ति हो सकती है।
पानी की बर्बादी रोकें और पानी के समुचित उपयोग की आदत डलवायें
मुख्य सचिव ने कहा है कि पेयजलापूर्ति के दौरान पानी की बर्बादी रोकने के भी पुख्ता उपाय होने चाहिए। विभाग को इसके लिए नई सोंच के साथ पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग की ई-जल योजना से पेयजलापूर्ति की मॉनिटरिंग और वाटर फ्लो मीटर लगाने की योजना अच्छी है। इससे शहरी पेयजलापूर्ति की केंद्रीयकृत निगरानी हो सकेगी। वहीं मुख्य सचिव ने पाइप लीकेज या पाइप फटने से होनेवाली पानी की बर्बादी रोकने और लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सड़क की क्रसिंग के पास हैवी ट्रैफिक के दबाव से पाइप क्षतिग्रस्त होने की आम शिकायत का भी हल ढूंढने का निर्देश दिया। साथ ही पुरानी जीआई पाइप पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। एक बार फिर दोहराया कि शहरों में किसी भी हाल में वाटर टावर नहीं बनाएं। उन्होंने आम लोग पानी का समुचित उपयोग करें, इसकी आदत डलवाने के लिए हर घर में वाटर मीटर अनिवार्य करने को कहा।
ग्रामीण विकास विभाग सखी मंडलों के अच्छे कार्यों की पुस्तिका बनाए
मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि विभाग राज्य में अच्छा कार्य कर रही सखी मंडलों की उपलब्धियों, विशेष रूप से प्रत्येक लाभुकों की सूची और उन्हें हो रहे अतिरिक्त आय के डाटाबेस के साथ एक पुस्तिका बनाने का निर्देश दिया।
राज्य व केंद्र की समान प्रकृति के काम को एकीकृत करें
मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास की बहुत सारी राज्य योजनाओं को उससे मिलती-जुलती केंद्र की योजनाओं के साथ एकीकृत करने पर बल दिया। उन्होंने चालू योजना टेक होम राशन के सफल क्रियान्वयन पर फोकस करने का निर्देश दिया। साथ ही डीडीयू-जीकेवाई का डाटा अपडेट करने को कहा। मुख्य सचिव ने सभी जिलों को चालू योजनाओं की प्रगति को निरन्तर मॉनिटर करने का निर्देश दिया। जो अच्छी प्रगति करें और जो कम प्रगति करें सबके एसीआर में भी यह दर्ज होना चाहिए, ताकि कार्मिक विभाग उनके प्रमोशन आदि के वक्त इसका उपयोग कर सके। वहीं प्रखंडों में पंचायतों की संख्या के आधार पर कर्मियों के प्रतिनियुक्ति की जाय। समीक्षा बैठक में विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सचिव आराधना पटनायक, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।