मीडिया हाउस 9ता.रांची-राज्य स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष द्वारा 24 घंटे लोगों को कोविड -19 से बचाव के लिए सहयोग एवं सलाह दिए जा रहे। अभी तक राज्य स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष में 7,498 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें 4,300 शिकायतों का समाधान किया जा जा चुका है। खाद्य आपूर्ति से संबंधित 2,869 , चिकित्सा संबंधित 478, विधि व्यवस्था से संबंधित 383, झारखंड में फंसे 369 एवं 201 अन्य शिकायतों का समाधान कर लिया गया है। शेष शिकायतों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जा रही है।
करोना नियंत्रण कक्ष में गढ़वा जिले के चिनिया प्रखंड के चंदन गुप्ता सहित लगभग 20 मजदूर राजस्थान राज्य के जोधपुर शहर से घर लौटे थे द्वारा जानकारी मिली कि इन लोगों के पंचायत सचिवालय में क्वॉरेंटाइन किया गया था । क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाद्य सामग्री की उपलब्धता नहीं होने के कारण लोगों के समक्ष खान-पान की समस्या उत्पन्न हो गयी थी। श्री चंदन द्वारा 181 के माध्यम से शिकायत दर्ज कराया गया, जिसके बाद गढ़वा जिला पदाधिकारी ने इसका संज्ञान लिया और क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाद्य सामग्री की उपलब्धता कराई गई।
रांची के सुखदेव नगर निवासी जो एचआईवी एड्स से पीड़ित है की दवाइयां खत्म हो गयी थी और लॉक डाउन की वजह से वे अपनी दवाई लेने में असमर्थ थे इनके 181 में कॉल करने पर कोरोना नियंत्रण केंद्र द्वारा सिविल सर्जन रांची से संपर्क किया गया, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित बीमारी की दवाई रिम्स रांची से उपलब्ध कराई गई।
पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड के सोनी कुमार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण उन्हें खाने की समस्या उत्पन्न हो गई थी । जिसका उन्होंने 181 पर शिकायत किया, जिसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी के निर्देश अनुसार ग्राम पंचायत के माध्यम से उन्हें 10 किलो चावल उपलब्ध कराया गया।
*स्वास्थ्य कर्मियों को COVID -19 के संक्रमण से बचाने के लिए रांची में ही विकसित की जा रही पीपीई किट।
कोविड-19 से फैले विश्व व्यापी महामारी के संदिग्धों को पहचानने के लिए झारखंड सरकार के स्वास्थ्य कर्मी लोगों के बीच जाकर उनका कोविड-19 हेतु सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं। इस क्रम में उनके पास अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई किट का सहारा होता है । पीपीई किट के अधिक से अधिक उपलब्धता बनाने के लिए रांची प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इस हेतु सरकार और प्रशासन द्वारा किट बनाने के लिए आवश्यक सामग्रियों को अरविंद मिल्स, ओरियंट क्राफ्ट एंड आशा इंटरप्राइजेज को उपलब्ध कराई जा रही है।
पीपीई किट दो तरह का बनाया जा रहा है 90 जीएसएम तर्पॉलिन प्लास्टिक और 50 जीएसएम एलडीपीई से। 90 जीएसएम तर्पॉलिन प्लास्टिक से बने किट को धोने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है वहीं 50 जीएसएम एलडीपीई से बने किट का एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है । यह वातावरण में आसानी से डिस्पोज भी हो जाता है । अभी इन किटों का रोजाना 100 यूनिट प्रोडक्शन किया जा रहा है। इसकी आवश्यकता को देखते हुए उत्पादन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इसकी लागत 300 रुपये प्रत्येक युनिट है। जमशेदपुर और पाकुड़ में भी इसके 50-50 युनिट भेजे गये है। सरकार द्वारा मास्क बनाने के लिए सखी मंडल की सहायता ली जा रही है। सखी मंडल द्वारा तैयार मास्क जिसकी मार्केट कीमत 50 रुपये के आसपास है वह 5 रुपये से कम लागत पर बनाया जा रहा और इसे बार-बार सैनीटाइज करके इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह के मास्क को 7 रुपये में लोगो को उप्लब्ध कराय जाएगा और इससे बचे 2 रुपये को इस कार्य मे लगी महिलाओं के हित के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा।