मीडिया हाउस न्यूज ऐजेन्सी 26ता.सोनभद्र-जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम उ0प्र0 अधिनियम 1948 की धारा की उपधारा (1) के अन्तर्गत शासनादेश संख्या-778/12-एफ/1948, दिनांक 11 सितम्बर, 1954 के शासनादेश संख्या-347/12-90/1947 दिनांक 30.05.1963 द्वारा निर्गत नियम के उप नियम 1 से 4 को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश देता हूॅ।
1- यह आदेश उन सभी तालाबों, जलाशयों, नदियों की समस्त जल धाराओं पर प्रभावी होंगें जो सोनभद्र जनपद की सीमा में है, और जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र द्वारा यथाविधि व्यक्तिगत अथवा धार्मिक नहीं घोषित किये गये हो। 2-कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने के प्रयास करेगा। 3- कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई, 2020 से 30 सितम्बर, 2020 तक मत्स्य जीरा अथवा अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा और न ही बेचेगा तथा 01 जुलाई, 2020 से 31 अगस्त, 2020 का प्रजजन शील मछलियों को न तो पकड़ेगा, न ही मारेगा और न ही बेचेगा जब तक कि उसके पास मत्स्य विभाग सोनभद्र उ0प्र0 द्वारा निर्गत वैद्य लाइसेन्स न हो। यह प्रतिबन्ध शासनादेशानुसार परिशिष्ट एवं समय-समय पर शासनादेश द्वारा इसमें की गयी संशोधन के अनुसार जल खण्डों पर लागू होगा। 4- कोई भी व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने के लिए कोई अवरोध नहीं लगायेगा और न ही ऐसा करने मत्स्य जीरा, अंगुलिका और मछली नहीं पकड़ेगा अथवा नष्ट करेगा और न ही पकड़ने अथवा नष्ट करने का प्रयास करेगा। इन आदेश के उल्लंघन में लगाये गये अवरोधक सामग्रियों तथा पकड़े गये मत्स्य जीरा एवं मछली सहित जब्त कर ली जायेगी। उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन उ0प्र0 मत्स्य अधिनियम-1948 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
