मीडिया हाउस न्युज ऐजेन्सी 18 ता.सोनभद्र-नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण को रोकने व संक्रमित व्यक्ति को मानक के अनुरूप क्वारंटाइन व होम क्वारंटाइन करने की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र के टेलीफोन नम्बर-05444-222384,05444-223676, 05444-222377, वाट्स-अप मो0 नं0-8440127440 पर कोविड- हास्पिटल लेबिल-1, लेबिल-2 तथा अन्य स्तरों से प्राप्त शिकायतोें का निस्तारण गुणवत्ता पूर्ण तरीके से किया जाय तथा शिकायत निस्तारण की पुष्टि शिकायतकर्ता से करते हुए उसकी प्रमाणिकता भी अभिलेख के रूप में रखा जाय। कन्ट्रोल रूम से सम्बन्धित अधिकारी गुणवत्ता पूर्ण तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण करायें अन्यथा लापरवाही के एवज में खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहें।
उक्त निर्देश जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने नोवेल कोरोना वायरस के नियंत्रण सम्बन्धी कलेक्ट्रेट स्वागत कक्ष में स्थापित एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण के दौरान सम्बन्धितों को दिया। जिलाधिकारी ने कन्ट्रोल रूम के अभिलेखों का जायजा लिया और कमियां पाये जाने पर सम्बन्धितों का दायित्वबोध कराते हुए फटकार लगायी। उन्होंने कहाकि कोरोना से संक्रमित होने वाले नागरिकों का मानक के अनुरूप फार्म भरवाया जाय और मानक पूरा होने पर उन्हें होम क्वारंटाइन की अनुमति दी जाय। उन्होंने कहा कि संदिग्ध मामलें में आधार कार्ड व अन्य कागजातों को जरूर लिया जाय और प्राप्त होने वाली शिकायतों को दर्ज करते हुए अनुपालन कराते हुए शिकायतों के निस्तारण का अनुपालन करते हुए शिकायत कर्ता से वार्ता करके निस्तारण की पुष्टि की जाय। उन्होंने कहाकि होम आईसुलेशन में रहने वाले नागरिकों से रोजाना वीडियों कालिंग करके मानक का अनुपालन करने की पुष्टि करायी जाय। निरीक्षण के दौरान होम क्वारंटाइन का मानक न पूरा करने की स्थिति में होम क्वारंटाइन कराने पर लापरवाह डाॅ0 अनिल को फटकार लगाते हुए तत्काल जवाब-तलब किया। उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों/कार्मिकों की कार्यगुजारी की चेकिंग राजस्व विभाग से भी करायी जाय। उन्होंने कहा कि प्राप्त शिकायतों का फाॅलोअप रोजाना पारदर्शी तरीके से प्रस्तुत किया जाय।
जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने जिला कन्ट्रोल रूम के निरीक्षण के बाद लिखित रूप से स्वास्थ्य विभाग को दायित्वबोधक कराते हुए हिदायत दी है कि कोरोना संक्रमण की जाॅच के लिए ब्लड सैम्पल कलेक्शन कर रही टीमो को साफ तौर पर जिम्मेदारी है कि सैम्पल दाता द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले मोबाइल/सम्पर्क नम्बर को मौके से ही काल करके उसकी हकीकत को जानने के बाद मोबाइल नम्बर को अभिलेख में दर्ज करें और हर मुमकिन कोशिश किया जाय कि सम्बन्धित ग्राम प्रधान, आशास या अन्य कोई स्थानीय कार्मिक से उस व्यक्ति की रिहायशी पते की तसदीक की जाय। सैम्पल देने वाले के संदिग्ध होने की स्थिति में उसका आधार कार्ड/निर्वान कार्ड जैसे पुष्टि अभिलेख जरूर लिये जायें। उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना संक्रमण परीक्षण के लिए स्थापित स्टैटिक बूथों के माध्यम से सैम्पल लेने की स्थिति में सैम्पलदाता के मोबाइल नम्बर की पुष्टि के साथ ही अभिलेखात्मक अभिलेख जरूर प्राप्त किया जाय। उन्होंने निर्देशित किया है कि कोविड-19 हास्पिटल एल-1, एल-02 व एल-3 में भेजे गये मरीजों से वार्ता करके उनके स्वास्थ्य सम्बन्धी फीडबैक नियमित रूप से प्राप्त किया जाय। उन्होंने निर्देशित किया है कि होम आईसुलेशन में रखे जाने वाले संक्रमित व्यक्तियों के लिए सम्बन्धित चिकित्सक द्वारा अधूरे मानक पर होम आईसुलेशन कराना बेहद नाकाबिले बर्दाश्त है, लिहाजा स्वास्थ्य विभाग के सम्बन्धित डाॅक्टर उच्च स्तर से निर्धारित मानकों के पात्रता को पूरी कराने के बाद ही होम आईसुलेशन की अनुमति दें। होम आईसुलेशन के लिए मानक प्र-पत्र को भरे बिना सम्बन्धित डाॅक्टर द्वारा अनुमति न दी जाय। जिला नोवेल कोरोना कन्ट्रोल के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम के अलावा अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह, अपर मुख्य चिक्त्सिाधिकारी डाॅ0 सलिल श्रीवास्तव, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी ऋतुराज सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी डाॅ0 राकेश तिवारी सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।
