

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 15ता.ऋषिकेश- परमार्थ गंगा आरती में रामानंद सागर के ‘धारावाहिक रामायण’ में माँ सीता का किरदार निभाने वाली मशहूर एक्टर दीपिका चिखलिया और धारावाहिक शकलका बूम बूम, जय गंगा मैया, गायत्री महिमा, फिल्म नायक, द सुपर हीरो, अंजाने द अननोन, और बहुत सी फिल्मों में सह अभिनेत्री के रूप में कार्य करने वाली एक्टर और एंकर एकता जैन, इश्कबाज सीरियल के नायक अंकित राज नायक और डार्क चाॅकलेट के अभिनेता शाताफ फिगर ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने परमार्थ निकेतन पधारी फिल्म ‘हिन्दुत्व’ की टीम को शुभकामनायें देते हुये कहा कि फिल्म हिन्दुत्व के माध्यम से लोग देवभूमि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य एवं सुरम्य प्राकृतिक वातावारण को जान पायेंगे। स्वामी जी ने कहा कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिये साहित्य और सिनेमा का बहुत बड़ा योगदान है इसलिये फिल्मों और धारावाहिक के माध्यम से जो दिखाया जाता है वह राष्ट्रभक्ति एवं एकता की भावना को बढ़ाने वाला हो क्योंकि फिल्में वह माध्यम है जिससे मानवता की बहुत बड़ी सेवा हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिल्में वास्तव में समाज का दर्पण होती है और उनकी भूमिका भी बहुआयामी है इसलिये सिनेमा को समाज हितैषी और मागदर्शक की भूमिका निभाना होगा।
एक्टर दीपिका चिखलिया ने कहा कि अक्सर हमें लगता है कि हम बेहद व्यस्त जीवन जीते हैं और हमें लगता है कि हमारे पास खुद के लिए भी पर्याप्त समय नहीं है परन्तु परमार्थ निकेतन जैसे आध्यात्मिक व पवित्र स्थान पर आकर यहां की दिनचर्या ने मुझे खुद से जुड़ने और जानने का मार्ग दिखाया। एक्टर एकता जैन ने आज अपने धारावाहिक की शूटिंग परमार्थ निकेतन और परमार्थ गंगा तट पर की। इस दौरान उन्होंने गंगा नन्दिनी से भेंट कर आश्रम में होने वाली आध्यात्मिक, पर्यावरणीय और सेवा कार्यो के विषय में जाना। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन अत्यंत मानसिक शान्ति देने वाला स्थान है। इस दिव्य स्थान पर आकर मैं अपने आप से इस प्रकार जुड़ गयी हूँ मानों मैं अपनी हर धड़कन और श्वास को सुन सकती हूँ। फिल्म ‘हिन्दुत्व’ की टीम ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया। हिन्दुत्व की पूरी टीम को सुश्री गंगा नन्दिनी ने परमार्थ साहित्य और रूद्राक्ष का पौधा स्वामी जी के आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया।
मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 7ता. देहरादून-उत्तराखंड के चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है। इससे से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसके साथ ही वहां काम कर रहे कई मजदूरों के बहने की आशंका है। राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं।
ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है। इसके साथ ही घाटों के किनारे रह रहे बेसहारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। टिहरी में भी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे अलर्ट जारी किया है। देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। वहीं, नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटाया जा रहा है। नदी किनारे सभी क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है। अलर्ट के मद्देनजर हरिद्वार के जगजीतपुर में मातृ सदन के पास जंगल में लकड़ी लेने गई महिलाओं को वापस बुलाते पुलिसकर्मी। ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद अलकनंदा उफान पर है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे सभी लोगों को अलर्ट कर दिया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी तैनात कर दी गई है। डीएम, एसपी मौके पर हैं। जिला आपदा प्रबंधन पूरी तरह से अर्लट है।
-उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र रावत ने हादसे के मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया।
-डीजीपी अशोक कुमार ने ट्विट कर कहा कि श्रीनगर में अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है।
-देवप्रयाग और निचले इलाकों के लोगों के लिए अब खतरे की कोई बात नहीं है।
-अभी तक सात शव निकाले जा चुके हैं, 150 श्रमिक अभी भी लापता, जबकि पांच पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
-एनटीपीसी की धौलींगगा परियोजना का बांध, गेस्ट हाउस, आवासीय भवन क्षतिग्रस्त। ऋषिगंगा हाइड(प्रोजेक्ट भी क्षतिग्रस्त।
– आइटीबीपी, एसडीआरएफ, एसएसबी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ की टीमें मौके के लिए रवाना। सेना की छह टुकडियां, एक इंजीनियरिंग विंग तपोवन पहुंची।
– स्वास्थ्य विभाग की टीम रैणी पहुंची।
– एनडीआरएफ की एक अन्य टीम तपोवन के लिए रवाना।
– नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा का पानी 533.60 मीटर पर स्थिर।
-तपोवन में दूसरी टनल में फंसे 35 से 36 श्रमिकों का रेस्क्यू जारी। टनल को खोलन में जुटी टीम।
-अभिनेता अक्षय कुमार ने सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की है।
-आइटीबीपी ने तपोवन में टनल में फंसे सभी 16 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है।
-भारतीय नौसेना की सात गोताखोर टीमें उत्तराखंड में राहत-बचाव ऑपरेशन के लिए स्टैंडबाय पर हैं- भारतीय नौसेना के अधिकारी।
-मलारी के पास एक सीमा सड़क संगठन पुल बाढ़ से बह गया है। महानिदेशक बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे बहाल करने के निर्देश दिए हैं। दुकानों और कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है।
-आइटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल ने बताया कि 9-10 शव नदी से बरामद किए गए हैं। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 250 आइटीबीपी के जवान मौजूद हैं।
-तपोवन क्षेत्र के रेनी गांव में सेना के चार कॉलम, दो मेडिकल टीम और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है।
-डीआइजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने दी बताया कि तपोवन की दो टनलों में 46 लोग फंसे हुए हैं। इनमे एक टनल में 16 और दूसरी में 30 लोग हैं। दोनों टनल्स बंद हैं। यहां से इन्हें रेस्क्यू करने की तैयारी चल रही है।
-एसडीआरएफ की सात टीमें रेस्क्यू में जुटीं हुई हैं। खुद सेनानायक ने कमाल संभाली है। टीमें लापता और नदी में डूबे व्यक्तियों को निकालने में जुटी।
-डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि टनल में 15-16 लोग फंसे हुए हैं। उनसे संपर्क जारी है। जल्द ही उनका रेस्क्यू कर लिया जाएगा।
-बीआरओ शिवालिक परियोजना के चीफ इंजीनियर आशू सिंह राठौड़ ने बताया कि घटनास्थल पर उनकी टीम मौजूद है और रेस्क्यू के काम में जुटी हुई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनडीआरएफ की तीन टीमें उत्तराखंड पहुंच गई हैं। अधिक टीमें दिल्ली से उत्तराखंड के लिए रवाना होने के लिए तैयार हैं। आइटीबीपी के जवान भी हैं। मैं उत्तराखंड के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है। मदद को और भी बढ़ाया जाएगा।
सुबह 10:40 बजे: चमोली जिले के ऋषिगंगा नदी में हिमखंड टूटने से नदी ने लिया रौद्र रूप
सुबह 10:55 बजे: रेणी में ऋषिगंगा-2 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा तोड़कर आगे बढ़ा पानी का सैलाब
सुबह 11:10 बजे: ऋषिगंगा-1 और देवडी बांध को क्षतिग्रस्त कर बहाव आगे बढ़ा।
सुबह 11:25 बजे: धौलीगंगा और ऋषिगंगा के संगम के बाद तपोवन पहुंचा अलकनंदा नदी का पानी, तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान कर सैलाब आगे बढ़ा।
सुबह 11:45 बजे: जोशीमठ को पार कर विष्णुगाड-पिपलकोटी परियोजना तक पहुंचा बाढ़ का पानी।
दोपहर 12.12 बजे: चमोली को पार कर नंदप्रयाग पहुंचा पानी।
दोपहर 1:00 बजे: चमोली जिले में कर्णप्रयाग पार करने के बाद पानी के बहाव में आई कुछ कमी।
दोपर 1:20 बजे: रुद्रप्रयाग जनपद को पार कर श्रीनगर के करीब पहुंचा बाढ़ का पानी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, उत्तराखंड में आपात स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात की जा रही है और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों की लगातार जानकारी ली जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘इस संबंध में सीएम त्रिवेंद्र रावत से बात की गई है। डीजी आइटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से भी बात की गई है। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ बचाव कार्य के लिए निकल गई है। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।’
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने ट्वीट किया, उत्तराखंड के चमोली जिले में अकस्मात ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न परिस्थितियों को लेकर प्रशासन सजग है। सीएम त्रिवेंद्र रावत खुद राहत और बचाव कार्य देख रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से भाजपा कार्यकर्ताओं को पीड़ितों की मदद और प्रशासन के सहयोग में लगाने का आग्रह किया है। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि एनडीआरएफ भी प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो चुकी है। पानी का बहाव अब थोड़ा कम हुआ है। इस कारण निचले इलाकों में रहने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, इस आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। +911352410197, +9118001804375, +919456596190। इन नंबरों पर फोन कर मदद ली जा सकती है।dj
मीडिया हाउस 21ता.नई दिल्ली-विभिन्न भारतीय छात्रों से प्राप्त अभ्यावेदनों को देखते हुए जिनका विदेश में कॉलेज में जाना तय था लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न बदली हुई परिस्थितियों के कारण अब देश में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं, और जेईई (मेन) परीक्षा देना चाहते हैं, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एनटीए को सलाह दी है कि जेईई (मेन) 2020 के फॉर्म भरने के लिए एक अंतिम अवसर दिया जाए। यह उन अन्य छात्रों पर भी लागू होगा जो किसी न किसी कारण से आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए थे या जेईई (मेन) 2020 के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं कर पाए हैं।
?Students who dropped the idea to study abroad, here is your chance to pursue your studies in India.
I have advised @DG_NTA to give one more opportunity to students to submit new/complete online application form for JEE (Main) 2020.
Hurry! Forms available till 24th May. pic.twitter.com/hSwXQ9GBjX— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 19, 2020
कोविड-19 के कारण ऐसे छात्रों को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) उन्हें अब एक और (अंतिम) अवसर दे रही है कि वे नए सिरे से आवेदन करें या ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जेईई (मेन) 2020 को पूरा करें।
यह सभी के ध्यान में लाया जाता है कि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने / पूरा करने की सुविधा केवल 19.05.2020 से 24.05.2020* तक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर उपलब्ध होगी।
ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को जमा करने / पूरा करने के बाद शाम 05.00 बजे तक स्वीकार किया जाएगा और फीस 11.50 बजे तक जमा की जाएगी।
अपेक्षित शुल्क का भुगतान क्रेडिट / डेबिट कार्ड / नेट बैंकिंग / यूपीआई और पेटीएमके माध्यम से किया जा सकता है।
स्पष्टीकरण के लिए, छात्र हमारी वेबसाइट jeemain.nta.nic.inपर अपलोड किए गए बुलेटिन को देख सकते हैं।
उम्मीदवारों और उनके माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए वेबसाइट jeemain.nta.nic.inऔर www.nta.ac.inदेखते रहें। उम्मीदवार अधिक स्पष्टीकरण के लिए 8287471852, 8178359845, 9650173668, 9599676953और 8882356803पर सम्पर्क कर सकते हैं अथवा jeemain@nta.ac.inपर मेल कर सकते हैं।
मीडिया हाउस 25ता.डाला सोनभद्र – मीडिया हाउस द्वारा जारी हेल्पलाइन सेवा से जहा लोगो को राहत मिल रहा है वही दुसरी तरफ स्थानिय क्षेत्र डाला बारी व आसपास के क्षेत्र में कोरोना वायरस से लेकर बाहर से आने वाले लोगों को लेकर तरह तरह की बातें व सूचना प्राप्त होने पर मीडिया हाउस की टीम व चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम मौके पर पहुंच कर उक्त लोगों से मिलकर व वार्ता कर लोगों को जागरूप कर 14 दिनो तक पुर्ण रुप से सेप्टी बरतने, सोशल डिस्टेंसिग के पालन करने, साफ सफाई के साथ घर से बाहर न निकलने की शक्त हिदायत लोगो को दी गई।
1-पप्पू खान, निवासी-डाला बाजार पत्नी, 2 बच्चें के साथ मिर्जापुर शादी से डाला आने की सूचना थी।
2-गुडडु खान (उम्र 32 वर्ष) पिता साबिर खान, बेलाल ( उम्र 30 वर्ष) पिता साबिर खान, निवास-बारी डाला (टाटा एजेंसी ) के चहनिया (चन्दौली) से आने की सूचना थी।
3- राजाराम पिता रामरतन उम्र 38 वर्ष, गुड्डू पिता अमर नाथ उम्र 43वर्ष, निवासी-डाला बाजार ब्यवहारी मध्य प्रदेश से घर लौटने आने की सूचना थी।
4- रजनीश देव पाण्डेय पिता छोटे लाल पाण्डेय उम्र 32 वर्ष ट्रक ड्राइवर, निवासी-नई बस्ती डाला बाजार, अम्बाला (चंडीगढ़) से डाला आने की सूचना थी। जांच के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन के डा.प्रदीप सिंह, कमलेश कनौजिया (पैरामेडिकल स्टाप) मीडिया हाउस डाला के डा.ए.के.गुप्ता (सदस्य/एमएस डब्लू) जिला टीबी फोरम सोनभद्र उपस्थित रहे।
सोनभद्र-कोरोना महामारी बीमारी के जानकारी के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 24 घंटे कोविड-19 कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है, जिसमें रोस्टवार 8-8 घंटे की डाॅक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है, ताकि जिले के कोई भी नागरिक कोरोना बीमारी के लक्षण के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
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कोरोना से संबंधित लोगों की सूचना जिला कन्ट्रोल रुम के मो.नं.पर दें।
9044883492, 9044853492
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डाॅ.सुमन जायसवाल मो.नं…
9451571534, 7317785768
डा.सूबेदार प्रसाद मो.नं…
9450847282
डा.गुरुप्रसाद के मो.नं…
9044440006
पर सीधा वार्ता कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
नोट- कृपया कोरोना वायरस से संबंधित व उक्त मामले को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलाएं। अफवाह फ़ैलाने वाले व गलत जानकारी देने वालो पर सख्त कार्रवाई शासन प्रशासन द्वारा की जायेगी। जिसके लिए उक्त ब्यक्ति स्वम जिम्मेदार होगा।
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आपके आसपास बाहर से आये हुए ब्यक्ति की सही सूचना दें। डा.ए.के.गुप्ता -9935741988
मीडिया हाउस प्रेस कार्यालय डाला सोनभद्र, मीडिया हाउस प्रेस द्वारा जनहित में जारी।
मीडिया हाउस 4ता.नई दिल्ली/रांची-राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस बात की पुष्टि करते हुए कि देश के लोगों ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अनुकरणीय साहस, अनुशासन और एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, दो घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है जिससे कारण इन प्रयासों को झटका लगा है, पहला आनंद विहार में प्रवासी श्रमिकों का जमावड़ा और दूसरा निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का आयोजन है, दोनों ही मामले दिल्ली के हैं।


मीडिया हाउस 7ता.प्रयागराज-प्रयागराज भारतवर्ष का एक पौराणिक नगर है जिसे अनेक कथाएं और मिथक पल-प्रतिपल सतत ही जीवंत रखते हैं। तीर्थों के राज का मतलब प्रयागराज। लेकिन आधुनिक काल की कसौटी पर कसा जाए तो संगम की इस नगरी के लिए जनवरी महीना भी एक ऐतिहासिक संदर्भ में कम महत्वपूर्ण नहीं है। 133 वर्ष पहले 8 जनवरी, 1887 को प्रयागराज से विधायी कार्य-कलापों जो धारा प्रवाहित हुई, वह नित नए आयामों को स्पर्श कर रही है। उस वक़्त उत्तर प्रदेश नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज एंड अवध के नाम से जाना जाता था और तब प्रयागराज का पूर्ववर्ती नाम इलाहाबाद राज्य की राजधानी थी। दरअसल, इसकी नींव 5 जनवरी 1887 को ही पड़ गई थी जब इंडियन काउंसिल एक्ट- 1861 के तहत तत्कालीन प्रदेश में पहली विधानमंडल की स्थापना की गई थी। इसका गौरव इलाहाबाद को मिला।
दरअसल, यह वह काल था जब इलाहाबाद एक नए ऐतिहासिक संदर्भ में करवट ले रहा था। वह नगर जो अपने प्राचीन वैभव को समेटे यानी प्रयागराज के नाम से पूजित था , उस नगर में विधायी कार्यकलाप के नए अध्याय का सूत्रपात हुआ। एक नए युग का श्रीगणेश हुआ जो इस साल अपने 133वें वसंत का स्वागत कर रहा है। तत्कालीन लेजिस्लेटिव काउंसिल फ़ार द नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज एंड अवध के नाम से नवगठित विधानमंडल की पहली बैठक 8 जनवरी, 1887 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक का स्थान का गवाह बना नगर का थार्नहिल मेमोरियल हाल। इस वक्त यहां से सुप्रसिद्ध पब्लिक लाइब्रेरी संचालित हो रही है। पब्लिक लाइब्रेरी भवन अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद पार्क के विशाल परिसर में स्थापित है। अपने शैशवकाल में इस विधानमंडल के केवल 9 सदस्य थे। उल्लेखनीय बात यह थी इन 9 सदस्यों में चार भारतीय जिनके नाम थे-पंडित अजोध्या नाथ, राजा प्रताप नारायण सिंह, रायबहादुर दुर्गाप्रसाद और मौलवी सैय्यद अहमद। बाक़ी सदस्यों में जे डब्ल्यू क्विंटन, टी कोनलन, जे वुडबर्न, एम ए मैकाउंगी और जी ई नाक्स। नाक्स इस सदन के सचिव थे और बैठकों की अध्यक्षता उस वक्त प्रदेश के लेफ़्टिनेंट गवर्नर करते थे। चार भारतीयों का विधानमंडल का सदस्य होना उस वक्त गौरव की बात थी। इन सदस्यों का चयन उनके मेधा व बौद्धिक स्तर को लेकर हुआ था।
बहरहाल, इलाहाबाद के प्रमुख स्थान विधानमंडल की बैठकों के गवाह बने। पहली बैठक 8 जनवरी 1887 के बाद अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद पार्क में अवस्थित थार्नहिल मेमोरियल हॉल( पब्लिक लाइब्रेरी) में 14, मेयो हाल (स्पोर्ट्स कांप्लेक्स) में 17, म्योर सेंट्रल कालेज( वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का विज्ञान संकाय) में 3 और गवर्नमेंट हाउस ( वर्तमान मेडिकल कॉलेज) में तीन बैठकें संपन्न हुईं। निश्चित ही प्रचार व जानकारी के अभाव में लोग नगर के ऐसे गौरवशाली योगदान के बारे में इन महत्वपूर्ण स्थलों के इतिहास के बारे में कम ही अवगत होंगे। यह मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है कि मुझे बचपन से ही प्रयागराज का पावन व अद्भुत सानिध्य मिला। बाल्यकाल से मेरे मानसपटल पर पब्लिक लाइब्रेरी के आयोजनों को धुंधली छवि विद्यमान रही है। लेकिन अब ऐसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कार्यक्रमों में सीधी भागीदारी का अवसर प्राप्त हो रहा है, यह प्रयागराज का ही आशीर्वाद है। प्रसाद है। इसके प्रति मैं हमेशा ही नतमस्तक रहता हूं।
यह भी दिलचस्प है कि विधायी कार्य-कलापों के लिहाज़ से प्रयागराज और लखनऊ का समय के साथ एक विशेष नाता बना। समय के साथ इतिहास भी बदलता है। यह सर्वविदित है। इस कड़ी में प्रयागराज के विधायी कार्य-कलापों के विस्तार देते हुए और वक्त की ज़रूरत के हिसाब से बाद में उसमें लखनऊ जुड़ गया। लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत में अध्यात्म-संस्कृति-विधायी की त्रयी महत्वपूर्ण योगदान दे रही रही है। केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री, उ०प्र०
मीडिया हाउस 7ता.नई दिल्ली- राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने सभी प्रकार के गति अवरोधकों (स्पीड ब्रेकरों) को हटाने के लिए विशेष अभियान शुरु किया गया है। ऐसा विशेष रूप से टोल प्लाजाओं पर सड़क यातायात को सुगम और व्यवधान मुक्त बनाने के लिए किया जा रहा है।
टोल प्लाजों पर फास्टैग को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने तथा नकद में टोल टैक्स वसूलने की व्यवस्था को फास्टैग में परिवर्तित किए जाने के साथ ही वहां बने गति अवरोधकों और रंबल स्ट्रिप्स को वाहनों की आवाजाही आसान बनाने के लिए तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है। विभिन्न श्रेणियों की सड़कों को अलग-अलग परिस्थितियों में वाहनों की गति नियंत्रित करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है ताकि इन पर वाहनों का परिचालन सुगम और सुरक्षित तरीके से हो सके। कुछ स्थानों पर यातायात को नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाए रखने के लिए उनकी गति पर नियंत्रण रखना आवश्यक हो जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि राष्ट्रीय राजमार्गों को बिना किसी बाधा के वाहनों को पूरी गति से आने जाने की सुविधा के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों से स्पीड ब्रेकरों को हटाने का अभियान शुरु किया गया है।
वाहनों की गति तेज या धीमी करते समय गति अवरोधक काफी दिक्कत पैदा करते हैं। इनकी वजह से ईंधन खपत भी ज्यादा होती है तथा यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। गति अवरोधक हटाए जाने से समय और पैसे दोनों की बचत होगी और साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर विशेष रूप से एंबुलेंस गाडि़यों और वृद्ध जनों तथा अस्वस्थ लोगों को लाने ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही आसान हो सकेगी। व्यापक संदर्भ में यह ईंधन की बचत को भी सुनिश्चित करेगा जिसके लिए देश को बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर रहना पड़ता है।इसके अलावा इससे प्रदूषण में भी कमी आएगी। राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही सुगम बनाने के उद्देश्य से फास्टैग प्रणाली को 15 दिसंबर 2019 से लागू किया जा चुका है। इसके माध्यम से टोल संग्रह इलेक्ट्रानिक प्रणाली से किया जाता है। इसके लागू होने के साथ ही टोल प्लाजा पर यात्रियों द्वारा ईटीसी के सकारात्मक प्रभावों को महसूस किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को सुरक्षित, सुचारू और निर्बाध यात्रा प्रदान करने की प्रतिबद्धता की दिशा में स्पीड ब्रेकर-मुक्त राजमार्ग एक और कदम है।
मीडिया हाउस 3ता.मुम्बई-प्रियंका सिंह के द्वारा अभिनीत एवं निर्देशित फिल्म एसिड का आज मुम्बई दिल्ली रांची यूपी में रीलिज हो रही है। प्रियंका सिंह अभिनेत्री एवं निर्माता ने बताया कि यह फिल्म लखनऊ एसिड अटैक सर्वाइवर लड़की रुहाना के साहस पर आधारित फिल्म है। रूहाना लड़की की प्रमुख भूमिका (अभिनेत्री) के रूप में कार्य कर रही हूं। यह फिल्म बदले की भावना व सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
वही दुसरी तरफ बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण जल्द ही अपकमिंग फिल्म ‘छपाक’ में नजर आने वाली हैं। कुछ दिनों पहले रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर को फैंस के काफी अच्छे रिस्पॉन्स दिए है। तभी से फैंस में फिल्म देखने का उत्साह बर्करार है। छपाक 10 जनवरी 2020 में पर्दे पर रिलीज होगी।” वर्कफ्रंट पर दीपिका जल्द ही फिल्म में अहम किरदार निभाती हुई नजर आएंगी। फिल्म में एक्ट्रेस एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार निभाया है। फिल्म में एक्ट्रेस विक्रांत मैसी के साथ स्क्रीन शेयर करेंगी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उद्योग को नंगी आंखों का इस्तेमाल करने की वर्तमान प्रणाली और अनुभव के साथ कार्य स्थल के खतरों की निरंतर निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी संबंधी साधनों और ई-शासन का बेहतर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने खनन क्षेत्र में मानव और कौशल आधारित गलतियों को समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के विकल्प पता लगाने का आह्वान किया। प्रभावी नियंत्रण और निगरानी से जुड़े मामलों पर उपराष्ट्रपति ने विधायी उपायों के साथ उभरती प्रौद्योगिकियों को जोड़ने की सलाह दी। खनन उद्योग की निरंतरता को बनाए रखने के लिए वातावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने की बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पारिस्थितिकी में सुधार करके कर्मचारियों और खनन क्षेत्रों के स्थायी निवासियों को बेहतर माहौल प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि खान सुरक्षा केवल मनुष्य तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि इसमें सभी सजीव वस्तुएं और प्राकृतिक प्रणाली भी शामिल होगी। पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। खनन क्षेत्र ने देश के विकास में अत्यधिक योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र का योगदान हमारे राष्ट्रीय जीडीपी में 2.6 प्रतिशत है और यह 10 मिलियन से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करता है (कोयला और प्रमुख धातु में 2 मिलियन और मामूली खनिजों में 8 मिलियन) भारत को अपने प्रमुख खनिजों की मूल्य श्रृंखला का विस्तार करना चाहिए, ताकि इन संसाधनों को तेज आर्थिक विकास में महत्व मिल सके और साथ ही सुरक्षा, निरंतरता और पर्यावरण पर उसके प्रभाव जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जा सके।आपदा और अन्य दुर्घटनाओं के कारण नुकसान को कम करने के लिए सभी खानों के लिए आपात तैयारी को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने खनन उद्योग और सरकार से कहा कि वह खानों में मॉक रिहर्सल करके जिला प्रशासन, बचाव सेवा, राज्य आपदा मोचन बल और अन्य की आपदा तैयारी की जांच करे। इस अवसर पर श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार, मंत्रालय में सचिव हीरालाल सामरिया, मंत्रालय में संयुक्त सचिव कल्पना राज सिंह, महानिदेशक आर. सुब्रह्मणयम मौजूद थे। जहां 90 से अधिक लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार प्राप्त किए।