मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 28ता.सिंगरौली-क्या इन दौनों समाज में राजनैतिक परिपक्वता, चरित्र, ईमान दारी, कर्तव्य निष्ठा व चातुर्य की कमी है? शायद इन राज नैतिक दलों की यही सोच हो,सो मै कुछ तत्थों पर ध्यानाकर्षण करना चाहता हूँ/ यदि राजनैतिक स्तर पर देखा जाय तो राम राज्य के बाद इतिहास का यदि कोई स्वर्ण काल रहा है ,तो वह था गुप्त काल!! जो कि ईस्वी 260 से प्रारंभ होकर 530 तक रहा, इसे इतिहास में स्वर्ण काल कहा गया इसमे गुप्त वंश ने अपने कृतृत्व से एक नया इतिहास रचा / और आगे चले तो वैश्य समाज के जनक व अग्रोहा धाम की स्थापना करने वाले महाराजा अग्रसेन ने अपने दान शीलता व कार्यों से देश में हिंसा रोकने तथा अपनी राजनीति से एक नया इतिहास रचा ,जिससे प्रेरित होकर अग्रवाल समाज आज भी दान शीलता व धार्मिक प्रवत्ति को बढाने के लिये जाना जाता है/
और आगे बढे ,तो जैन धर्म मे पले बढे दानवीर भामाशाह पर एक नजर डालें ,जिनकी दानवीरता का इतिहास महान शूरवीर महाराणा प्रताप के साथ सदैव लोग पढते रहेंगे, आप ने अपने राष्ट्र की अस्मिता के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया/ बताया जाता है , भामाशाह ने इतना धन दिया कि 25000 सैनिकों का 12 बर्ष तक निर्वाह हो सकता था/ राजा टोडर मल ने वित्त मंत्री के रूप मे अकबर के नव रत्नों मे शामिल होकर भूमि सुधार एवं कृषि सुधार हेतु अनेक कार्य किये इतिहास मे अनेको ऐसे अनेको महा पुरुषो के नाम दर्ज है जिन्होने अपने कार्यों एवं त्याग से इस समुदाय का गौरव बढाया है /
याद करें जब देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा था ,तब एक वैश्य समाज का महा नायक महात्मा गाँधी नोआखाली में आम जनता का दर्द बांट रहा था, उन्होने कभी पद की लालसा नहीं की , पदम विभूषण से सम्मानित स्वतन्त्रा सेनानी , प्रमुख उद्योग पति बाबू घन श्याम दास बिरला ने अपने योग दान से देश को बहुत कुछ दिया परन्तु सत्ता मोह से दूर रहे / राम मनोहर लोहिया से लेकर सीताराम केशरी तक राजनैतिक षडयंत्रो ने वैश्य समाज को आगे नही बढने दिया सदैव राजनैतिक आकाऑ ने उपेक्षा पूर्ण व्यवहार ही किया है / आज भी इस त्यागी, बलिदानी समाज को राजनैतिक भागीदारी से दूर रखने के कुत्सित प्रयास जारी है/ इस समाज को केवल लंच , मँच व धन प्रदान करने बाला ही समझा गया है/ धर्म शाला, गौशाला, पौशाला, रामलीला,रास लीला अनेक धार्मिक कार्यों को गति देने वाला आखिर राजनैतिक भागीदारी से दूर क्यूँ? इस समाज ने घर घर में गीता प्रेस के जरिये रामायण, गीता पहुचाई ,घरों मे सस्ते में समाचार पत्र सुलभ कराये अपराध शून्य यह समाज फिर भी इतना उपेक्षित क्यूँ ? देश का सबसे बडा करदाता , ईमानदारी , महनत व अपने कार्यों से
चौबीस घन्टे जनता की सेवा करने को तत्पर यह समाज राजनैतिक आकाओं की नजर में इतना महत्व हीन क्यूँ?? कुल आबादी का 24 प्रतिशत भागीदारी करने वाले इस समाज की इतनी राजनैतिक दुर्गति क्यूँ ??
सुनियोजित ढंग से हमे विभाजित कर वैश्य समाज के तीन सौ पचास से भी ज्यादा टुकडे किये गये , इसके मूल कारण में जायें तो देश के आबादी का सबसे बडा हिस्सा व कर्म योगी, महनत कश व अहिंसक तथा समाज सेवी वैश्य वर्ग को कमजोर करने की साजिश की गयी, इसी का परिणाम है आज राजनैतिक सह भागिता एवं हिस्से दारी नगण्य है!! अब वैश्य समाज जाग रहा है उसने कर वट ही नही बदली बल्कि उठ खडा हुआ है, जब भी मौका मिला ईमानदारी से बेदाग नेतृत्व भी किया है / चंद्र भान गुप्त व रामप्रकाश गुप्त इसके उदाहरण है/ सीताराम केशरी के बारे में तो कहा जाता था खाता न बही, जो केशरी जी ने कहा वही सही/ अब हम मध्य प्रदेश की बात करें तो वैश्य समुदाय व व्यापारी गण को शामिल कर लें तो इस समुदाय को सभी दलो ने भागीदारी से वंचित ही रखा है नजर दौडायें तो इस समुदाय की सत्ता में भागीदारी नगण्य ही है, अब बात करें जनपद सिंगरौली की ,तो इस समाज को सदैव ही उच्च पदों से वंचित ही रखा गया है कभी भी वैश्य व व्यापारी वर्ग को
सम्मान नहीं दिया गया,
विदित हो इस कोरोना काल में यहाँ के व्यापारी बन्धुऑ व वैश्य समुदाय ने भामाशाह की तरह अपनी तिजोरिया खोलकर असहाय व जरूरत मंदों की सेवा की है लगातार चार महीने तक ट्रामा सेंटर अस्पताल में भोजन वितरण एवं सुरक्षा उपकरणो का वितरण कोई मामूली कार्य नही था परन्तु यह कार्य इन भामा शाहों ने कर के दिखाया , अब वस्त्र वितरण कर हर जरूरतमंद के दरवाजे पर दस्तक दे रहे है / परंतु अफसोस इस वर्ग को सामान्य सीट होते हुए भी महा पौर व स्थानीय निकाय चुनाव में अनदेखी किया जा रहा है जब कि बहुत से अनुभवी व स्वच्छ छवि के किरदार इस समाज में है/ वैश्य महा सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष व भूत पूर्व मंत्री आदरनीय उमा शंकर गुप्त के प्रयास से यह समाज फिर जागृत हुआ है और राज नैतिक सहभागिता व संघर्ष के लिये कमर कस चुका है, अगर वैश्य व व्यापारी समाज की उपेक्षा होती है तो पच्चीस प्रतिशत भागीदारी वाला यह समाज अपनी लडाई स्वयं लडेगा/
सुरेश गुप्त-साँस्कृतिक जिला प्रभारी
वैश्य महा सम्मेलन, सिंगरौली
https://youtu.be/OrAW2WmhBIQ वैश्य समाज परिवार की तरफ से गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 18 ता.म्योरपुर (सोनभद्र) – रौनियार वैश्य समाज को संगठित करने के लिए चली गई जा रही जन संपर्क व जागरूकता अभियान को लेकर जनपद सोनभद्र के अति पिछड़ा इलाका लिला शशिपुर स्थित विद्यालय में समाज की बैठक संपन्न हुई। बैठक की चलती दुर्ग के वरिष्ठ समाजसेवी रामसाई रौनियार और समाज के प्रमुख डॉ। के के गुप्ता (रौनियार), कृष्ण मुरारी गुप्ता के देखरेख में संपन्न हुई, कार्यक्रम का संचालन उमाशंकर रौनियार ने किया। उक्त अवसर पर समाज के वरिष्ठ बुजुर्ग लोगों को कंबल वितरण कर उनका सम्मान किया गया।
रामसहाय रौनियार वरिष्ठ समाजसेवी ने कहा कि समाज द्वारा चलाए जा रहे जन जागरूकता व जनसंपर्क अभियान के तहत समाज के लोगों को बड़ी सफलता मिल रही है, कई गांव के लोग इस बैठक में उपस्थित हैं इस आदिवासी अंचल में निवास करने वाले समाज के सभी लोगों में हैं। हैं। काफी जागरूकता आई है। इसके लिए गांव-गांव में अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है और जोड़ा जा रहा है।
रौनियार वैश्य समाज के नेतृत्वकर्ता डॉ ए के गुप्ता (रौनियार) ने कहा कि वैश्य समाज का यह अभियान पूरे देश प्रदेश के जिलों में चल रहा है, सभी राज्यों के लोगों से जनतापर्क जारी है, बड़े पैमाने पर लोग इकट्ठा हो रहे हैं। समाज के लोगों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न होता रहा है किंतु अब समाज के लोगों का उत्पीड़न वर्गों नहीं किया जाएगा, अपने हक व अधिकार के लिए समाज के लोग आगे आ रहे हैं। रौनियार समाज की 364 उपजातियाँ हैं। राजनीति के क्षेत्र में वैश्य समाज के लोग आने वाले समय और चुनाव में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कृष्ण मुरारी गुप्ता पूर्व चेयरमैन ने कहा कि हम लोग का प्रयास जारी है समाज के लोगों को संगठित करना और इस अभियान में बड़ी सफलता मिल रही है। गांव गांव शहर शहर अभियान चलाकर लोगों को जोड़ा जा रहा है और इसकी गणना भी किए जा रही है ताकि जनपद सोनभद्र के अति पिछड़ा इलाका क्षेत्र से समाज के लोगों को ऊपर उठाया जा सके। उक्त अवसर पर राजेश कुमार गुप्ता व्यापार मंडल अध्यक्ष, डाॅ। राम राम जंगली, बलराम प्रसाद गुप्ता, शिव शंकर प्रसाद एडवोकेट, रामाशंकर रौनियार, प्रेमचंद गुप्ता, शंभू गुप्ता, ब्रह्मदेव रथियार, श्रवण कुमार, दयाशंकर एडवोकेट, सुरेश कुमार गुप्ता, राजू कुमार रौनियार अशर्फीलाल, मनोज कुमार, जगमोहन गुप्ता, संतोष शर्मा , श्री नारायण, अशोक कुमार, लल्लन प्रसाद गुप्ता, नानदेव रौनियार, जगत नारायण, जमुना प्रसाद, बलराम प्रसाद, प्रेमचंद गुप्ता, लल्लन प्रसाद गुप्ता आदि लोग आ रहे थे।
मीडिया हाउस न्यूज़ एजेंसी 30 ता.सोनभद्र- जनपद सोनभद्र में लगभग 40 हजार रौनियार परिवार के लोगों का निवास करना और संगठित होना अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। डॉ ए के गुप्ता (रौनियार) वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी के नेतृत्व में मारकुंडी स्थित श्रवण कुमार रौनियार (प्रधान) के यहां पूर्व चेयरमैन कृष्ण मुरारी गुप्ता (रौनियार) की बैठक में बैठक संपन्न हुई। साथ ही कोरोना काल के दौरान रौनियार परिवार के मृतक हुए राजू गुप्ता (रौनियार), राजकुमारी देवी, संत लाल गुप्ता (रौनियार) के प्रति 2 मिनट का मौन रख समाज के लोगों द्वारा शोक संवेदना व्यक्त की गई है।
बैठक के दौरान कृष्ण मुरारी गुप्ता (रौनियार) पूर्व चेयरमैन ने कहा कि जनपद सोनभद्र में रौनियार समाज के गठन को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जनपद में बड़े पैमाने पर रौनियार वैश्य परिवार के लोग निवास करते हैं। सभी परिवार के लोगों को संगठित किया जा रहा है। ताकि समाज के लोगों को मजबूती मिल सके। और समाज की समस्याओं का निदान हो सके। इसके लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर समाज को मजबूती व गति प्रदान करने की दिशा में कार्य हो रहा है।
डॉ ए के गुप्ता (रौनियार) ने कहा उत्पीड़न, शोषण, उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं। रौनियार वैश्य समाज के लोगों की काफी उपेक्षा हो रही है। अब समाज के लोग इस उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसीलिए समाज को संगठित किए जाने का कार्य किया जा रहा है। जन जागरूकता अभियान के तहत सोनभद्र के सभी गांव नगर में जाकर, बैठक कर जागरुक व संगठित किया रहा है। ताकि सभी लोग जागरूक हो सकें। हम सभी लोगों का मूल उद्देश्य कि हमारे समाज का उत्थान हो।
रामसहाई रौनियार ने कहा कि म्योरपुर ब्लॉक में बड़े पैमाने पर समाज के लोग हैं। अशिक्षा के कारण अभी लोग पूर्ण रूप से जागरूक नहीं हो पाए हैं। जिससे उनका उत्पीड़न होता है।इस समाज के गठन हो जाने से समाज में उत्पन्न होने वाली समस्याओं का निदान होगा और मजबूत कड़ी के रूप में यह समाज खड़ा होगा। उक्त अवसर पर कई वक्ताओं ने अपने अपने विचार व समाज के बीच उत्पन्न हो रही परेशानियों से भी लोगों को अवगत कराते हुए संगठित होने की बात कही। कृष्ण मुरारी गुप्ता (रौनियार) पूर्व चेयरमैन, डॉ.ए के गुप्ता (रौनियार), राजकुमार गुप्ता उर्फ तरुण (रौनियार), राजेश गुप्ता (रौनियार) संगम लाल गुप्ता (रौनियार) राजन गुप्ता (रौनियार) रामजी गुप्ता (रौनियार) श्रवण कुमार गुप्ता (रौनियार) रामसहाई रौनियार, अशर्फीलाल रौनियार, दयाशंकर रौनियार, रामप्रकाश गुप्ता (रौनियार) अशोक कुमार गुप्ता (रौनियार), श्यामसुंदर रौनियार, संतोष रौनियार, चतुरी प्रसाद रौनियार, सुरेश गुप्ता रौनियार, दिनेश गुप्ता रौनियार, हनुमान दास रौनियार, राजू रौनियार, आकाश रौनियार, मनोज रौनियार, विजय कुमार रौनियार, आशीष रौनियार, दयाशंकर रौनियार, संजय गुप्ता (रौनियार) आदि लोग उपस्थित रहे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोयला मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में वाणिज्यिक कोयले की नीलामी के अंतर्गत, 3 अन्य नए खानों के साथ 5 खानों को बदलने वाले सुझाव को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राज्य में व्यावसायिक नीलामी के लिए 9 खानों को रखा गया है। श्री जोशी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ रायपुर में बैठक की। उन्होंने कहा कि यह बैठक बहुत ही सकारात्मक, प्रगतिशील और खुले विचारों वाली थी और राज्य में कोयला और अन्य खनिज संपदाओं से जुड़े हुए मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा डीएमएफ और एनएमईटी पर अच्छे सुझाव दिए गए हैं जिन पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ हुए बैठक के दौरान, छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) की रेलवे लाइन को स्थानांतरित करने के लिए, 15 दिन में सीआईएल, छत्तीसगढ़ सरकार और महाजेन्को के अधिकारियों की एक समिति बनाकर प्रस्ताव लेने का निर्णय लिया गया। एक महीने में, सीएमपीडीआई और छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों द्वारा फ्लाई ऐश को गिराने के लिए खनन भूमि का उपयोग करने हेतु भी एक अन्य प्रस्ताव लाया जाएगा। कोयला के खुदरा उपभोक्ताओं के लिए कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा एक नोडल एजेंसी बनाया जाएगा। राज्य में कोयले से जुड़े हुए छोटे-मोटे अपराधों को रोकने पर भी विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय मंत्री ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के प्रदर्शन की समीक्षा की। उन्होंने कोविड-19 संकट के दौरान कोयला योद्धाओं द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने स्पंज आयरन एंड स्टील उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए कोयला खनन के महत्व पर बल देते हुए, उन्होंने कहा कि इस राज्य के पास एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान है और यह देश की बिजली आपूर्ति की मांगों को पूरा करने की दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोयला खनन से छत्तीसगढ़ को संवृद्धि और विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने में भी मदद मिल रही है। पिछले 4 वर्षों में, एसईसीएल द्वारा वैधानिक शुल्क के हिस्से के रूप में राज्य को 13,200 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का भुगतान किया गया है। यही नहीं, कोयला उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, एसईसीएल अगले 4 वर्षों में राज्य के खजाने को राजस्व के रूप में लगभग 22,900 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। एसईसीएल की स्वामित्व वाली कंपनी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अगले 4 वर्ष में पूरे छत्तीसगढ़ में आधारभूत संरचना को विकसित करने के लिए 26,000 करोड़ रुपये की कैपेक्स योजना बनाई है। कोयला की निकासी तीव्र गति के साथ और सुचारू रूप से करने के लिए नई अवसंरचनाओं का निर्माण करने हेतु सरकार के प्रयासों पर रोशनी डालते हुए, श्री जोशी ने कहा कि छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल), एसईसीएल, इरकॉन और सीएसआईडीसी का संयुक्त उपक्रम रेल कॉरिडोर विकसित कर रहा है। सीईआरएल ने अब तक 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैपेक्स खर्च किया है। सीईआरएल रेल कॉरिडोर का मतलब, देश में बढ़ती हुई कोयले की आवश्यकताओं को पूरा करने और इस क्षेत्र में यात्री ट्रेनों की कनेक्टिविटी प्रदान करने में कोयला निकासी के कारण हो रही लॉजिस्टिक चुनौतियों से निपटना है। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 193 किलोमीटर है और इसे दो चरणों में विकसित किया जा रहा है। पहला चरण, खरसिया से धरमजयगढ़ तक है जिसकी लंबाई 131 किलोमीटर है, जबकि 62 किलोमीटर की लंबाई के साथ दूसरा चरण कोरमा के साथ धरमजयगढ़ में कोल खदान के गारे-प्लामा ब्लॉक तक जाएगा। पहले चरण में, खरसिया से कोरिचापार तक 43 किलोमीटर लंबे खंड को माल यातायात के लिए पहले ही चालू किया जा चुका है।
मीडिया हाउस 21ता.नई दिल्ली-विभिन्न भारतीय छात्रों से प्राप्त अभ्यावेदनों को देखते हुए जिनका विदेश में कॉलेज में जाना तय था लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न बदली हुई परिस्थितियों के कारण अब देश में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं, और जेईई (मेन) परीक्षा देना चाहते हैं, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एनटीए को सलाह दी है कि जेईई (मेन) 2020 के फॉर्म भरने के लिए एक अंतिम अवसर दिया जाए। यह उन अन्य छात्रों पर भी लागू होगा जो किसी न किसी कारण से आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए थे या जेईई (मेन) 2020 के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा नहीं कर पाए हैं।
?Students who dropped the idea to study abroad, here is your chance to pursue your studies in India.
I have advised @DG_NTA to give one more opportunity to students to submit new/complete online application form for JEE (Main) 2020.
Hurry! Forms available till 24th May. pic.twitter.com/hSwXQ9GBjX— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 19, 2020
कोविड-19 के कारण ऐसे छात्रों को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) उन्हें अब एक और (अंतिम) अवसर दे रही है कि वे नए सिरे से आवेदन करें या ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जेईई (मेन) 2020 को पूरा करें।
यह सभी के ध्यान में लाया जाता है कि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने / पूरा करने की सुविधा केवल 19.05.2020 से 24.05.2020* तक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर उपलब्ध होगी।
ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को जमा करने / पूरा करने के बाद शाम 05.00 बजे तक स्वीकार किया जाएगा और फीस 11.50 बजे तक जमा की जाएगी।
अपेक्षित शुल्क का भुगतान क्रेडिट / डेबिट कार्ड / नेट बैंकिंग / यूपीआई और पेटीएमके माध्यम से किया जा सकता है।
स्पष्टीकरण के लिए, छात्र हमारी वेबसाइट jeemain.nta.nic.inपर अपलोड किए गए बुलेटिन को देख सकते हैं।
उम्मीदवारों और उनके माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए वेबसाइट jeemain.nta.nic.inऔर www.nta.ac.inदेखते रहें। उम्मीदवार अधिक स्पष्टीकरण के लिए 8287471852, 8178359845, 9650173668, 9599676953और 8882356803पर सम्पर्क कर सकते हैं अथवा jeemain@nta.ac.inपर मेल कर सकते हैं।
मीडिया हाउस 29ता.भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में कोरोना पर नियंत्रण के प्रयासों में निरंतर सफलता मिल रही है। पूरी सावधानी, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 30 अप्रैल से राज्य मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल और अन्य राज्य-स्तरीय कार्यालय 30 प्रतिशत अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ प्रारंभ होंगे।
अधिकारियों के दल करेंगे निरीक्षण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य में कोरोना नियंत्रण के हरसंभव उपाय किए गए हैं। अधिक प्रभावित जिलों में अधिकारियों के दल जाकर सभी पक्ष देखेंगे। ये दल जिलों में कैम्प कर निरीक्षण के बाद स्थानीय प्रशासन को कोरोना वायरस पर नियंत्रण, उपचार, लॉकडाउन से संबंधित व्यवस्थाओं के निर्धारण में भी सहयोग करेंगे।
निरंतर कम हो रहे कोरोना पॉजीटिव रोगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सुखद संकेत है कि राज्य में कोरोना पॉजीटिव रोगियों की संख्या कम हो रही है। इसके साथ ही, अस्पतालों से डिस्चार्ज होने वाले व्यक्तियों की संख्या भी बढ़ गई है। रोगी स्वस्थ्य हो रहे हैं, मृत्यु दर भी कम हुई है। जनसहयोग से कोरोना पर नियंत्रण करते हुए हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। अब मध्यप्रदेश में प्रतिदिन चार हजार टेस्टिंग हो रही हैं, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पर्याप्त टेस्टिंग किट्स प्राप्त हो जाने से इस कार्य में गति आई है। ऐसे हाईरिस्क जोन, जहाँ ज्यादा पॉजीटिव मिले हैं, वहाँ जनता के सहयोग से वायरस नियंत्रण में सफलता मिल रही है।
सीमित क्षेत्रों में होगा आर्थिक गतिविधियों का संचालन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कथन ‘जान भी है, जहान भी है’ के अनुसार अब सीमित क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों का संचालन होगा। ग्रीन जोन में आर्थिक गतिविधियों के साथ ही मनरेगा और अन्य कार्यों में श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। रोजगार के अवसर निरंतर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
नहीं होने देंगे किसानों का शोषण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 23 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की रिकॉर्ड खरीदी का कार्य पूरा किया जा चुका है। किसानों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य का कवच भी उपलब्ध है। एक माह पूर्व किसानों को यह चिंता थी कि खरीदी होगी अथवा नहीं। राज्य में गेहूँ खरीदी का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का यहाँ भी ध्यान रखा जा रहा है। लॉकडाउन के कारण जूट के बारदानों की उपलब्धता की समस्या आई थी, जिसे दूर किया गया है। इसमें केन्द्र का सहयोग भी मिल रहा है। चना, मसूर और सरसों की खरीदी की भी समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को अधिकतम सुविधाएँ देकर उन्हें किसी भी तरह के शोषण से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आधार पर सीमा तय कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। पूर्व सरकार ने जो सीमा कम की थी, उसे बढ़ाने की कार्रवाई की जा रही है।
मीडिया हाउस 29ता.भोपाल-अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आई.सी.पी. केशरी ने जानकारी दी है कि कोरोना संकट के कारण मध्यप्रदेश के अन्य प्रदेशों में फँसे करीब 20 हजार श्रमिकों को अभी तक प्रदेश में वापस लाया जा चुका है। इनमें आज 29 अप्रैल को जैसलमेर, नागौर, जोधपुर और जयपुर से 200 बसों से आये प्रदेश के श्रमिक नीमच, आगर-मालवा, श्योपुर एवं गुना एंट्री पाइंट पर पहुँच गये हैं। इनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं भोजन कराने के बाद जिलों को रवाना किया जा रहा है। आज ही गुजरात से करीब 500 लोग लाये गये हैं। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन लगभग 2 से 3 हजार श्रमिक प्रतिदिन पैदल आ रहे हैं। राजस्थान के मध्यप्रदेश में फँसे 3000 श्रमिकों को भी वापस भेजा गया हैं।
विभिन्न जिलों में फँसे 30 हजार श्रमिकों को गृह स्थान पहुँचाया गया
अपर मुख्य सचिव श्री केशरी ने बताया है कि पिछले पाँच दिनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों में फँसे मध्यप्रदेश के करीब 30 हजार श्रमिकों को उनके गृह स्थान में पहुँचाया गया है।
कल आएंगे 10 हजार श्रमिक
श्री केशरी ने बताया है कि 30 अप्रैल को राजस्थान से करीब 7 हजार और उत्तरप्रदेश से 3 हजार श्रमिक लाये जाएंगे। गोवा से भी 1600 श्रमिकों को वापस लाने की कार्यवाही की जा रही है।
उमरिया जिले के भैयालाल लोहानी और श्योपुर जिले के नवल आदिवासी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राजस्थान से वापस लाने पर धन्यवाद दिया है। श्री लोहानी अजमेर से और श्री नवल आदिवासी नागौर से वापस लाये गये हैं। श्री नागौर के साथ वापस लाये गये 50 अन्य श्रमिकों ने भी मुख्यमंत्री और प्रशासन की सराहना की है।
मीडिया हाउस 25ता.डाला सोनभद्र – मीडिया हाउस द्वारा जारी हेल्पलाइन सेवा से जहा लोगो को राहत मिल रहा है वही दुसरी तरफ स्थानिय क्षेत्र डाला बारी व आसपास के क्षेत्र में कोरोना वायरस से लेकर बाहर से आने वाले लोगों को लेकर तरह तरह की बातें व सूचना प्राप्त होने पर मीडिया हाउस की टीम व चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम मौके पर पहुंच कर उक्त लोगों से मिलकर व वार्ता कर लोगों को जागरूप कर 14 दिनो तक पुर्ण रुप से सेप्टी बरतने, सोशल डिस्टेंसिग के पालन करने, साफ सफाई के साथ घर से बाहर न निकलने की शक्त हिदायत लोगो को दी गई।
1-पप्पू खान, निवासी-डाला बाजार पत्नी, 2 बच्चें के साथ मिर्जापुर शादी से डाला आने की सूचना थी।
2-गुडडु खान (उम्र 32 वर्ष) पिता साबिर खान, बेलाल ( उम्र 30 वर्ष) पिता साबिर खान, निवास-बारी डाला (टाटा एजेंसी ) के चहनिया (चन्दौली) से आने की सूचना थी।
3- राजाराम पिता रामरतन उम्र 38 वर्ष, गुड्डू पिता अमर नाथ उम्र 43वर्ष, निवासी-डाला बाजार ब्यवहारी मध्य प्रदेश से घर लौटने आने की सूचना थी।
4- रजनीश देव पाण्डेय पिता छोटे लाल पाण्डेय उम्र 32 वर्ष ट्रक ड्राइवर, निवासी-नई बस्ती डाला बाजार, अम्बाला (चंडीगढ़) से डाला आने की सूचना थी। जांच के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन के डा.प्रदीप सिंह, कमलेश कनौजिया (पैरामेडिकल स्टाप) मीडिया हाउस डाला के डा.ए.के.गुप्ता (सदस्य/एमएस डब्लू) जिला टीबी फोरम सोनभद्र उपस्थित रहे।
सोनभद्र-कोरोना महामारी बीमारी के जानकारी के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में 24 घंटे कोविड-19 कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है, जिसमें रोस्टवार 8-8 घंटे की डाॅक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है, ताकि जिले के कोई भी नागरिक कोरोना बीमारी के लक्षण के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
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कोरोना से संबंधित लोगों की सूचना जिला कन्ट्रोल रुम के मो.नं.पर दें।
9044883492, 9044853492
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डाॅ.सुमन जायसवाल मो.नं…
9451571534, 7317785768
डा.सूबेदार प्रसाद मो.नं…
9450847282
डा.गुरुप्रसाद के मो.नं…
9044440006
पर सीधा वार्ता कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
नोट- कृपया कोरोना वायरस से संबंधित व उक्त मामले को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलाएं। अफवाह फ़ैलाने वाले व गलत जानकारी देने वालो पर सख्त कार्रवाई शासन प्रशासन द्वारा की जायेगी। जिसके लिए उक्त ब्यक्ति स्वम जिम्मेदार होगा।
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आपके आसपास बाहर से आये हुए ब्यक्ति की सही सूचना दें। डा.ए.के.गुप्ता -9935741988
मीडिया हाउस प्रेस कार्यालय डाला सोनभद्र, मीडिया हाउस प्रेस द्वारा जनहित में जारी।
मीडिया हाउस 17ता.डाला सोनभद्र- कोरोना से सम्बंधित किसी तरह की अफवाह न फैलाएं। लोगों के बाहर से आने जाने की सही जानकारी/सूचना स्वास्थ विभाग, जिला प्रषासन के लोगों को दें, सोसलडिस्टेन्स का पालन करें, नोज मास्क या गमछा का प्रयोग करें, अपने हाथों को साबुन से धोएं, स्वम बचे, सबको बचाये, सुरक्षा अपनायें, अपने परिवार को स्वस्थ व कोरोना वायरस जैसे से संक्रमण मुक्ति पाये।
ज्ञात हो कि डाला बारी व आसपास के क्षेत्र में कोरोना वायरस से लेकर तरह तरह की बातें फैलाने की सूचना पर मीडिया हाउस की टीम व स्वास्थ विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर मौका मुआयना कर, वार्ता कर लोगों को जागरूप कर, 14 दिनो तक सेप्टी बरतने की सलाह दी।
मोबिन कुरैशी (उम्र 45वर्ष) पिता मुसाफिर कुरैशी, रेहाना कुरैशी ( उम्र 42वर्ष) पति मोबिन कुरैशी निवास- नई बस्ती डाला बाजार के प्रतापगढ़ कुण्डा से आने की सूचना थी, मौकै पर मीडिया हाउस की टीम व स्वास्थ विभाग की टीम पहुंच कर पुछताछ की दोनों लोगो को स्वस्थ पाये जाने के बाद 14 दिनों के लिए सेप्टी बरतने, बाहर न निकलने की शक्त हिदायत दी गई।
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गुडडु खान (उम्र 32 वर्ष) पिता साबिर खान, बेलाल ( उम्र 30 वर्ष) पिता साबिर खान, निवास-बारी डाला (टाटा एजेंसी ) के चहनिया (चन्दौली) से आने की सूचना थी, मौकै पर मीडिया हाउस की टीम पहुंच कर पुछताछ की दोनों लोगो को स्वस्थ पाये जाने के बाद 14 दिनों के लिए सेप्टी बरतने, बाहर न निकलने की शक्त हिदायत दी गई।
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रहमान पिता स्व.मुसाफिर उम 60 वर्ष निवासी- मारकुंडी सोनभद्र के बारी डाला स्थित कोल बस्ती के आने की सूचना मिली। मौकै पर मीडिया हाउस की टीम पहुंच कर पुछताछ की पता चला कि वह मारकुंडी से रिश्तेदार के यहां आये है। उसकेे बाद भी 14 दिनों के लिए सेप्टी बरतने, बाहर न निकलने की शक्त हिदायत दी गई।
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अशोक मिश्रा (उम्र 30) पुत्र प्रभाकर मिश्रा निवासी-बारी डाला सोनभद्र, जिसके फरिदाबाद से आने की सूचना थी। मौके पर मीडिया हाउस की टीम व स्वास्थ विभाग की टीम पहुंची पुछताछ की। किसी भी प्रकार का कोई लक्ष्ण नहीं मिला। बिल्कुल स्वस्थ पाया गया। उसके बाद 14 दिनों के लिए सेप्टी बरतने, बाहर न निकलने की शक्त हिदायत दी गई। जांच के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन के डा.प्रदीप सिंह, कमलेश कनौजिया (पैरामेडिकल स्टाप) मीडिया हाउस डाला के डा.ए.के.गुप्ता (सदस्यध्एमएस डब्लू) जिला टीबी फोरम सोनभद्र उपस्थित रहे।
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नोट- कृपया कोरोना वायरस से संबंधित व उक्त मामले को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलाएं। अफवाह फैलाने वाले व गलत जानकारी देने वालो पर सख्त कार्रवाई शासन प्रशासन द्वारा की जायेगी। जिसके लिए उक्त ब्यक्ति स्वम जिम्मेदार होगा।
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आपके आसपास बाहर से आये हुए ब्यक्ति की सही सूचना दें। डा.ए.के.गुप्ता -9935741988
मीडिया हाउस प्रेस कार्यालय डाला सोनभद्र मीडिया हाउस प्रेस द्वारा जनहित में जारी।
मीडिया हाउस 9ता.रायपुर- कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्य सामग्री, दवाएं, चिकित्सा आपूर्ति, चिकित्सा उपकरण, खाद्य तेल, आदि आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करने हेतु रेलवे प्रशासन द्वारा मालगाड़ी चलाई जा रही है। इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा 4 विशेष मालगाड़ी ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। दुर्ग -छपरा – दुर्ग के मध्य विशेष मालगाड़ी ट्रेन – दुर्ग से दिनांक 11 अप्रैल को तथा छपरा से दिनांक 13 अप्रैल को चलेगी। इस गाड़ी का ठहराव दोनों दिशाओं में रायपुर, उसलापुर, पेण्ड्रारोड, अनूपपुर, शहडोल, कटनी, सतना, मानिकपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी स्टेशनों में दिया गया है। दुर्ग -अम्बिकापुर – दुर्ग के मध्य विशेष मालगाड़ी ट्रेन दुर्ग से दिनांक 8, 10 एवं 13 अप्रैल को तथा अम्बिकापुर से दिनांक 9, 11 एवं 14 अप्रैल को चलेगी। इस गाड़ी का ठहराव दोनों दिशाओं में रायपुर, उसलापुर, पेण्ड्रारोड, अनूपपुर, बिजुरी, बैकुंठपुर रोड स्टेशनों में दिया गया है। दुर्ग – कोरबा – दुर्ग के मध्य विशेष मालगाड़ी ट्रेन – दुर्ग एवं कोरबा से दिनांक 8 अप्रैल से 14 अप्रैल तक प्रतिदिन चलेगी। इस गाड़ी का ठहराव दोनों दिशाओं में रायपुर, तिल्दा, भाटापारा, बिलासपुर, चांपा स्टेशनों में दिया गया है। इतवारी – टाटानगर – टाटानगर के मध्य विशेष मालगाड़ी ट्रेन इतवारी से दिनांक 8 से 13 अप्रैल तक प्रतिदिन तथा टाटानगर से दिनांक 9 से 14 अप्रैल तक प्रतिदिन चलेगी। इस गाड़ी का ठहराव दोनों दिशाओं में गोंदिया, राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, चांपा, रायगढ, झारसुगडा, राउरकेला, चक्रधरपुर स्टेशनों में दिया गया है। इन मालगाड़ी ट्रेनों के माध्यम से वस्तुओं के परिवहन हेतु इच्छुक पार्टियां इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ उठाएं, इन मालगाड़ी के सम्बन्ध में जानकारियाँ हेल्पलाइन नंबर 138 पर भी प्राप्त की जा सकती है, साथ ही इच्छुक पार्टियां दिये जा रहे मोबाइल नंबरो पर भी संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते है।gns