पहले उभ्भा की घटना और अब पेढ़ की घटना, पुलिस की संदिग्ध भूमिका, पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग। कामरेड आर के शर्मा,

घोरावल के पेढ़ गांव पहुंच पीड़ित परिवार से मिला कम्युनिस्ट पार्टी और समाजिक संगठन का प्रतिनिधिमंडल ।

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 13ता.सोनभद्र-जनपद के घोरावल थाना क्षेत्र अंतर्गत पेढ गांव में बीते दिनों एक बालक का अपहरण कर हत्या किए जाने की घटना से प्रभावित पीड़ित परिवार से मिलने सोमवार को कम्युनिस्ट पार्टी व सामाजिक संगठन पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा का प्रतिनिधिमंडल पेढ़ गांव पहुंचा और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनके दुख दर्द को साझा किया। प्रतिनिधि मंडल में भाकपा के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा, माकपा के जिला सचिव कामरेड नंदलाल आर्या और पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट पवन कुमार सिंह के संयुक्त नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम पुलिस फोर्स की मौजूदगी में पेढ़ गांव में पहुंच कर सारी स्थितियों की गहराई से अध्ययन किया और मृतक अनुराग पाल के पिता मंगल पाल और परिवार के अन्य लोगों से मुलाकात कर पूरे प्रकरण पर दुःख व्यक्त कर सहानुभूति प्रकट किया। प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान पीड़ित परिवार ने बताया कि जो फिरौती की बात उठी है वह सही नहीं है।मृतक अनुराग के पिता मंगल पाल ने इसे सीधे नकारते हुए कहा कि पिछले वर्ष 02 दिसंबर को एक एससी/एसटी मुकदमे में आरोपी राजेश यादव मुख्य आरोपी हैं और उस मुकदमे में मैं गवाह रहा हूं। यही दुश्मनी का मुख्य कारण है। इसी को लेकर आरोपी राजेश यादव द्वारा मुझे लगातार धमकी दिया जाता रहा है तुम्हारे एकलौते लड़के को अपरहण कर जान से मार दिया जाएगा, जिसकी सूचना पुलिस प्रशासन और तहसील प्रशासन को दो माह पहले ही उनके द्वारा दिए गए हैं । बावजूद इसके पुलिस और प्रशासन द्वारा मेरी अप्लीकेशन को संज्ञान में नहीं लिया गया। अनुराग के अपरहण होने के बाद छः मार्च को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई और एक आरोपी पकड़ा भी गया किन्तु पुलिस की लापरवाही के चलते मेरे पुत्र अनुराग को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके बावजूद भी पुलिस कहती हैं कि एफआईआर दर्ज किया गया है किन्तु मुझे एफआईआर का कापी भी नहीं मिला है। मौके पर प्रतिनिधि मंडल ने सीओ घोरावल से इस संबंध में बात किया। सीओ द्वारा स्वीकार किया गया और उन्होंने एफ आई आर की कापी उपलब्ध कराने की बात कही। जहां प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद आरोपियों और पुलिस मुठभेड़ वाले स्थान पर भी पहुंच कर जायजा लिया और सारी स्थितियों को समझा और कहा कि पहले उभ्भा की घटना और अब पेढ़ की घटना दर्शाती है कि घोरावल तहसील क्षेत्र में अवैध जमीनों पर कब्जा , भू माफियाओं का वर्चस्व बढता जा रहा हैं शासन, प्रशासन और पुलिस मुक दर्शक बना रह रहा है। प्रतिनिधि मंडल ने मृतक अनुराग पाल प्रकरण में पुलिस की संदिग्ध भूमिका पर पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग किया और पीड़ित परिवार को कम से कम पचास लाख रुपए तत्काल सहयोग राशि दिए जाने की मांग की है और पीड़ित परिवार को सुरक्षा के साथ ही आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल में प्रमुख रूप से महेंद्र सिंह, प्रेमनाथ, पुरुषोत्तम, शांती प्रकाश, रामचन्द्र, भरत लाल राही, दिनेश्वर बर्मा व संतोष सोनी आदि रहे।

लखनऊ विश्वविद्यालय का 68वाँ दीक्षान्त समारोह, दीक्षान्त केवल डिग्री का अवसर नहीं, जीवन की नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है

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