पीएमएफएमई एवं पीएमईजीपी योजनान्तर्गत आवेदन स्वीकृति के उपरांत ससमय डिस्वर्समेंट कराना सुनिश्चित करें बैंकर्स : जिलाधिकारी

स्वीकृति एवं डिस्वर्समेंट हेतु लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर कराएं निष्पादित

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मीडिया हाउस न्यूज़ एजेंसी 28ता.बेतिया। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार द्वारा आज समाहरणालय सभाकक्ष में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की समीक्षा की गयी। इस अवसर पर सहायक समाहर्ता, सुश्री शिवाक्षी दीक्षित, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, अनिल कुमार सिंह, जिला सहकारिता पदाधिकारी, अमृतांश ओझा सहित विभिन्न बैंकों के प्रबंधक आदि उपस्थित रहे। समीक्षा के क्रम में महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) में 117 लक्ष्य के विरूद्ध बैंकों द्वारा अबतक मात्र 49 आवेदन स्वीकृत किया गया है। एसबीआई द्वारा 21 लक्ष्य के विरूद्ध 21 को स्वीकृति प्रदान की गयी है। सिर्फ एसबीआई के द्वारा ही शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है।इंडियन ओवरसीज बैंक, आईसीआईसीआई द्वारा कोई ऋण पीएमएफएमई में स्वीकृत नहीं किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा को आवंटित लक्ष्य 05 के विरूद्ध मात्र 01 की स्वीकृति, पीएनबी को आवंटित लक्ष्य 08 के विरूद्ध मात्र 02 स्वीकृति तथा उतर बिहार ग्रामीण बैंक का 33 लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 07 की स्वीकृति प्रदान की गयी है।जिलाधिकारी द्वारा पीएमएफएमई अंतर्गत कम उपलब्धि पर नराजगी व्यक्त की गयी एवं बैंक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया कि योजनान्तर्गत ऋण स्वीकृति में अभिरूचि लें। ऋण स्वीकृति में बेवजह आनाकानी एवं बहानेबाजी कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी एवं लक्ष्य प्राप्त नहीं करने वाले बैंकों के विरूद्ध बैंकों के उच्चाधिकारियों एवं वित्त विभाग को कार्रवाई हेतु अनुशंसा कर दी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिया कि 31 मार्च तक सभी बैंक लक्ष्य के अनुरूप स्वीकृति कर तत्काल लाभुकों को भुगतान करें।प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की समीक्षा के क्रम में महाप्रबंधक द्वारा बताया गया कि इस योजनान्तर्गत यूनियन बैंक, एसबीआई, यूबीजीबी एवं पीएनबी द्वारा शत-प्रतिशत स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिलाधिकारी द्वारा सभी बैंकर्स को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि उक्त दोनों योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृति के साथ डिस्वर्समेंट पर भी विशेष ध्यान दिया जाय, डिस्वर्समेंट ससमय कराना सुनिश्चित करें ताकि लाभुक अपना उद्यम सुचारू रूप से संचालित कर सकें। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वीकृति एवं डिस्वर्समेंट हेतु लंबित मामलों को प्राथमिकता के साथ निष्पादित करना सुनिश्चित करें।इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा तीन लाभुकों को 50-50 लाख रूपये का ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया। नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा पीएमएफएमई योजनान्तर्गत तीनों लाभुकों को लाभान्वित किया गया है।

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