लू (हीट वेव) न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के संबंध में एडवाइजरी-2023 जारी-अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)
लू (हीट वेव) से बचने के उपाय (क्या करंे और क्या ना करें)

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 15ता.सोनभद्र-अपर जिलाधिकारी सहदेव कुमार मिश्रा ने अवगत कराया है कि लू (हीट वेव) न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के संबंध में एडवाइजरी-2023 निर्गत की गई है, जिसमें आई0एम0डी0 मार्च से मई, 2023 के मध्य सामान्य से अधिक होने का पुर्वानुमान व्यक्त करते हुये हीट वेव से बचाव, पूर्व तैयारी तथा प्रतिक्रिया के उपाय अपनाने हेतु संबंधित विभागों द्वारा आवष्यक कार्यवाही किये जाने व जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार किये जाने का निर्देषत जाता है भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जब किसी जगह का स्थानीय तापमान लगाातार तीन दिनों तक वहाॅ के सामान्य तापमान से 03 डिग्री से0 या उससे अधिक रहें तो उसे लू या हीट वेव कहते हैं। जब वातावरणीय तापमान 37 डिग्री से0 तक रहता है तो मानव षरीर पर उसका कोई दुश्प्रभाव नहीं पड़ता है, पर जैसे ही तापमान 37 डिग्री से0 से ऊपर बढ़ता है तो हमारा षरीर वातावरणीय गर्मी को षोशित कर षरीर के तापमान को प्रभावित करने लगता है। गर्मी में सबसे बड़ी समस्या होती है लू लगना। गर्मी में उच्च तापमान में ज्यादा देर तक रहने से या गर्म हवा के झोंकों के सम्पर्क में आने पर लू लगती है। लू कब लगती है- गर्मी में षरीर के द्रव्य बाॅडी फल्यूड सूखने लगते हैं, षरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। निम्न स्थितियों में लू की सम्भावना अधिक रहती है- षराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किसंस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह। ऐसी कुछ औषधिंया जैसे डाययूरेटिक, एंटीस्टिामिनिक, मानसिक रोग की कुछ औषधिंया। लू (हीट वेव) के लक्षण- गर्म, लाल, षुश्क त्वचा का होना, पसीना न आना। तेज पल्स होना। उल्टे ष्वास गति में तेजी। व्यवहार में परिर्वतन, भ्रम की स्थिति। सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना। मूत्र न होना अथवा इसमें कमी।
उपरोक्त लक्षणें के चलते मनुश्यों के षरीर में निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है- उच्च तापमान से षरीर के अंातरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिश्क को नुकसान पहॅुचता है तथा इससे षरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है। मनुश्य के हृदय के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न होता है। जो लोग एक या दो घंटे से अधिक समय तक 40.6 डिग्री से0 105 डिग्री एफ0 या अधिक तापमान अथवा गर्म हवा में रहते हैं, तो उनके मस्तिश्क में क्षति होने की सम्भावना प्रबल हो जाती है।
लू (हीट वेव) से बचने के उपाय (क्या करंे और क्या ना करें)- क्या करंे- प्रचार माध्यमों पर हीट वेव/लू की चेतावनी पर विशेष ध्यान दें, विशेष रूप से गरम हवा के स्थिति जानने के लिये रेडियो सुने, टी0वी देखे, समाचार पत्र पर स्थानीय मौसम पूर्वानुमान की जानकारी लेते रहंे। अधिक से अधिक पानी पियें, यदि प्यास न लगा हो, तो भी पानी पिये ताकि षरीर मे पानी की कमी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकें। हल्कें रंग के पसीना षोशित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें। धूप में गमछे, चष्में, छाता, टोपी व पैरों में चप्पल का उपयोग अवष्य करें। अगर आप खुले में कार्य करतें हैं तो सिर, चेहरा, हाथ-पैरों को गीले कपड़े से ढ़के रहें तथा छाते का प्रयोग करें। लू से प्रभावित व्यक्ति को छाये में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोछे अथवा नहलायें तथा चिकित्सक से सम्पर्क करें। यात्रा करते समय पीने का पानी अवष्य साथ रख लें, गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखेें। शराब, चाय, काॅफी जैसे पेय पदार्थो का इस्तमाल न करे, यह शरीर को निर्जलित कर सकते है। ओ0आर0एस0 घोल घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू पानी, छाछ, कच्चे आम से बना पन्ना आदि का उपयोग करें, जिससे कि षरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सकें। अगर आपकी तबीयत ठीक न लगंे, तो गर्मी से उत्पन्न हाने वाले विकारों, बीमारियों को पहचाने और किसी भी प्रकार की तकलीफ होने पर तुरन्त चिकित्सकीय परामर्ष लंे।
अपने घर को ठण्डा रखें, पर्दे, दरवाजे आदि का उपयोग करें तथा षाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल कर रखें (अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए)। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा बारम्बार अवष्यकतानुसार स्नान करें। कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें और उसका नियमित उपयोग करते रहें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोषनी में जाने से बचने हेतु सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यों को ठण्डे समय में करने/कराने का प्रयास करें। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ायें। गर्भवती महिला कर्मिंयों तथा रोगग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त एवं विशेष घ्यान रखें।
क्या ना करें- धूप में खडें वाहनों में बच्चे एवं पालतू जानवरों को धूप न छोडें। कड़ी धूप (खासकर दोपहर 12ः00 बजे से 3ः00 बजे तक) के बीच सूर्य की रोषनी में जाने से बचें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। गहरे रंग के भारी एवं तंग वस्त्र ना पहने इससे से बचें। जब गर्मी का तापमान ज्यादा हो तो श्रमसाध्य कार्य न करें। नषीले पदार्थ, षराब/अल्कोहल के सेवन से बचें। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें, बासी भोजन न करें। आप से अपेक्षित है कि अपने-अपने स्तर से लू (हीट वेव) से बचाव हेतु एडवाइजरी-2023 का पालन करें।