विशेष सचिव/नोडल अधिकारी, गोसंरक्षण ने जनपद में गोवंशो के संरक्षण एवं भरण पोषण की विस्तृत समीक्षा
शत-प्रतिशत छुट्टा एवं निराश्रित गोवंशों को किया जाए संरक्षित तथा चारागाह की जमीन को हरा चारा उगाने हेतु किया जाए उपयोग-नोडल अधिकारी

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 7ता.सोनभद्र-विशेष सचिव प्रशासन, उ0प्र0 शासन/नोडल अधिकारी गोसंरक्षण सुनील कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जनपद में अवशेष निराश्रित गोवंश को शत प्रतिशत संरक्षित किये जाने के संबंध में किये जा रहें कार्यो के प्रभावी क्रियान्वयन एवं जनपद के गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के भरण पोषण, देख-रेख आदि से सम्बंधित समीक्षा बैठक विकास भवन सभागार में आयोजित र्हुइं।
जनपद में गोसंरक्षण से सम्बंधित आयोजित समीक्षा बैठक में विशेष सचिव/नोडल अधिकारी ने जनपद में संचालित गो-आश्रय स्थलों की संख्या, संरक्षित गोवंशों की संख्या, भरण पोषण की स्थिति, चारें की उपलब्धता,संरक्षित गोवंशों का स्वास्थ्य, सहभागिता योजनान्तर्गत सुपुर्द किये गये गोवंशों की संख्या, गोवंशों का टीकाकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण आदि से सम्बंधित बिन्दुवार जानकारी सम्बंधित विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों एवं पशु चिकित्साधिकारियों से प्राप्त करते हुए गहन समीक्षा किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये।
नोडल अधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित जनपद के सभी पशु चिकित्साधिकारियों एवं खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप निराश्रित गोवंशों का संरक्षण एवं भरण पोषण की स्थिति निर्धारित प्रारूप पर सत्यापन कर आख्या उपलब्ध करा दें। उन्होंने कहा कि यदि किसी गोआश्रय स्थलों में किन्ही कारणवश गोवंशों की संख्या मानक से ज्यादा है तो आवश्यकतानुसार कुछ गोवंशों को दूसरें गोसंरक्षण केन्द्रों में संरक्षित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि गोवंशों के भरण पोषण एवं संरक्षण में किसी भी तरह की शिथिलता न बरती जाए तथा समय-समय पर गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता रहे।
नोडल अधिकारी ने सम्बंधितों को निर्देशित किया है कि यदि कोई गोवंश निराश्रित रूप से छुट्टा धूमता हुआ पाया जाता है तो तत्काल उसे गो संरक्षण केन्द्र में संरक्षित किया जाए जिससे किसानों के फसलों को नुकसान न होने पाये, इसे गम्भीरता से लिया जाए। नोडल अधिकारी ने चारागाह की जमीन पर हरा चारा उगाने का निर्देश दियें। नोडल अधिकारी ने सभी खण्ड विकास अधिकारी एवं पुश चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के सभी गो-आश्रय स्थलों में जहां पर पर्याप्त जमीन हो वहां पर छायादार वृक्ष जरूर लगवाये, जिससे पशुओं को गर्मी में धूप से बचाया जा सकें। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिन गौशालाओं में बाउंड्रीवाल नही है, वहंा पर भी बाउण्ड्रीवाल भी बनाया जाए। नोडल अधिकारी ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन गो-आश्रय स्थलों में पशुओं को पानी पीने की व्यवस्था नही है, वहां पर अतिशीघ्र पानी पीने की व्यवस्था कराई जाए। उन्होंने कहा पशुओं के लिए नैपियर ग्रास का उत्पादन किया जाये और पशुओं के खाने के लिए प्रयोग में लाया जाये। उन्होंने कहा कि गौशालाओं के बेहतर संचालन के लिए ट्रस्ट बनाया जाये और जो लोग इच्छानुसार पशुओं के लिए दान करना चाहते हैं वे ट्रस्ट के माध्यम से सहयोग कर सकते हैं।
नोडल अधिकारी ने चोपन व सलखन में स्थापित गोवंश आश्रय स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गर्मी के दिनों में पशुओं को पीने के लिए पानी की व्यवस्था सुचारू ढंग से सुनिश्चित की जाये और पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए नैपियर ग्राम का उत्पादन कर हरा चारा भी उपलब्ध कराये जायें, जिससे कि पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहें। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि पुशओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर करते रहें। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चैहान, डी0सी मनरेगा रमेश कुमार, डी0सी0 एन0आर0एल0एम0 ए0के0 जौहरी, पी0डी0 आर0एस0 मौर्या, जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी, सहित समस्त पशु चिकित्साधिकारी आदि उपस्थित रहें।