मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 17 ता.नई दिल्ली-नकली बिलिंग के खतरों का मुकाबला करने के लिए चल रही पहल के तहत, केन्द्रीयवस्तुएवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्त कार्यालय, उत्तरी दिल्ली के अधिकारियों ने व्यापक डेटा विश्लेषण के जरिए प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर,कई लाभार्थियों को वस्तु–रहित चालान और नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी करने वाले काल्पनिक फर्मों के एक नेटवर्क का खुलासा किया है। इन सभी मामलों में, चार व्यक्तियों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1) के तहत अपराधों के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69(1) के संदर्भ में तीन अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया।इन तीन मामलों में कुल 178 करोड़ रूपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट शामिल है। इन सभी मामलों में आगे की जांच प्रगति पर है और इस धोखाधड़ी मेंशामिल फर्जी क्रेडिट की राशि और कंपनियों / व्यक्तियों की कुल संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।
पहले मामले में, धोखाधड़ी केमुख्य साजिशकर्ताओं द्वारा मुख्य रूप से 14 अन्य फर्मों को 54 करोड़ रुपये के आईटीसी जारी करने के लिए चार बिना अस्तित्व वाले फर्मबनाए गएथे। ये फर्में न केवल कमीशन के आधार पर वस्तु – रहित चालान जारी करने में शामिल थीं, बल्कि सामानों के निर्यात पर आईजीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए भी इस तरह के चालान का उपयोग करती थीं। इन सभी फर्मों के मुख्य संचालक विकास गोयल और गोपाल अग्रवाल ने फर्जी फर्मों के इस जाल को चलाने में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है और उन्हें 12.02.2021 को गिरफ्तार किया गया। दूसरे मामले में, जांच से पता चला कि मोहिंदर कुमार नाम के एक व्यक्ति ने अपनी दो फर्मों, मेसर्स वीएमडब्ल्यू एंटरप्राइजेज और मेसर्स बहादुर स्टील कंपनी, में 111 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट कई फर्जी फर्मों से प्राप्त किए और इस क्रेडिट को कई अन्य फर्मों को माल की बिना वास्तविक आपूर्ति के जारी किया गया। मोहिंदर कुमार को 13.02.2021 को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह के एक अन्य मामले में, मैसर्स वीडीआर कलर्स एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और ए.वी. मेटल्स मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और मैसर्स सुरेंद्र कुमार जैन के प्रोपराइटर सुरेंद्र कुमार जैनबिना अस्तित्व वाले फर्मों द्वारा जारी वस्तु – रहित चालानों की बदौलत 13 करोड़ रुपये की अनुचित आईटीसी प्राप्त करने के अपराध में लिप्त पाए गए। सुरेंद्र कुमार जैन को भी 13.02.2021 को गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जीएसटी के लागू होने के बाद से, केन्द्रीय कर, दिल्ली जोन ने 3,969.65 करोड़ रुपये से अधिक राशि की जीएसटी की चोरी के विभिन्न मामलों में 25 गिरफ्तारियां की हैं।
मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 18ता.सोनभद्र-अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल उनके पुत्र सत्येंद्र कुमार समेत चार के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश राबर्ट्सगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को दिया है। यह आदेश एक महिला द्वारा धारा 156(3) में दाखिल वाद की सुनवाई के दौरान प्राथमिक साक्ष्य पाए जाने पर दिया गया है।
राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कम्हारडीह गांव की गीता देवी पत्नी अमरनाथ मौर्य ने सीजेएम न्यायालय में वाद दाखिल किया था। वादी के मुताबिक 21 मई को उसका पुत्र सत्येंद्र कुमार कूसीडौर गांव निवासी मनीष पटेल के पोल्ट्री फार्म पर काम करने गया था। अपराह्न ढाई बजे उसका पुत्र काफी डरा हुआ था। उसने अपनी पत्नी को बताया कि मनीष पटेल से मजदूरी के संबंध में विवाद हो गया है। वह जल्दी घर वापस आएगा। इसके बाद सवा चार बजे कम्हारडीह निवासी संदीप पुत्र विजय बहादुर अपने मोबाइल से उसके छोटे पुत्र पंकज के मोबाइल पर फोन कर बताते है कि सतेंद्र को लोढ़ी जिला अस्पताल लेकर हैं। जब परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे मौके पर मनीष पटेल, अपना दल एस के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल, राजू पटेल व संदीप मौजूद थे। उसके पति डाक्टर को अंदर बुलाने के लिए गए उसी वक्त इन लोगों ने शव को गाड़ी से नीचे फेंककर फरार हो गए। पीड़िता के पुत्र सतेंद्र के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मौजूद थे। उसके पुत्र की हत्या की गई है। हत्या को छिपाने के लिए मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई और शव को जिला अस्पताल ले गए। घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई थी। कार्रवाई करने की बजाए पुलिस ने उसके पति को ही कोतवाली में बैठा लिया और डरा धमकाकर सादे कागज पर अंगूठा लगवा कर छोड़ दिया। पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर भी 22 मई को शिकायत किया गया था लेकिन वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिवक्ता अनिल कुमार मौर्य के माध्यम से दाखिल वाद में सत्यनारायण पटेल, मनीष पटेल, राजू पटेल व संदीप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया गया है। फाइल फोटो
मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 28ता.नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत और सुदृढ नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान को शामिल करने के लिए अगस्त 2019 में विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 मे संशोधन किया था। इस संशोधन से पहले केवल संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था। केन्द्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद की समस्या का दृढ्ता के साथ मुकाबला करने के राष्ट्र के संकल्प को दोहराया है। उक्त संशोधन के बाद केन्द्र सरकार ने अब तक सितम्बर 2019 में 4 व्यक्तियों और जुलाई 2020 में नौ व्यक्तियों को आतंकवादी नामजद किया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्दता पर बल देते हुए और आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति के अंतर्गत मोदी सरकार ने आज निम्नलिखित अठारह व्यक्तियों को विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 (2019 में संशोधित के अनुसार) के तहत आतंकवादी घोषित कर उनका नाम उक्त अधिनियम की चौथी अनुसूची में शामिल करने का फैसला किया है। इन व्यक्तियों का ब्यौरा इस प्रकार है:-
क्रम सं. | नाम | सम्बन्धित आतंकवादी संगठन | लिप्त प्रमुख आतंकवादी घटना |
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साजिद मीर @
साजिद मजीद @ इब्राहीम शाह @ वसी @ खली @ मोहम्मद वसीम |
लश्कर-ए-तोयबा
(LeT) |
पाकिस्तान में ङेरा ङाले लश्कर–ए-तोयबा का कमांङर तथा 26/11/2008 के मुम्बई आतंकवादी हमलों के प्रमुख योजनाकर्ताओं में से एक। |
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युसूफ मुजामील@ अहमद भाई @ युसूफ मुजामील बट्ट @ हूरेरा भाई | लश्कर-ए-तोयबा
(LeT) |
पाकिस्तान में ङेरा ङाले जम्मू और कश्मीर मे LeT गतिविधियों का कमांङर और 26/11 मुम्बई आतंकी हमलों में अभियुक्त । |
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अब्दुर रहमान मक्की @ अब्दुल रहमान मक्की | लश्कर-ए-तोयबा
(LeT) |
यह LeT प्रमुख हाफीज सईद का brother-in-law है और् LeT के Political Affairs foreign और relations department का Head है। |
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शाहिद महमूद @ शाहिद महमूद रहमेतुल्ला | लश्कर-ए-तोयबा
(LeT) |
पाकिस्तान में ङेरा ङाले यह प्रतिबंधित संगठन फला-ए-इंसानीयत का ङिप्टी चीफ है, जो कि LeT की एक Frontal शाखा है। |
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फरहातुल्ला घोरी @ अबू सूफियान @ सरदार साहेब @ फारु | लश्कर-ए-तोयबा
(LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) |
पाकिस्तान में ङेरा ङाले यह अक्षरधाम मंदिर हमला (2002) और हैदराबाद में Task Force office में आत्मघाती हमले (2005) में शामिल था। |
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अब्दूल राऊफ असघर @मुफ्ती @ मुफ्ती असघर @ साद बाबा @ मौलाना मुफ्ती राऊफ असघर | जैश-ए-मोहम्मद (JeM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले पाकिस्तान और पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर में आतंकवादी केम्पों की स्थापना में शामिल। संसद भवन हमले (13.12.2001) का प्रमुख योजनाकर्ता। |
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अथर इब्राहीम @ अहमद अली मोहम्मद अली शेख @ जावेद अमजद सिद्दीकी @ ए.ए. शेख @ चीफ | जैश-ए-मोहम्मद (JeM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले इंङियन एयरलाइंस के विमान संख्या आई. सी. 814 के अपहरण (24 दिसम्बर, 1999) में शामिल (कांधार अपहरण मामला)। संसद भवन हमले (13.12.2001) में शामिल। |
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यूसूफ अजहर @ अजहर यूसूफ @ मोहम्मद सलीम | जैश-ए-मोहम्मद (JeM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले मौलाना मसूद अजहर का brother-in-law. इंङियन एयरलाइंस विमान संख्या आई. सी. 814 के अपहरण में शामिल। (कांधार अपहरण मामला)। |
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शाहिद लतीफ @ छोटा शाहीद भाई @ नूर अल दीन | जैश-ए-मोहम्मद (JeM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले यह JeM का सीयालकोट सेक्टर में Launching Commander है तथा भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाने, सहूलियत देने और आतंकी हमलों को अंजाम देने में शामिल है। |
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सैयद मोहम्मद युसूफ शाह @ सैयद सलाहूद्दीन @ पीर साहब @ बुजुर्ग | हिजबुल मुजाहद्दीन (HM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले हिजबुल मुजाहद्दीन का सुप्रीम कमांङर है तथा युनाईटेङ जिहाद काउंसील (UGC) का चेयरमेन है। मुख्य रूप से भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने हेतु terror financing में शामिल है। |
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गुलाम नबी खान @ अमीर खान @ सैफूल्ला खान @ खालीद सैफूल्ला @ जावेद @ दान्ङ | हिजबुल मुजाहद्दीन (HM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले यह हिजबुल मुजाहद्दीन का उप सुप्रीम कमांङर है। |
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जफ्फार हुसैन भट्ट @ खुर्शीद @ मोहम्मद जफर खान @ मौलवी @ खुर्शीद इब्राहीम | हिजबुल मुजाहद्दीन (HM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले यह हिजबुल मुजाहद्दीन का उप प्रमुख है तथा हिजबुल मुजाहद्दीन के वित्तीय मामलों को देखता है। कश्मीर घाटी में सक्रीय आतंकवादीयों को धन उपलब्ध कराता है। |
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रियाज इस्माइल शाहबन्द्री @ शाह रियाज अहमद (पासपोर्ट में नाम) @ रियाज भटकल @ मोहम्मद रियाज @ अहमद भाई @ रसूल खान @ रोशन खान @ अजीज | इंङियन मुजाहद्दीन (IM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले इंङियन मुजाहद्दीन का Founder Member । हैदराबाद (2007), जयपुर, दिल्ली और अहमदाबाद (2008), हैदराबाद (2013), जर्मन बेकरी (2010), चिन्नास्वामी स्टेङियम बंगलौर (2010), और मुम्बई (2011) बम धमाकों में शामिल और मुख्य साजिशकर्ता |
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मोहम्मद इकबाल @ शाबन्द्री मोहम्मद इकबाल @ इकबाल भटकल | इंङियन मुजाहद्दीन (IM) | पाकिस्तान में ङेरा ङाले IM का सह – संस्थापक। इस पर IM संगठन के लिए फंङ संग्रह की जिम्मेदारी थी। वह जयपुर सीरियल ब्लास्ट (2008), दिल्ली सीरियल ब्लास्ट (2008), अह्मदाबाद और सूरज में सीरीयल ब्लास्ट (2008), जर्मन बेकरी ब्लास्ट (2010) और चिन्नास्वामी स्टेङियम ब्लास्ट (2010) समेत कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। |
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शेख शकील @ छोटा शकील | अंङरवर्लङ
(ङी कम्पनी) |
पाकिस्तान में ङेरा ङाले दाऊद ईब्राहिम का सहयोगी जो कि ङी कंपनी के आपराधिक और अंङरवर्लङ गतिविधियों का supervision करता है । ङी कंपनी के भारत स्थित operatives को धन उपलब्ध कराता है। |
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मोहम्मद अनीस शेख | अंङरवर्लङ
(ङी कम्पनी) |
पाकिस्तान में ङेरा ङाले दाउद इब्राहिम का सहयोगी और छोटा भाई। 1993 मुम्बई बम ब्लास्ट मामले में शामिल तथा हथियार, गोला बारूद उपलब्ध कराने में जिम्मेदार । |
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इब्राहिम मेमन @ टाईगर मेमन @ मुश्ताक @ सिकन्दर @ इब्राहीम अब्दुल रजाक मेमन @ मुस्तफा @ इस्माइल | अंङरवर्लङ
(ङी कम्पनी) |
1993 मुम्बई बम धमाकों में शामिल तथा वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहा है। |
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जावेद चिकना @ जावेद दाऊद टेलर | अंङरवर्लङ
(ङी कम्पनी) |
दाऊद इब्राहिम का साथी। 1993 मुम्बई बम धमाकों में शामिल । |
ये सभी व्यक्ति सीमा पार से आतंकवाद की विभिन्न घटनाओं में शामिल हैं और अपने घृणित कृत्यों से लगातार देश को अस्थिर करने का प्रयास करते रहे हैं।
मीडिया हाउस न्यूज़ एजेंसी 18 ता.घाटकोपर-मुम्बई मे एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाले शातिर थनों का किया मुंबई पुलिस ने खुलासा मुंबई घाटकोपर वेस्ट जोन के केसीपी प्रशांत कदम की बड़ी करवाई में किया। विशेष टीम बनाकर किया आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
मुंबई में कुछ ही माहीनो से शातिर थोंस द्वारा भोले भाले लोगो को बेवकूफ बनाकर उनके बैंक खाते एटीएम कार्ड बदलकर पैसे निकाल लिए जाते थे जिनकी शिकायत लगातार मुंबई पुलिस आक्टोरियलो को मिल रही थी अज्ञात आरोपी होने की वजह से पुलिस पुलिस के लिए ऐसे चोरों को पकड़ने में लगी हुई थी। समस्या हो रही थी। मुम्बई पुलिस के परिमंडल सात के एलपी प्रशांत कदम ने लगातार मिल रही शिकायत को गंभीरता से लेते हुए हुवे अपराधियों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम को गठित किया और एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को खंगालने मे जुटी फुटेज के लिए आधार पर शातिर थोंस की पहचान की गई इस काम के मास्टरमाइंड नोकिया पास शातिर ठग को गिरफ्तार किया गया।पुलिस दखल में आरोपी ने ठगी के 9 मामलों का खुलासा किया है आरोपी थ के पास से 109 एटीएम कार्ड: इलेट्रॉनिक समान बरामद हुवे है। मुंबई घाटकोपर पुलिस ने शातिर आरोपी तुफैल अहमद लालमिया को गिरफ्तार किया है जो साकीनाका का रहने वाला है।घाटकोपर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक मदन पाटिल,गुन्हे पुलिस निरीक्षक प्रमोद कोकाटे,पुलिस उपनिरीक्षक संदेश बावकर ,पुलिस नाईक शिशुपाल जगधने,पुलिस नाईक अजय गव्हने,विद्याधर कोयडे,अनंत कुमार,सुरेन्द भोकरेऔर उनकी टीम ने डीसीपी प्रशांत कदम के मार्गदर्शन में इस शातिर अपराधी को पकड़ने में सफलता हासिल की।
मीडिया हाउस न्यूज ऐजेन्सी 6 ता.लखनऊ– सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी है। लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला देकर जमानत की याचिका दायर की थी। गायत्री प्रसाद प्रजापति 15 मार्च, 2017 से जेल में है। गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली पुलिस स्टेशन में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज है। कोर्ट ने इसी केस में प्रजापति को जमानत दे दी है।
अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपनी अंतरिम बेल की अर्जी डाली थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद दो महीने की अंतरिम जमानत की मंजूरी दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैश्य ने मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को मेडिकल ग्राउंड पर आज से दो महीने से लिए अंतरिम जमानत दे दी है।
अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपनी अंतरिम बेल की अर्जी डाली थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद दो महीने की अंतरिम जमानत की मंजूरी दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैश्य ने मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को मेडिकल ग्राउंड पर दो महीने से लिए अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने उनको दो-दो लाख रुपये के दो जमानती और 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है। इसके साथ ही लखनऊ पीठ ने गायत्री को पीड़ित और उसके परिवार के सदस्यों पर दबाव बनाने या प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने प्रजापति को जमानत की दो माह की अवधि समाप्त होने के बाद ट्रायल कोर्ट या जेल अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उनको दो-दो लाख रुपये के दो जमानती और 5 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है। इसके साथ ही लखनऊ पीठ ने गायत्री को पीड़ित और उसके परिवार के सदस्यों पर दबाव बनाने या प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने प्रजापति को जमानत की दो माह की अवधि समाप्त होने के बाद ट्रायल कोर्ट या जेल अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
गायत्री प्रसाद प्रजापति को दो माह की अंतरिम जमानत देते समय कोर्ट ने उस पर विभिन्न शर्तें लगाईं। इसने प्रजापति को अपने पासपोर्ट को आत्मसमर्पण करने और ट्रायल कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया। अदालत ने प्रजापति को अभियोजन पक्ष और उसके परिवार को धमकाने और अभियोजन पक्ष के गवाहों के साथ जबरदस्ती नहीं करने का भी निर्देश दिया। प्रजापति की जमानत याचिका पर बहस करते हुए उनके वकील रुक्मिणी बोबड़े और एसके सिंह ने दलील दी कि प्रजापति निर्दोष हैं और उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया। गायत्री प्रसाद प्रजापति को दो माह की अंतरिम जमानत देते समय कोर्ट ने उस पर विभिन्न शर्तें लगाईं। इसने प्रजापति को अपने पासपोर्ट को आत्मसमर्पण करने और ट्रायल कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया। अदालत ने प्रजापति को अभियोजन पक्ष और उसके परिवार को धमकाने और अभियोजन पक्ष के गवाहों के साथ जबरदस्ती नहीं करने का भी निर्देश दिया। प्रजापति की जमानत याचिका पर बहस करते हुए उनके वकील रुक्मिणी बोबड़े और एसके सिंह ने दलील दी कि प्रजापति निर्दोष हैं और उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया। वकीलों ने कहा कि प्रजापति सीरियस बीमारियों से पीड़ित थे, जिनका कोई इलाज जेल अस्पताल या किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में नहीं था। वकीलों ने चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के लिए प्रजापति को छोटी अवधि के लिए रिहा करने की मांग की। याचिका का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के वकील ने कहा कि प्रजापति को पर्याप्त चिकित्सा दी जा रही थी। इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जस्टिस वेद प्रकाश वैश्य ने प्रजापति को दो महीने की अंतरिम जमानत दी।
वकीलों ने कहा कि प्रजापति सीरियस बीमारियों से पीड़ित थे, जिनका कोई इलाज जेल अस्पताल या किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में नहीं था। वकीलों ने चिकित्सा उपचार का लाभ उठाने के लिए प्रजापति को छोटी अवधि के लिए रिहा करने की मांग की। याचिका का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के वकील ने कहा कि प्रजापति को पर्याप्त चिकित्सा दी जा रही थी। इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जस्टिस वेद प्रकाश वैश्य ने प्रजापति को दो महीने की अंतरिम जमानत दी। अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के खिलाफ 2017 में सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था। केस में तीन जून, 2017 को गायत्री के अलावा छह अन्य पर चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसके बाद 18 जुलाई, 2017 को लखनऊ की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सातों आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के खिलाफ 2017 में सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था। केस में तीन जून, 2017 को गायत्री के अलावा छह अन्य पर चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसके बाद 18 जुलाई, 2017 को लखनऊ की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सातों आरोपियों पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।an
मीडिया हाउस न्यूज ऐजेन्सी 11 ता.सोनभद्र- थाना राबर्ट्सगंज पुलिस द्वारा दिनांक 11-08-2020 को अभियुक्त जितेन्द्र सिंह उर्फ राजन सिंह की अपराध कारित करके अर्जित की गयी चल/अचल सम्पत्ति (मूल्य लगभग-1,07,23,400/रू0) अन्तर्गत धारा-14(1) के तहत किया गया कुर्क, जिला मजिस्ट्रेट, सोनभद्र के आदेशानुसार आज दिनांक 11-08-2020 को थाना राबर्ट्सगंज पुलिस द्वारा मु0अ0सं0 260/2019 धारा 3(1) उ0प्र0 गैंगेस्टर से सम्बन्धित अभियुक्त जितेन्द्र सिंह उर्फ राजन सिंह पुत्र ऋषिदेव सिंह निवासी दिलशादपुर थाना बरेसर, गाजीपुर हा0प0- ग्राम-बिचपई थाना-राबर्ट्सगंज, सोनभद्र की अपराध से अर्जित की गयी चल/अचल सम्पत्ति (ग्राम रौप में खरीदी गयी जमीन-लगभग मूल्य-64,58,400/रू0, ग्राम बिल्ली मारकुण्डी में खरीदी गयी जमीन-27,08,000/रू0 व ग्राम बिचपई में बने मकान-मूल्य लगभग-15.57 लाख/रू0) धारा 14 (1) के तहत कार्यवाही करते हुये कुर्क किया गया। इसके अतिरिक्त अभियुक्त जितेन्द्र सिंह उपरोक्त द्वारा जनपद गाजीपुर से लिये गये शस्त्र लाइसेंस की निरस्तीकरण की कार्यवाही प्रचलित है ।
मीडिया हाउस न्यूज ऐजेन्सी 11 ता.सोनभद्र-पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक व क्षेत्राधिकारी नगर के दिशा निर्देश मे लड़कियों व औरतों की खरीद फरोख्त व बेचकर पैसा कमाने वाले गिरोहों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के अंतर्गत चोपन पुलिस ने एक महिला समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं में निरूद्ध कर जेल भेज दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक कजरहट थाना चोपन निवासी एक वादिनी ने दिनांक 10.08.2020 को थाना चोपन में लिखित प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि राजकुमार निवासी डाला द्वारा उसे अपने प्रेम जाल में फंसा कर शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया उसके पश्चात अपने अन्य साथियों दिनेश राम, मुन्ना पुत्र बुधई, मुन्ना पुत्र रामनाथ, संतलाल, रामसजीवन राम व गुड़िया पत्नी वकील राम के साथ मिलकर अच्छेलाल कन्नौजीया पुत्र मनोहर निवासी कटरी थाना घाटमपूर जिला कानपुर के हांथों 75000/ रुपये मे बेच दिया जिसपर थाना चोपन पुलिस द्वारा थाना स्थानीय पर मु0अ0सं0 206/20 धारा-342, 363, 366, 366A, 370, 376,भा0द0वि0 व 3/4, 16/17 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल की जा रही थी । इसी बीच मंगलवार की सुबह लगभग 7 बजे मुखबिर के द्वारा सूचना मिली कि सभी अभियुक्त आरोपी गुड़िया के घर सलखन के समीप सुईयां चट्टान के पास एकत्रित हैं । उक्त सूचना पर प्रभारी निरिक्षक नवीन कुमार तिवारी, उपनिरीक्षक अवधेश यादव, कास्टेबल अनूप सिंह, प्रमोद यादव, संदीप कुमार, रामबाबू तथा महिला आरक्षी गुड़िया व माला के साथ मुखबिर के द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंच कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया उसके पश्चात सभी आरोपियों को जेल भेज दिया। वहीं प्रकरण से सम्बंधित एक अन्य अभियुक्त के गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है ।
मीडिया हाउस न्यूज ऐजेन्सी 2ता.सोनभद्र- नगर पंचायत रेणुकूट चेयरमैन शिवप्रताप सिंह हत्याकांड के आरोपितों की संपत्तियों को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में रविवार को कुर्क किया गया। इस कार्रवाई की नोटिस पहले ही जिला कारागार में बंद आरोपितों को तामील करा दिया गया था। शनिवार को सभी के आवास के बाहर नोटिस चस्पा कर कुर्क करने की मुनादी कराई गई थी। यह कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेश पर गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत की गई है।
30 सितंबर 2019 को नगर पंचायत अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह उर्फ बबलू सिंह का उनके आवास में बने शिविर कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल सिंह, उनके दोनों भाइयों राकेश सिंह व बृजेश सिंह, जमुना सिंह, राकेश मौर्या एवं बिहार से आए भाड़े के पांच शूटरों को गिरफ्तार कर पिपरी पुलिस ने हत्या के कारणों का खुलासा किया था। इस मामले में सभी हत्यारोपितों पर पहले ही गैंगस्टर लगाया जा चुका है। प्रभारी निरीक्षक पिपरी अभय नारायण तिवारी ने बताया कि सभी आरोपितों के घर कुर्की की कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेश पर की गई है। डीएम के पत्र के मुताबिक हत्या के आरोपितों ने गिरोह बनाकर अवैध तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की है। सभी आरोपितों के मकान भू-भाग को राज्य सरकार के पक्ष में कुर्क किया जा रहा है। नगर पंचायत में स्थित गाडगे नगर, मुर्धवा, खाड़पाथर व सूक्तिसुआ में आरोपितों के भूभाग हैं। इसे सील किया गया है। पिपरी क्षेत्राधिकारी विजय शंकर मिश्र ने बताया कि सभी आरोपितों की संपत्तियों को कुर्क किया गया है। आरोपित अनिल सिंह एवं उसके दोनों भाइयों का परिवार रेणुकूट बाजार स्थित मकान में रहता है। परिजनों ने आज मकान खाली करने में असमर्थता जताते हुए मोहलत मांगी है। मानवीय आधार पर परिवार वालों को एक दिन का समय दिया गया है।
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 28ता.नई दिल्ली-मेसर्स फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड, मेसर्स रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स गणपति एंटरप्राइजेज के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था, जो वस्तुओं की किसी वास्तविक आपूर्ति के बिना ही इन्वॉयस जारी करने में लिप्त पाई गई थीं। डीजीजीआई –डीआरआई द्वारा अनुचित आईटीसी के बल पर फर्जीवाड़े से आईजीएसटी के रिफंड का दावा करने वाले विभिन्न निर्यातकों के खिलाफ सितंबर 2019 में शुरू किए गए अखिल भारतीय संयुक्त अभियान के तहत एक निर्यातक फर्म मेसर्स अनन्या एक्जिम के खिलाफ दर्ज किए गए मामले से जुड़े डेटा का विश्लेषण करने पर अधिकारियों को इस मामले का पता चला और फिर उन्होंने इस पर आगे काम किया। डीजीजीआई मुख्यालय द्वारा की गई जांच के दौरान यह जानकारी सामने आई है कि उपर्युक्त तीनों कंपनियों/फर्मों अर्थात मेसर्स रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड और मेसर्स गणपति एंटरप्राइजेज ने 4,100 करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य के चालान (इन्वॉयस) जारी किए हैं, जिनके तहत 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की कर राशि को आईटीसी क्रेडिट के रूप में विभिन्न निकायों को फर्जीवाड़े से हस्तांतरित कर दिया गया है। इस संबंध में जीएसटी अधिनियम के तहत विभिन्न तरह के अपराध करने के मद्देनजर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो, जो फरार थे और डीजीजीआई मुख्यालय में अपनी उपस्थिति से निरंतर बच रहे थे, मेसर्स फॉर्च्यून ग्राफिक्स लिमिटेड, मेसर्स रीमा पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स गणपति एंटरप्राइजेज के निदेशक/प्रोपराइटर हैं। तीसरा व्यक्ति मेसर्स एबी प्लेयर्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक और उन विभिन्न अन्य निर्यात फर्मों/कंपनियों का नियंत्रक है, जिन्होंने इन फर्मों द्वारा जारी किए गए फर्जी चालान (इन्वॉयस) के बल पर आईजीएसटी के रिफंड का दावा किया है।इन तीनों ही व्यक्तियों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के प्रावधानों के तहत विभिन्न तरह के अपराध करने के मद्देनजर डीजीजीआई (मुख्यालय) द्वारा गिरफ्तार किया गया है और फिर उन्हें मजिस्ट्रेट द्वारा न्यायिक हिरासत के लिए रिमांड पर लिया गया है। इस मामले में आगे की जांच प्रगति पर है।
मीडिया हाउस न्यूज ऐजेन्सी 25ता.नई दिल्ली-कॉफी डे समूह के मालिक वी जी सिद्धार्थ के आत्महत्या की परिस्थिति की जांच से पता चला है कि उद्यमी की व्यक्तिगत कंपनियों द्वारा कंपनी से 3,535 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई थी। जांच में कर विभाग को निर्दोष बताया गया है। विभाग पर सिद्धार्थ को परेशान करने का आरोप लगा था।
सीबीआई के पूर्व उप-महानिरीक्षक अशोक कुमार मल्होत्रा की अगुवाई में हुई जांच से पता चला कि सिद्धार्थ की मैसूर एमालगेमेटेड कॉफी एस्टेट लि. (एमएसीईएल) के ऊपर कॉफी डे एंटरप्राइजे लि. की अनुषंगी इकाइयों के 3,535 करोड़ रुपए बकाए थे। जांच के अनुसार वित्तीय लेखा-जोखा के समेकित ‘ऑडिट’ से यह तो पता चलता है कि इस राशि में से 31 मार्च 2019 तक इन अनुषंगी इकाइयां का एमएसीईएल पर 842 करोड़ रुपए का बकाया था लेकिन बाकी 2,693 करोड़ रुपए के बकाए का समाधान नहीं हुआ है।
कंपनी ने जांच के बारे में शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘सीडीईएल की अनुषंगी इकाइयों द्वारा एमएसीईएल से बकाए की वसूली के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।” कंपनी के निदेशक मंडल ने उसके चेयरमैन को उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया है जो एमएसीईएल से बकाए की वसूली के बारे में सुझाव देंगे और कार्रवाई पर नजर रखेंगे। इसमें कहा गया है कि सिद्धार्थ की व्यक्तिगत संपत्ति/शेयरों को कंपनी और उसकी अनुषंगी इकाइयों के लिए कर्ज हासिल करने को लेकर गिरवी रखा गया गया था। कॉफी डे एंटरप्राइजेज लि. (सीडीईएल) के निदेशक मंडल ने 30 अगस्त 2019 को मलहोत्रा को नियुक्त किया था ताकि सिद्धार्थ के 27 जुलाई 2019 के पत्र में दिए गए बयान के हालात और सीडीईएल तथा उसकी अनुषंगी इकाइयों के बही-खातों की जांच की जा सके। सीडीईएल की 49 अनुषंगी इकाइयां हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘एमएसीईएल दिवंगत वीजी सिद्धार्थ की व्यक्तिगत कारोबारी इकाई थी। उसका सीडीईएल की अनुषंगी कंपनियों से कारोबारी संबंध था। एमएसीईएल को सीडीईएल की अनुषंगी कंपनियों ने अग्रिम राशि दी। एमएसीईएल को राशि सामान्य बैंक चैनल के जरिए राशि भेजी गई थी।”
सीडीईएल से जो राशि ली गई, उसमें से बड़ा हिस्सा संभवत: पीई (निजी इक्विटी) निवेशकों से शेयर की पुनर्खरीद, कर्ज के भुगतान और ब्याज देने में किया गया होगा। जांच रिपोर्ट में आयकर विभाग को सिद्धार्थ को परेशान करने के आरोप से ‘क्लीन चिट’ दी गई गई। इसमें कहा गया है, ‘‘संबंधित अवधि के वित्तीय रिकार्ड की जांच से नकदी की काफी कमी का पता चलता है। इसका कारण आयकर विभाग द्वारा माइंडट्री के शेयर को कुर्क करना हो सकता है।” जांच रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हम सिद्धार्थ के 27 जुलाई के पत्र में जो बातें थी, उसे मानने के लिए तैयार हैं। उसमें उन्होंने कहा था कि मेरी टीम, ऑडिटर और वरिष्ठ प्रबंधन मेरे लेने-देन से पूरी तरह अनभिज्ञ थे।” कथित पत्र में सिद्धार्थ ने कहा, ‘‘कानून को केवल मुझे जवाबदेह ठहराना चाहिए क्योंकि मैंने अपने परिवार समेत सभी से सूचना छिपाई थी।” सिद्धार्थ 31 जुलाई 2019 को मृत पाए गए थे। उनका शरीर कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के नेत्रवती नदी से बरामद किया गया था। इस बीच, सिद्धार्थ की पत्नी अैर सीडीईएल की निदेशक मालविका हेगड़े ने बोर्ड और संबंधित प्राधिकरण को आगे की र्कायवाही में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।gns