रि‍याद में यूक्रेन और अमेरिका के बीच वार्ता खत्‍म, काला सागर में नौवहन व ऊर्जा केंद्रों की सुरक्षा पर फोकस

रियाद, 26 मार्च (आईएएनएस)। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में यूक्रेनी और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच वार्ता का एक और दौर खत्म हो गया।

समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ के अनुसार, यह वार्ता सोमवार को रियाद में रूसी और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच 12 घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक के बाद हुई।

मंगलवार को व्हाइट हाउस ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान प्रकाशित किया, जिसमें रविवार और मंगलवार के बीच यूक्रेन के साथ हुई दो दौर की वार्ता के परिणामों की सूची दी गई।

बयान के अनुसार, अमेरिका और यूक्रेन ने काला सागर में सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करने, बल का उपयोग खत्म करने और सैन्य उद्देश्यों के लिए वाणिज्यिक जहाजों के इस्तेमाल को रोकने पर सहमति जताई है।

इसके अलावा, अमेरिका ने युद्धबंदियों की अदला-बदली, नागरिक बंदियों की रिहाई और जबरन स्थानांतरित किए गए यूक्रेनी बच्चों की वापसी में मदद करने का वादा किया।

दोनों पक्षों ने रूस और यूक्रेन की ऊर्जा केंद्रों पर हमलों पर रोक लगाने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच हुए समझौते को लागू करने के उपायों पर सहमति जताई।

वे स्थायी शांति हासिल करने के लिए काम जारी रखने पर भी सहमत हुए।

बयान में दोनों युद्धरत पक्षों से हत्याएं रोकने का आग्रह किया गया और इसे स्थायी शांति समझौता प्राप्त करने की दिशा में एक आवश्यक कदम बताया गया।

बयान में अमेरिका ने इन चर्चाओं की मेज़बानी और सुविधा प्रदान करने के लिए सऊदी अरब का धन्यवाद भी किया।

मंगलवार को यूक्रेनी रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में वाशिंगटन के साथ वार्ता के मुख्य परिणामों के बारे में जानकारी दी।

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उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका के साथ सहमति के तहत, काला सागर के पूर्वी हिस्से के बाहर रूसी सैन्य जहाजों की कोई भी गतिविधि क्षेत्र में सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता का उल्लंघन करेगी और यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनेगी। इसके जवाब में, यूक्रेन अपने आत्मरक्षा का अधिकार इस्तेमाल करेगा।

यूक्रेनी रक्षा मंत्री उमरोव ने बताया कि सभी पक्ष वार्ता में ऊर्जा और समुद्री समझौतों को लागू करने में तीसरे देशों के सहयोग का स्वागत करते हैं।

मंत्री ने व्यवस्थाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए अतिरिक्त तकनीकी सलाहकार बैठकें आयोजित करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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