दुर्लभ व जहरीले प्रजाति का वाइपर सांप मिलना.! सेंचुरी एरिया में खनन पर रोक, जीव जंतु का संरक्षण जरूरी है। विकास शाक्य
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी सोनभद्र-दुर्लभ प्रजाति का वाइपर सांप चोपन सरकारी अस्पताल स्थित वार्ड नंबर 10 में मिलने से लोगों में जहां सनसनी फैल गई । लोगों द्वारा सांप को पकड़ने वाले व्यक्ति को बुलाने के बाद उसको किसी तरह से पकड़ा गया। सांप पकड़ने वाले व्यक्ति ने बताया कि यह सांप बहुत ही जहरीला सांप है काटने के बाद लोग बच नहीं सकते हैं।
सूत्रों की माने तो ये सांप है रसेल वाईपर ये सांप एशिया में पाए जाने वाला मुख्य सांप है जो बहुत ही जहरीला होता है काटने के बाद आदमी की मौत हो जाती है। जनपद में भी कई इलाकों में रसेल वाईपर सांप देखे जाने की सूचना है। ये सांप भारत के चार ज़हरीले सांपो में गिना जाता है। इसे उत्तरप्रदेश में चित्ती या चितकौड़िया सांप के नाम से जानते है। इस सांप का आकार युवावस्था में 4 फ़ीट तक लंबा होता है, इसके मुंह का आकार तिकोना होता है , इसके सिर का भाग पतले गर्दन से जुड़ा होता है, इस सांप के शरीर का बीच का भाग क़रीब 2 से 3 इंच तक मोटा होता है। कभी-कभी लोग इस अजगर का छोटा सा बच्चा समझ के पकड़ लेते हैं किंतु ऐसा करना लोगों के लिए जानलेवा व घातक हो सकता है। ऐसा करने से लोगों को बचाना चाहिए।
सेंचुरी एरिया में खनन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। विकास शाक्य
सोनभद्र-यूवा अधिवक्ता विकास शाक्य ने कहा कि जनपद में अंधाधुन खनन का होना, नदी नाले का अस्तित्व खतरे में पढ़ना, जीव जंतुओं के लिए सुरक्षित न रहना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। दिन पर दिन जानवरों के अस्तित्व पर खतरा मर्डर आने लगा है जिससे वह जंगल नदी नाले छोड़कर इधर-उधर भटक रहे हैं ऐसे दुर्लभ प्रजाति के सांपों का मिलना आश्चर्य का विषय है कि जनपद में भी इस तरह के प्रजाति के साथ व जीव जंतु भी मिल रहे हैं। कैमूर एवं विंध्य क्षेत्र होने के नाते वन विभाग को जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए विशेष पहल करनी चाहिए, सड़कों की किनारे बेरीकेटिंग की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि जीव जंतु जानवर सड़कों पर न सके। सेंचुरी एरिया व सोन नदी मे बड़े बड़े नाव व मशीनों द्वारा किए जा रहे खनन पर रोक व प्रतिबंध लगना चाहिए ताकि जीव जंतु जानवर सुरक्षित बनो व नदी नालों में रह सके।