बडे पैमाने पर बोकारो में खपाई जा रही है पश्चिम बंगाल की शराब 

मीडिया हाउस न्यूज एजेंन्सी 29ता०बोकारो।अन्तरप्रांतीय स्तर पर सक्रिय शराब सिंडीकेट बडे़ पैमानें पर पश्चिम बंगाल से देशी विदेशी शराब लाकर बोकारो समेत झारखंड के कई जिलों में खपा रहा है और झारखंड सरकार के राजस्व को बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है। पर सरकार को होनेवाले राजस्व के नुकसान की चिन्ता करने की बजाय उत्पाद विभाग के भ्रष्ट अधिकारी सिंडीकेट का हिस्सा बनकर माल बना रहे हैं। चर्चा है कि सबकी मिलीभगत से पश्चिम बंगाल की शराब बोकारो में सरकारी शराब के ठेकों के अलावा कई होटलों व ढाबों के जरिये खपायी जा रही है। बोकारो में शराब के चल रहे अवैध कारोबार की जानकारी मिलने के बाद रांची से आयी टीम ने जब जांच शुरू की तो बोकारो के उत्पाद विभाग के अधिकारियों के चेहरे देखने लायक हो गए थे। रांची की टीम ने शराब के बोकारो के सरकारी ठेके की दुकान से चल रहे गोरखधंधा पर एक्शन शुरू किया तो अपनी चोरी पकडे जाने की चिन्ता उत्पाद विभाग के अधिकारियों को सताने लगी और वे भी  अपनी स्कीन बचाने के लिए हरकत में आकर ताबड़तोड छापामारी करने लगे। इस छापा में ही पश्चिम बंगाल से तस्करी का शराब लाने की पुष्टी हुई और कसमार प्रखंड के सेवाती घाटी के पास एक तिपहिए को शराब की अवैध खेप के साथ पकड़ा गया और लाखों की बीयर बरामद की गयी। उत्पाद विभाग ने वाहन को जब्त कर लगभग डेढ़ लाख की बीयर को बरामद कर लिया है। इसे अपनी बडी सफलता बताकर फोटो खिंचवा कर अपना चेहरा चमकाने में लगे अधिकारी इस बात का जवाब नहीं देते की यह धंधा चल कैसे रहा था। फिलहाल उत्पाद विभाग के अधिकारी पकड़े गये चालक के साथ बड़े उत्साह से अपना फोटो खिंचवा कर यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने कोई बड़ा हाथ मार लिया हो। बताते चलें कि बोकारो जिले में अवैध शराब का धंधा अपने चरम पर है। चाहे फोरलेन का होटल हो या सेक्टर 9 का सुधा दूध हो या फिर मुर्गा दुकान खुलेआम शराब बेची जा रही है। कहा जाए तो जिले में दर्जनों ऐसे होटल और दुकाने हैं जिसमें यह धंधा जोर शोर से चल रही है और उत्पाद विभाग सब कुछ देखते हुए जानते हुए भी अपनी आंखें बंद किए हुए है। क्योंकि जिले में उत्पाद निरीक्षक का जिनका एरिया है उनका विशेष सहयोग और योगदान रहता है जिसके कारण अवैध शराब का धंधा करने वाले और कराने वाले लोगों का चांदी ही चांदी है जिसमें मिलावटी शराब हो या बंगाल का शराब हो जिसमें मोटी कमाई कर लोगों की जेब गर्म हो रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार और रिकॉर्ड के अनुसार कई सालों से एक ही एरिया में अब तक जमे हुए है पुराने ट्रासंफर भी हो गए जो बचे उनका एरिया भी बदल गया लेकिन मजाल हो कभी यह टस से मस भी हुए हो। अब तक उत्पाद निरीक्षक के नेतृत्व में जितने भी छापेमारी की गई और लाखों का अवैध विदेशी शराब या भारी मात्रा में मिली शराब जप्त किया गया सभी जप्त शराब कागजों में ही सिमट कर रह गया है कहां जाए तो जब्त शराब बेच दिया गया और पकड़े गए अभियुक्त को सही समय पर चार्ज शीट जमा नहीं करने का कारण सभी बरी भी हो गए। बता दे की 2 महीने में चार्ज शीट जमा करना होता है लेकिन समय के अनुसार जामा ना करने का कारण अभियुक्त बड़े आराम से बरी हो गए और फिर निकलकर उसी दमखम से अपने धंधे में संलिप्त भी हो गए। कहां जाए तो अगर इसकी जांच की जाए तो इसकी कलई खुलकर दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा।

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