प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा

Media House नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार (9 सितंबर) को बाढ़ प्रभावित पंजाब में प्रत्येक मृतक के परिजन को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। पीएम मोदी ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जो 1988 के बाद से सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है।
पंजाब और उसके पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक दिवसीय दौरे पहुंचे पीएम मोदी हवाई सर्वेक्षण करने के बाद राज्य के सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक गुरदासपुर पहुंचे।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया। उन्होंने राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति का जायजा लिया। गुरदासपुर में पीएम मोदी ने बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीम से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति की समीक्षा के लिए गुरदासपुर में एक आधिकारिक बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी मौजूद थे। बाढ़ और भूस्खलन के बाद स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली से हिमाचल प्रदेश और पंजाब के लिए रवाना होते समय प्रधानमंत्री मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा, “भारत सरकार आपदा की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।”
पंजाब में विनाशकारी बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 51 हो गई है। जबकि 1.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें बर्बाद हो गई हैं। पंजाब सरकार ने राज्य में आई बाढ़ के कारण 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है। बाढ़ के कारण कुल 2,064 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 329 गांव गुरदासपुर जिले में हैं।
पंजाब से पहले पीएम मोदी ने बाढ़-बारिश से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए 1,500 करोड़ रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता राशि की भी घोषणा की। उन्होंने सबसे पहले प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और फिर राहत एवं पुनर्वास उपायों की समीक्षा तथा क्षति का आकलन करने के लिए कांगड़ा में एक बैठक की।