21 सूत्रीय मांग-व्यापारी नेताओं ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर सौंपा सुझाव-पत्र
मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी लखनऊ-व्यापारी नेताओं ने सपा अध्यक्ष से मांग की कि असफल नोट बंदी, जटिल जीएसटी और अनियजित लॉक डाउन से पहले से बर्बाद उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में व्यापारी केंद्र व प्रदेश सरकार की विभागों में रोज लागू होने नए-नए नियमों, धाराओं व नीतियों से परेशान हो चुका है।
इसलिए व्यापारी नेताओं ने सपा अध्यक्ष को सुगम व्यापार एवं व्यापारियों के हित और सुरक्षित भविष्य के लिए 21 सूत्रीय सुझाव की सुझाव-पत्र को सौंप कर अनुरोध किया कि आप देश की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर सुझाव-पत्र के माध्यम से व्यापारी हित में 21 सूत्रीय सुझावों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करें
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने व्यापारी नेताओं को आश्वस्त किया कि समाजवादी पार्टी व्यापारियों के सम्मान, हित और सुरक्षा के लिए सदैव कटिबद्ध है और उत्तर प्रदेश में पूर्व की सपा सरकार में व्यापारी हित में तमाम ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं जोकि इस देश के किसी प्रदेश सरकार ने नहीं लिया, इसलिए इन जायज़ सुझावों को भारत सरकार के वित्त मंत्री से मुलाकात कर व्यापारी हित में आगामी केन्द्रीय बजट में आवश्यक रूप से जोड़ने हेतु सुझाव दूंगा।
समाजवादी व्यापार सभा के प्रतिनिधिमंडल में मुख्य रूप से प्रसपा व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबाबू रस्तोगी, सपा प्रदेश सचिव डा०अजय चौरसिया, सपा व्यापार सभा प्रदेश सचिव संतोष सेठिया, संजय साहू एवं पवन यादव आदि थे।
सुझाव पत्र की 21 सूत्रीय सुझाव के बिन्दु निम्नवत है:-
1. ऑनलाइन व्यापार के लिए रेगुलेट्री एक्ट बने, ऑनलाइन व्यापार से खुदरा व्यापार को बचाने के लिए ऑनलाइन व्यापार पर अतिरिक्त टैक्स/सरचार्ज लगाया जाए अर्थात् भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन की GST दर 5% से बढ़ाकर 28% कर दी जाये, जिससे ऑनलाइन खरीदारी पर लगाम लगे और आम उपभोक्ता बाजार में निकल कर आये ताकि छोटे व्यापारियों का व्यापार चल पाये व रुपया बाजार में सर्कुलेट हो पाये और जिससे नगदी की समस्या का समाधान हो पायें
2. MSME के अन्तर्गत आने वाले 50 लाख से एक करोड़ तक के सूक्ष्म उद्योग और 50 करोड़ तक या इससे ऊपर के बड़े उद्योग के लिए नियम एक समान होने पर बड़े उद्योग के सामने सूक्ष्म उद्योग कैसे पनप पाएंगे ?, इसलिए सूक्ष्म उद्योगों को सफल करने के लिए एक अलग से मंत्रालय बनाया जाये, सूक्ष्म उद्योगों की ऋण लेने में सहायता व कम ब्याज लिया जाये।
3. सरकारी विभागों के उपेक्षापूर्ण रवैये से बीमार सूक्ष्म उद्योग जो बन्द हो रहे हैं, उनको स्वस्थ्य बनाने के लिये कम ब्याज पर बैंको से ऋण एवं सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाये ताकि वो सुचारू रूप से चल सके।
4. सूक्ष्म उद्योगों को बिजली दर में छूट प्रदान की जाये ताकि उनकी लागत कम होने पर वो बाजार की प्रतिस्पर्धा में आ सकें।
5. इस वर्ष के व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी के तहत टैक्स के दो स्लैब ही होने चाहिए
6. पंजीकृत व्यापारियों के लिए मेडिक्लेम की सुविधा होनी चाहिए।
7. जटिल जीएसटी का सरलीकरण किया जाएं
8. पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाएं
9. जीएसटी के तहत धारा 129 को सरल किया जाएं।
10. सोने पर कस्टम ड्यूटी कम की जाएं।
11. करदाता वरिष्ठ व्यापारियों को पेंशन की सुविधा दी जाएं।
12. मंडी शुल्क खत्म किया जाएं।
13. अन्नदाता किसानों के प्रयोग में आने वाले ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, बीज, खाद्य इत्यादि पर जी.एस.टी शून्य कर किसानों की लागत कम की जाएं।
14. व्यापारी राहत कोष का निर्माण 500 करोड़ का होना चाहिए, जिससे अगर किसी व्यापारी बंधु के यहाँ हत्या, लूट, चोरी, डकैती या राहजनी हो जाती है तो उसको व्यापार करने के लिए तत्काल व्यापारी राहत कोष से मुआवजा देना चाहिए जब पुलिस के द्वारा माल की बरामदगी किया जाय तब उसी पैसे से सरकार के पैसे की वापसी हो।
15. पंजीकृत व्यापारियों की नि:शुल्क व्यापारी दुर्घटना बीमा की राशि रु.10 लाख से बढ़ाकर रु.20 लाख किया जाए।
16. जब कोई चुनाव होता है तो आदर्श आचार संहिता में नगद 10 लाख रु तक की राशि ले जाने की छूट दिया जाएं, जिससे व्यापारियों की व्यापार में बाधा न आएं।
17. व्यापारियों को व्यापार करने के लिए पेपरलेस रु.50 लाख तक का लोन आसानी से बैंक द्वारा मुहैया कराया जाए।
18. व्यापारियों को संवैधानिक शक्ति देते हुए व्यापारी आयोग का गठन हो
19. व्यापारियों को लाभान्वित करने के लिए व्यापारी सेल का गठन तत्काल होना चाहिए ।
20. पंजीकृत व्यापारियों का विधान परिषद् में प्रतिनिधि के रूप में शिक्षक व स्नातक एमएलसी की तर्ज पर व्यापारी एमएलसी पद का सृजन होना चाहिए
21. #स्वर्णकार समाज सहित समस्त जरुरतमन्द व्यापारियों को आत्म सुरक्षा हेतु सभी जिलाधिकारियों द्वारा विचारोपरांत सुगमतापूर्वक शस्त्र लाइसेंस की संस्तुति प्रदान करने की अनुमति का आदेश जारी किया जाय।