चीन में खुलेपन और नवाचार पर रहेगा जोर, जन केंद्रित योजनाओं पर भी होगा फोकस : चीन में दो सत्र

बीजिंग, 7 मार्च (आईएएनएस)। चीन की राजधानी पेइचिंग में राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा (एनपीसी) और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन (सीपीपीसीसी) का आयोजन हुआ। इन दो सत्रों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। जैसा कि हम जानते हैं कि चीन में दो सत्रों के दौरान विभिन्न नीतियां बनती हैं और फैसले लिए जाते हैं। इन नीतियों, योजनाओं और फैसलों का न केवल चीन बल्कि पूरे विश्व पर कुछ न कुछ असर होता है।

चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने 5 मार्च को एनपीसी के समक्ष सरकारी कार्य रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट का विशेषज्ञों ने सकारात्मक मूल्यांकन किया है। उम्मीद जताई गई है कि इस रिपोर्ट में जिन बातों पर जोर दिया गया है कि उनसे चीनी नागरिकों के जनजीवन में व्यापक सुधार आएगा। साथ ही आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और चीन आधुनिकीकरण की ओर आगे भी चलता रहेगा।

इस तरह सरकारी कार्य रिपोर्ट से सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। कहा जा सकता है कि चीन में जन केंद्रित योजनाओं पर बहुत ध्यान दिया जाता है। जबकि, आर्थिक सुधारों और खुलेपन पर भी सरकार का फोकस रहता है। पूर्व में आयोजित हुए दो सत्रों के दौरान भी चीन ने खुलेपन व नवाचार बढ़ाने पर जोर दिया था।

इस बीच बाहरी दुनिया आर्थिक स्थिति और जीडीपी लक्ष्य पर ज्यादा ध्यान दे रही है। कहने का मतलब है कि आर्थिक नजरिए से विश्व चीन की ओर देख रहा है। इस दौरान चीन ने इस साल के लिए 5 फीसदी का जीडीपी विकास पूर्वानुमान लक्ष्य निर्धारित किया है। आर्थिक विशेषज्ञ इसे एक अच्छा संकेत मान रहे हैं। यह ऐसा लक्ष्य है, जिसे चीन हासिल करने में सक्षम दिखता है।

वक्फ बिल पर पसमांदा समाज की सहमति पर भड़के आईएमसीआर चेयरमैन, पसमांदा समाज की पहचान पर भी जताई आपत्ति

बता दें कि कोरोना महामारी के बाद अभी भी विश्व में आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। ऐसे में चीन ने जिस तरह की कोशिशें अपनी और वैश्विक अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए की हैं, उससे विश्व चीन की ओर उम्मीद लगाकर बैठा है। अगर चीन में आर्थिक हालत कमजोर होती है, तो उसका सीधा असर अन्य देशों पर पड़ता है। हालांकि, चीन की स्थिति बेहतर नजर आ रही है।

एनपीसी में पेश रिपोर्ट के अनुसार, चीन विदेशी व्यापार नीति को स्थिर बनाए रखेगा, साथ ही विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उपाय और तेज किए जाएंगे। इसके अलावा चीन ने देश में जन केंद्रित निवेश बढ़ाने की बात की है। जिससे पता चलता है कि चीन में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान रहेगा। लोगों को रोजगार के अधिक मौके मिलेंगे तो उनका जीवन बेहतर होगा, जो खुशहाल चीन का निर्माण करने के चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सपने से मेल खाता है।

इतना ही नहीं रियल एस्टेट बाजार को मजबूत बनाने के लिए ज्यादा छूट देने की बात सरकारी रिपोर्ट में की गई है। यह चीनी बाजार में स्थिरता लाने की कोशिश है। जैसा कि हम जानते हैं कि रियल एस्टेट चीनी अर्थव्यवस्था के प्रमुख उद्योगों में से एक है। अगर लोग घर खरीदते हैं और प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं तो उसका चीनी अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव नजर आएगा।

वहीं, इस साल चीन में 14वीं पंचवर्षीय योजना का अंतिम वर्ष है। इस योजना की अवधि में चीन ने न केवल कोविड-19 महामारी के संकट का सामना करते हुए विभिन्न योजनाओं पर काम किया, बल्कि दुनिया के समक्ष स्थिर अर्थव्यवस्था के संचालन का उदाहरण भी पेश किया।

उत्तर प्रदेश में 54 लाख से अधिक परीक्षार्थी देंगे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा, तैयारी पूरी

दो सत्रों के दौरान इस योजना के लक्ष्यों को पूरी तरह हासिल करने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया गया है। इसके बाद अगली यानी 15वीं पंचवर्षीय योजना लागू की जाएगी, जिसमें चीन नवाचार और खुलेपन को आगे बढ़ाएगा।

गौरतलब है कि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है। तमाम देशों के चीन के साथ गहरे व्यापारिक संबंध हैं। चीन कई देशों को विभिन्न वस्तुएं और तकनीक आदि निर्यात करता है। इस तरह चीन में अगर कोई भी योजना बनती है तो उस पर सभी का ध्यान रहता है।

14वीं एनपीसी का तीसरा पूर्णाधिवेशन 5 मार्च को शुरू हुआ। जबकि, सीपीपीसीसी की शुरुआत 4 मार्च को हुई। ध्यान रहे कि इन दो सत्रों में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली छ्यांग के अलावा तमाम बड़े नेता और प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

एबीएम/

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *