15 अगस्त के ऐतिहासिक दिन पर जन्मीं महान शख्सियत, जिनका समाज पर पड़ा प्रभाव

नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। 15 अगस्त भारतीय इतिहास के एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इस दिन की ऐतिहासिकता को केवल स्वतंत्रता संग्राम तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता, बल्कि यह दिन कई महान शख्सियतों के जन्मदिन के रूप में भी याद किया जाता है। आइए जानें कि इस दिन कौन-कौन सी प्रमुख हस्तियां जन्मीं थीं और उनके योगदान ने समाज पर कैसे असर डाला।

15 अगस्त 1872 को जन्मे अरबिंदो घोष, जिन्हें आमतौर पर श्री अरबिंदो के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय दार्शनिक, योग गुरु और कवि थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बाद में आध्यात्मिक सुधारक के रूप में प्रसिद्ध हुए। उनका जन्म कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में एक समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था। उनकी रचनाएं और विचार भारतीय दर्शन और योग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में जाने जाते हैं। श्री अरबिंदो ने जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं पर गहराई से विचार किया और उनका योगदान आज भी अध्ययन और विचार-विमर्श का विषय है।

15 अगस्त 1912 को जन्मे उस्ताद अमीर ख़ां, भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक प्रमुख गायक थे। गायन में तराना की खास शैली को नया अर्थ देने का श्रेय उन्हें ही जाता है। अमीर ख़ां ने भारतीय संगीत को एक नई दिशा दी और अपने गाए तरानों के माध्यम से संगीत की आध्यात्मिकता को उजागर किया। उनके संगीत का प्रभाव आज भी संगीत प्रेमियों के बीच महसूस किया जाता है। वे भारतीय संगीत जगत के दिग्गजों में एक माने जाते हैं।

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15 अगस्त 1918 को जन्मे हंस कुमार तिवारी एक प्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार थे। उन्होंने स्वतंत्र लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए। उनकी पहली पुस्तक ‘कला’ ने आलोचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके बाद उन्होंने कई साहित्यिक निबंध और आलोचनात्मक कृतियां लिखी। उनके लेखन में उनकी गहरी साहित्यिक समझ और सरल शैली की झलक मिलती है, जिसने उन्हें साहित्यिक जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

इंदौर के भिंडी बाजार घराने में जन्मे उस्ताद अमीर ख़ां के बाद, 15 अगस्त 1924 को जन्मे इंदीवर भी भारतीय संगीत के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम हैं। श्यामलाल बाबू राय के नाम से जन्मे इंदीवर ने भारतीय फिल्म उद्योग में 300 से अधिक फिल्मों में 1,000 से भी ज्यादा गाने लिखे। उनके लिखे गाने आज भी लोगों की जुबां पर हैं और भारतीय फिल्म संगीत की धरोहर का हिस्सा बने हुए हैं।

15 अगस्त 1924 को जन्मे रामदरश मिश्र, एक प्रमुख साहित्यकार और कवि थे। उनका लेखन कविता, कथा, उपन्यास और निबंध जैसी विभिन्न विधाओं में फैला हुआ है। उन्होंने भारतीय साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई और अपने साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त किए। उनकी कविताओं में भारतीय जीवन और समाज की गहरी समझ दिखाई देती है। उनका लेखन आज भी पाठकों को प्रभावित करता है।

फजल ताबिश, जिन्होंने 15 अगस्त 1933 को भोपाल में जन्म लिया, उर्दू साहित्य के प्रगतिशील कवि और नाटककार थे। उनका साहित्यिक योगदान उर्दू के समृद्ध और प्रगतिशील विचारधारा को दर्शाता है। उनकी कृतियां उर्दू साहित्य की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उनकी कविताओं और नाटकों ने उर्दू भाषा के साहित्यिक परिदृश्य को समृद्ध किया।

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15 अगस्त 1938 को जन्मे प्राण कुमार शर्मा, भारतीय कार्टूनिस्ट और ‘चाचा चौधरी’ के निर्माता थे। प्राण ने अपने अद्वितीय कार्टून पात्रों के माध्यम से भारतीय कॉमिक जगत में एक नई पहचान बनाई। उनका ‘चाचा चौधरी’ पात्र आज भी बच्चों और बड़ों के बीच समान रूप से लोकप्रिय है। उनके कार्टूनों ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला।

–आईएएनएस

पीएसएम/एबीएम

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