मुख्यमंत्री की पहल पर स्वदेश लौटेंगे झारखण्ड के 50 कामगार

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी रांची– झारखण्ड के कामगारों और श्रमिकों के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पहल पर एक बार फिर विदेश में फंसे 50 झारखण्डी कामगारों को वापस उनके घर और गाँव लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आगामी 11 से 18 दिसंबर तक सभी कामगार के झारखण्ड लौट आयेंगे। इसके लिए जरूरी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

झारखण्डी कामगारों के मलेशिया की लीडमास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत 70 कामगारों के फंसे होने की शिकायत राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को 24 सितंबर 2024 को प्राप्त हुई। बताया गया कि कामगारों का चार महीने से वेतन लंबित है उन्हें भोजन की अनुपलब्धता और वतन वापसी की समस्याएं सामने आ रहीं हैं। मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री को हुई तबतक चुनाव हेतु आचारसंहिता लागू हो गया, इसके बाद इनकी वापसी की प्रक्रिया धीमी हो गई थी, लेकिन चुनाव समाप्त होने और नई सरकार गठन के बाद अब कामगारों के स्वदेश वापसी का रास्ता साफ़ हो गया है। 70 कामगारों में से 50 कामगार झारखण्ड के हैं एवं अन्य दूसरे प्रदेशों के रहने वाले हैं।

जानकारी के अनुसार, सभी कामगारों का अनुबंध के तहत 1,700 मलेशियन रिंगिट (मुद्रा/रुपया) का वेतन तय था, परंतु उन्हें 1,500 रिंगिट ही दिए जा रहे थे, जिसमें भी कटौती हो रही थी। भोजन की सुविधा नहीं दी गई और धमकियां भी मिल रहीं थीं ।
इसको लेकर कामगारों ने मलेशिया पुलिस से शिकायत दर्ज भी की। बाद में कामगारों ने इस मामले से संबंधित आवश्यक दस्तावेज एवं आवेदन श्रम विभाग को भेजा। श्रम विभाग के निर्देशानुसार प्रोटेक्टर ऑफ़ एमिग्रांत, राँची को मामला पत्र राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा प्रेषित किया गया। श्रम विभाग के पहल पर भारतीय दूतावास, कुआलालंपुर द्वारा कंपनी एवं कामगारों को दूतावास के कार्यालय बुलाया गया, जहाँ दोनों पक्षों का सत्यापन किया गया, जिसके फलस्वरूप भारतीय दूतावास ने सभी कामगारों को अपने संरक्षण में रखते हुए कंपनी को बकाया भुगतान करने एवं श्रमिकों के भारत वापसी सुनिश्चित कराने को कहा।

खराब मौसम नहीं रोक पाई बच्चों का उत्साह, ई एस एल स्टील लिमिटेड के बाबूग्राम गांव आयोजित कला प्रतियोगिता में लगभग 250 प्रतिभागियों ने लिया भाग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *