ऐसे महाठगबंधन, तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने का चुनाव है : अमर बाउरी 

मीडिया हाउस न्यूज एजेंन्सी बोकारो : विधानसभा चुनाव 2024 इस बार झारखंड को बचाने का चुनाव है। जिस तरह से हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य की अस्मिता को धूमिल कर यहां की खनिज संपदा, बालू, नौकरी, युवाओं के सपने आदि को लूटने का काम किया है ऐसे महाठगबंधन, तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने का चुनाव है। राज्य की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है, इसलिए राज्य की जनता चाहती है कि इस बार भारतीय जनता पार्टी जो विकास और अंत्योदय को प्राथमिकता देती है वैसी सरकार को राज्य में लाना है। उक्त बातें नेता प्रतिपक्ष सह चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी में मंगलवार को प्रधान चुनाव कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कही। संवाददाता सम्मेलन में अमर कुमार बाउरी ने कहा कि 2024 विधानसभा चुनाव शुरू हो चुका है और झारखंड में पहले चरण का चुनाव 13 और दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को होना है। भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प के साथ मैदान में उतर चुकी है। वर्ष 2025 में झारखंड के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं वहीं बाबा बिरसा मुंडा की 150 वी जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने 25 संकल्प के साथ जनता के बीच चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने पंच प्रण के माध्यम से जनता के बीच चुनावी समर की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने चुनाव से पूर्व जो भी वादे किए थे उसे आज तक पूरा नहीं किया। फिर चाहे युवाओं को नौकरी देने की बात हो या बुजुर्गों को पेंशन का लाभ देना हो या फिर किसानों को ऋण माफी की बात हो, हेमंत सोरेन की सरकार ने अपने किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। उसके बदले राज्य के युवाओं के सपने को बेचने का काम किया। लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र के माध्यम से यह राज्य की जनता को बताना चाहती है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार 5 वर्षों में 287500 सरकारी रिक्त पदों को भरने का काम करेगी। वही पहले वर्ष में ही डेढ़ लाख सरकारी नौकरी पर नियुक्तियां की जाएगी। हर वर्ष प्राइवेट नौकरी में भी एक लाख सरकारी नौकरी का सृजन कर युवाओं को उसे जोड़ने का काम भाजपा करेगी। महिला सशक्तिकरण को लेकर उन्होंने कहा कि जिस तरह से हेमंत सोरेन की सरकार ने अपने वर्ष 2019 के संकल्प पत्र में वादा किया था कि वे 72000 प्रतिवर्ष हर घर को देंगे वहीं ₹2000 चूल्हा भत्ता देंगे, लेकिन पूरे 5 वर्षों तक इस झूठी सरकार ने किसी भी लाभुक को पैसा नहीं दिया और अंतिम तीन माह में मईंया योजना के माध्यम से एक हजार रुपए दे कर फिर से लोगों को ठगने का प्रयास कर रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने साफ तौर पर अपने संकल्प पत्र में कहा है कि गोगो दीदी योजना के माध्यम से हर माह के 11 तारीख को ₹2100 माता और बहनों के खाते में डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा। वही ₹500 में रसोई गैस का सिलेंडर और दो अतिरिक्त गैस सिलेंडर महत्वपूर्ण पर्व के दौरान मुफ्त में दिया जाएगा। उन्होंने बताया की युवाओं को अपने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को प्रतिमाह ₹2000 दिया जाएगा।21 लाख परिवार का पक्का मकान का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में बालू सुलभ है लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने बालू को इतना महंगा कर दिया कि आम जनता और गरीब जनता तक वह पहुंच ही नहीं पा रही। भारतीय जनता पार्टी गरीब जनता को निशुल्क बालू देने का वादा कर रही है। जल जीवन मिशन के तहत भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकाल में 59 लाख घरों में साफ पेयजल पहुंचाने का काम करेगी। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि जिस तरह से हेमंत सोरेन की सरकार ने सभी प्रतियोगिता परीक्षा जिसमें के लैब टेक्नीशियन, जेएसएससी, जेपीएससी आदि परीक्षाओं में गड़बड़ियां हुई है और उसकी सीटों को बेचने का काम किया गया है उन सभी परीक्षाओं की सीबीआई जांच कराई जाएगी और आरोपियों को जेल में भेजने का काम करेगी। वाहिम सरकार गतहँ के एक माह के अंदर ही जेपीएससी अध्यक्ष को भी नियुक्त किया जाएगा।बांग्लादेशी घुसपैठ के रोकथाम के बारे में उन्होंने कहा कि माननीय झारखंड उच्च न्यायालय ने खुद माना है कि बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण राज्य और भारत की संप्रभुता खतरे में पड़ी हुई है।यदि इसे अभी नहीं रोका गया तो आने वाले समय में राज्य की अस्मिता ही समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने के लिए भाजपा कठोर कानून बनायेगी और घुसपैठियों के द्वारा जो भी जमीन पर कब्जा किया गया है उसे मुक्त करवाएगी। आदिवासी बहु बेटियों के साथ शादी करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों को आदिवासी का दर्जा नहीं दिया जाएगा।नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा के अन्य संकल्प को बताया। उन्होंने बताया कि हम महिला सशक्तिकरण के लिए ₹50 लाख तक मूल्य की अचल संपत्ति के. पंजीकरण के लिए एक रुपये की स्टांप ड्यूटी को पुनः बहाल करेंगे। बीएड, नर्सिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए सरकारी संस्थानों में निःशुल्क शिक्षा प्रदान करेंगे, और निजी संस्थानों में ट्यूशन फीस के खर्च को वहन करेंगे। झारखंड में ‘विस्थापन से पहले पुनर्वास’ सुनिश्चित करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक पुनर्वास आयोग का गठन करेंगे।आदिवासी सम्मान एवं अस्मिता को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए राज्य में प्रत्येक आदिवासी धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के विकास के लिए और गांव स्तर पर पर्वों और लोक आयोजनों के लिए अनुदान सहायता देंगे। आदिवासी भाषाओं, इतिहास, कला और संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए ₹500 करोड़ खर्च कर ‘सिद्धो-कान्हो शोध केंद्र’ स्थापित करेंगे। गांवों में स्मारकों, सूचना केंद्रों और प्रदर्शनियों के माध्यम से भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हो और नीलाम्बर-पीताम्बर जैसे आदिवासी नायकों को सम्मानित करेंगे।’फूलो-झानो पढ़ो बिटिया’ योजना के तहत राज्य के गरीब और पिछड़े वर्ग की प्रत्येक बालिका को केजी से पीजी (KG to PG) तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करेंगे।’मातृत्व सुरक्षा योजना’ के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला को 6 पोषण किट और ₹21,000 की सहायता प्रदान करेंगे। राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए एक व्यापक आधारभूत ढांचा विकसित करेंगे, जिसके अन्तर्गत झारखंड में 10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और राज्य के प्रत्येक जिले में एक नर्सिंग प्रशिक्षण कॉलेज स्थापित करेंगे।आयुष्मान भारत – जीवन धारा योजना’ से सभी 70 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को ₹10 लाख तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेंगे, जिसमें आयुष्मान भारत के ₹5 लाख के अतिरिक्त राज्य द्वारा ₹5 लाख की सहायता दी जाएगी। सीएचसी, पीएचसी और अन्य सरकारी अस्पतालों में 25,000 नए बेड की सुविधा उपलब्ध कराएँगे।
झारखंड में सुशासन सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा सरकार के व्यापक कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को लागू करेंगे एवं एक जांच आयोग का गठन करेंगे। 2 सालों के भीतर नक्सलवाद का खात्मा करेंगे। एडवांस्ड टेक सर्वैलन्स मेकनिज़म और एक मजबूत कानूनी ढांचे के माध्यम से राज्य में अवैध खनन पर अंकुश लगाएंगे। 181 सीएम संवाद हेल्पलाइन को पुनः बहाल करेंगे। पंचायती राज व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए मुखियाओं का मासिक वेतन ₹5,000 तक बढ़ाएंगे। झारखंड को 2027 तक मानव तस्करी मुक्त बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर ‘ऑपरेशन सुरक्षा’ शुरू करेंगे, जिसका ध्यान मानव तस्करी की रोकथाम, बचाव और पुनर्वास पर होगा:. > हम सभी क्षेत्रीय भाषाओं में तत्काल सहायता और जानकारी के लिए 24/7 टोल-फ्री एंटी-ट्रैफिकिंग हेल्पलाइन लॉन्च करेंगे। पीड़ितों के लिए एक विशेष सहायता और पुनर्वास कोष का गठन करेंगे, जो उन्हें आर्थिक सहायता, कानूनी समर्थन और आजीविका के अवसर प्रदान करेगा। कृषक सु-नीति’ शुरू करेंगे, जिसके तहत धान की खरीद की दर को ₹3,100 प्रति क्विंटल तक बढ़ाएंगे। बिना कटनी-छटनी के पूरे वजन का पैसा खरीद के 24 घंटे के भीतर DDT के माध्यम से भुगतान करेंगे। छोटे और सीमांत किसानों एवं पशुपालकों की भूमि पर ₹5,000 प्रति एकड़ ₹25,000 तक प्रदान करने के लिए ‘कृषि आशीर्वाद योजना’ को फिर से शुरू करेंगे। 2030 तक राज्य में सिंचाई क्षेत्र को तीन गुना तक बढ़ाएंगे। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एससी/एसटी आरक्षण यथावत रखते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27% आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही कानूनी अड़चनों को हटाएंगे।
झारखंड को परिवहन नेटवर्क के सहज एकीकरण के माध्यम से जोड़ेंगे। एक विश्वस्तरीय ‘डायमंड क्वॉड्रिलैटरल एक्सप्रेसवे’ का निर्माण करेंगे, जो पश्चिमी से पूर्वी झारखंड तक फैलेगा, और पलामू, हजारीबाग, धनबाद और गुमला जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेगा। ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत 25,000 किमी मजबूत, सभी मौसमों के लिए अनुकूल सड़कें बनाएंगे, और यह सुनिश्चित 5/8 झारखंड का हर गांव मुख्य मार्ग से जुड़े। राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को राजधानी रांची से रेल नेटवर्क द्वारा जोड़ेंगे। देश भर के सभी प्रमुख शहरों में ‘झारखंड जोहार भवन’ स्थापित करेंगे ताकि राज्य के बाहर रहने वाले झारखंडियों को अन्य राज्यों में सुविधाएँ, सुरक्षा की गारंटी और आपातकालीन समय पर सहायता प्रदान की जा सके। वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए मासिक पेंशन को ₹2,500 तक बढ़ाएंगे, जिससे उनकी वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तंत्र के अंतर्गत अरहर और मडुआ को शामिल करेंगे। हर आदिवासी ब्लॉक में प्रसंस्करण और भंडारण केंद्र स्थापित करेंगे, ताकि केंदू पत्ता, महुआ, और मशरूम जैसे वन उत्पादों को मूल्यवर्धन किया जा सके। बड़े आकार के आदिवासी बहुपरकारी समितियों (लैम्प्स) का गठन करेंगे, ताकि उत्पादों के लिए ऋण सहायत्, 6/8 और बाजार उपलब्ध करवाए जा सकें। वन-आधारित समुदायों को महुआ, केंदू पत्ते, इमली, साल बीज, और चिरौंजी जैसे प्रमुख वन उत्पादों की खरीद करेंगे।आदिवासी समुदायों को सभी अधिकारों की गारंटी देंगे और उनकी अस्मिता की रक्षा करने के लिए यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (UCC) के दायरे से आदिवासी समुदायों को बाहर रखा जायेगा। PESA (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार) का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मुखियाओं एवं पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाएंगे। वन अधिकार अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन और वन अधिकार पट्टों का वितरण सुनिश्चित करेंगे। विशेष रूप से आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के खिलाफ वन विभाग द्वारा दर्ज छोटे मुकदमों की समीक्षा कर समाप्त करेंगे। पलायन समाप्त करने के लिए झारखंड को कौशल विकास के हब के रूप में विकसित करेंगे 5 लाख युवाओं के लिए ₹1 लाख वार्षिक वित्तीय सहायता के साथ ‘झारखंड इंटर्नशिप और स्किल ट्रेनिंग’ (JIST)’ कार्यक्रम शुरू करेंगे। राज्य के सभी मौजूदा ITI को हब- एंड-स्पोक मॉडल के माध्यम से उन्नत करेंगे और इनोवेशन हब स्थापित करेंगे। हर प्रमंडल में मिस्त्री और संबंधित कुशल कारीगरों के लिए अत्याधुनिक और उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। झारखंड को भारत के शीर्ष पांच पर्यटन अनुकूल राज्य बनाने के लिए प्रमुख देवी मंदिरों को जोड़ते हुए भगवती सर्किट स्थापित करेंगे। ‘बाबा वैद्यनाथ एवं बाबा वासुकीनाथ तीर्थक्षेत्र विकास योजना’ शुरू करेंगे जिसके अंतर्गत तीर्थयात्रा सुविधाओं में सुधार, श्रावणी मेला को बढ़ावा और साहिबगंज में गंगा नदी के किनारे को सांस्कृतिक केंद्र में बदलना शामिल होगा। महत्वपूर्ण आदिवासी नायकों के स्मारक स्थलों को जोड़ते हुए आदिवासी सर्किट बनाएंगे। झारखंड को ‘इको-टूरिज्म राजधानी’ बनाएंगे, होमस्टे का विस्तार करेंगे, सांस्कृतिक प्रचार करेंगे, और बेतला राष्ट्रीय उद्यान को शीर्ष इकोटूरिज्म गंतव्य में बदलेंगे।

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