विश्व दुग्ध दिवस-केसीसी के लिए बैंक नहीं करते सहयोग-श्री बादल

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी 1ता.रांची-विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर आज श्रीनगर में केंद्रीय मंत्री मत्स्य पालन पशुपालन एवं डेयरी पुरुषोत्तम रुपाला की अध्यक्षता में बैठक हुई, यह बैठक शेर ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर जम्मू कश्मीर में हुई , जहाँ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे, देश के विभिन्न राज्यों से यहाँ मंत्री पहुंचे थे ,इस कार्यक्रम में झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल एवं विभागीय सचिव श्री अबू बकर सिद्दीक मौजूद थे।
श्री बादल ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्य तय करें। दुग्ध उत्पादन सहित अन्य योजनाओं के लिए और देश के विभिन्न राज्यों को भी वहां के भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर एक लक्ष्य दें, जिससे हम बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड की स्थिति बहुत ही खराब है। बैंकों के द्वारा सपोर्ट नहीं किया जाता है, इसे लेकर केंद्र सरकार को सहयोग करने की आवश्यकता है।

श्री बादल ने कहा कि झारखंड में प्रति व्यक्ति 200 ग्राम दुग्ध उत्पादन होता है, जो काफी कम है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि कि हमें केंद्र सरकार का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार से झारखंड को अलग हुए दो दशक से ज्यादा हो गए हैं ,लेकिन आज तक सुधा के तीन डेरी प्लांट का स्वामित्व झारखंड को नहीं मिला है। बिहार के किसानों का दूध आज भी यहां के डेरी प्लांट में आता है। श्री बादल ने कहा कि आप दोनों राज्यों के बीच चल रहे इस मामले को सुलझाने का कार्य करें । श्री बादल ने कहा कि 2014 में हेमंत सोरेन की सरकार में एनडीडीवी से एमओयू किया था, जो 2024 तक है। मुख्यमंत्री पशुधन स्कीम के तहत हम 75 प्रतिशत से लेकर 90 फ़ीसदी तक सब्सिडी अपने किसान भाइयों को देते हैं। हमारा राज्य आदिवासी बहुल राज्य है। हम लगातार बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं, हमने इस वर्ष दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य 92,00,000 लीटर दूध का रखा है।

राज्यपाल मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों /आश्रितों के साथ सरकार सदैव साथ रहेगी

मंत्री श्री बादल ने केंद्रीय मंत्री के सामने झारखंड सरकार के द्वारा 226 ब्लॉक को सूखाग्रस्त घोषित किए जाने का मामले को भी रखा। उन्होंने कहा कि केंद्र की टीम झारखंड के दौरे पर आई थी, उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है, केंद्र सरकार सूखा राहत का पैसा देती है, तो इससे लाखों पशुपालकों का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि यह विभाग आप से संबंधित नहीं है, लेकिन पशुपालकों को लाभ मिलेगा ,इसलिए मेरा निवेदन है कि आप इसे दिलाने में समन्वय स्थापित कर, हमारी मदद करें।उन्होंने कहा कि एनडीडीवी, जो मिल्क प्राइस तय करती है, उसे मॉनिटर करने की आवश्यकता है। हमारे राज्य में ऐसी गाय हैं, जो 1 से 2 लीटर दूध देती है, बाहर से लाकर किसानों को हम गाय देते हैं, तो किसान उसके चारे की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं, जबकि हम गाय के चारा में भी ज्यादा से ज्यादा सब्सिडी देते हैं। उन्होंने कहा कि दूध की कीमत स्थिर रहें इसके लिए भौगोलिक क्षेत्रफल को देखते हुए तकनीकी पहलू को शिथिल किया जाए, ऐसा करने से किसानों को ज्यादा लाभ होगा। हमारे यहां पशुओं को होने वाली बीमारी के जांच के लिए डायग्नोसिस लैब नहीं है। केंद्र सरकार के द्वारा इसे दिया जाए, बेकन फैक्ट्री को रिवाइव करने के लिए कंसल्टेंसी सपोर्ट दी जाए । मॉडर्न 24 * 7 रेफरल अस्पताल खोलने में हमें हर प्रकार का सपोर्ट चाहिए। कार्यक्रम के दौरान कृषि निदेशक चंदन कुमार भी मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *