कोयलें से उठने वाले धूएं कार्बन मोनोऑक्साइड और लगातार बढ़ रही प्रदुषण से लोग हो रहे गंभीर बिमारी के शिकार, राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की अनदेखी का दंश झेल रहे बोकारो निवासी 

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी बोकारो : बोकारो जिले में इन दिनों लगातार प्रदूषण बढ़ती जा रही है और यह चिंता ही नहीं गंभीर विषय भी है प्रदूषण के कारण बोकारो जिले के माराफारी एरिया और बालीडीह एरिया में रहने वाले लोग पूर्णतः इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं जिसके कारण कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां पकड़ रही है और इसके शिकार बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं जिसे सांस लेने मैं दिक्कत होने से शुरू होकर असमय है मौत के काल में समा जा रहे हैं। बोकारो सीएस की माने तो जल रहे कोयले से उठने वाले धुएं बहुत ही खतरनाक है जिसे कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है और वह सांस के द्वारा शरीर में रक्त को जमाने का काम करता है जिससे कई गंभीर बीमारियां शुरू हो जाती है। वह यह भी मानते हैं की बोकारो कोलफील्ड एरिया और इंडस्ट्रीज एरिया है जिसके कारण यहां पॉल्यूशन सबसे ज्यादा है। जिसके कारण बोकारो जिला में जितने भी पेशेंट आते हैं लंग्स डिजिट की बीमारी सबसे ज्यादा आती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लंग्स डिजिट की बीमारी जमशेदपुर के बाद बोकारो में सबसे ज्यादा मिलती है। बोकारो सिविल सर्जन अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि कोयले से होने वाले प्रदुषण से कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां होती है उन्होंने पॉल्यूशन बोर्ड को को भी इस मामले की जानकारी देने की बात कही।
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बोकारो के रेलवे स्टेशन के स्टाॅकयार्ड में कोयले के पहाड़ में जिस तरह आग लगी हुई है और 3 महीने से लगातार धू धू कर यह कोयले का पहाड़ जल रहा है और इससे उठने वाले जहरीले धूएं कार्बन मनोऑक्साइड और क्रेशर से होने वाली प्रदूषण लोडिंग अनलोडिंग द्वारा हो रही पॉल्यूशन से जीवन खतरनाक ही नहीं गंभीर भी है। वहां के आस पास में रहने वाले विस्थापित और समाज से अलग रह रहे कोढिया मोहल्ला के निवासी जो इसके इलाके के आस पास के 60 से 70 हजार की आबादी बसी है इसकी दंश झेल रहे है। जिसके कारण उन्हें डॉक्टर के चक्कर लगाना पड़ रहा है और अपनी आधी कमाई इलाज कराने में खर्च करनी पड़ रही है। एक तरफ सरकार पर्यावरण बचाने और स्वच्छता अभियान पर जोर दे रही है वही बोकारो का रेलवे स्टॉक यार्ड सच्चा आईना दिखाने का काम कर रही है पर्यावरण के नाम पर वहां के पेड़ पौधे को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है जिसकी पहचान और जान खत्म हो चुकी है और स्वच्छता अभियान की बात कहे तो वहां जाने पर ही धूल फांकने का जरूर मिल जाएगा और यह विडियो में देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह बोकारो के रेलवे स्टाॅक यार्ड में कोयले का भारी भरकम स्टाक रखना और कोयलें में लगी आग और उठ रहे प्रदुषण जीवन के लिए कितना खतरनाक है जिसके कारण वहां के रहने वाले लोग तील तील कर मरने को मजबूर हैं। 

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