केंद्र सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत योजना चढ़ी रही है भ्रष्टाचार की भेंट.?

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 13ता.सोनभद्र-चोपन क्षेत्र में वाटर लेवल बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट अमृत योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है.? चोपन ब्लॉक के अधीन आने वाले चोपन गांव क्षेत्र में अमृत सरोवर निर्माण में जमकर हीलाहवाली होने की बात इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है.! भ्रष्टाचार के मशाले और स्थानीय नदी में उपयोग हुए बालू साइड की बोल्डर व सोलिंग का उपयोग धड़ले से हो रहा है। बोल्डर भी कृषि कार्य हेतु उपयोग में लाये जाने वाले ट्रेक्टर से ढुलाई कर लाई जा रही है। जिसका परमिट भी शायद ही हो। काम मे हीलाहवाली होता देख स्थानीय जनता मुखर होकर विरोध कर रही है। स्थानीय जनता का कहना है कि बालू भी नदी से चोरी कर सायकिल से मज़दूर के माध्यम से गिराई जा रही है। प्रधान से खराब काम को लेकर बोलने पर प्रधान भड़क जाते है और कहते है मानक के अनुरूप ही कार्य हो रहा है। बाकी आपलोगों को जो करना है कर सकते है। समाज कल्याण मंत्री संजीव गोंड के गृह क्षेत्र में अमृत सरोवर में भ्रष्टाचार हो रहा हो वो भी जब अमृत सरोवर का शिलान्यास खुद मंत्री ने बीडीओ के साथ किया था।
बताते चले कि, तालाब के मध्य गड्ढा करके उसमें से मट्टी युक्त पानी का प्रयोग किया जा रहा है। जबकि सीमेंट का सबसे बड़ा दुश्मन मिट्टी ही होती है। मिट्टी युक्त पानी और सीमेंट की घोल से हो रही जोड़ाई कितनी दिन चलेगा ये तो सभी जानते है। मनरेगा मज़दूर भी मनमाने समय से आते है और चले जाते है। इससे निर्धारित समय पर काम पूरा होने की गारण्टी नहीं है। वही चोपन गांव स्थित अमृत सरोवर का जो काम चल रहा है उस काम मे हीलाहवाली को लेकर विकास खण्ड चोपन के बीडीओ ने कहा कि, सचिव से स्पष्टीकरण लिया जाएगा और स्पष्टीकरण लेने के बाद टेक्निकल टीम गठित की जाएगी। टेक्निकल टीम देखेगी की स्टीमेट के हिसाब से काम हो रहा है कि नहीं, उसी हिसाब से टेक्निकल टीम जांच करके रिपोर्ट देगी, उस रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।










