महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बोकारो, डेढ़ दर्जन से अधिक है महिला पदाधिकारी विराजमान

मीडिया हाउस न्युज एजेंसी बोकारो : कर जुनून हो कुछ करने की तो बस लगन और इरादा पक्का होना चाहिए सफलता तो पीछे झक मारकर आती है। आज कोई भी ऐसा काम नहीं है जो आज महिलाएं ना कर पाये बस करने का जुनून और हौसला बुलंद और इरादा पक्का होना चाहिए तो मुकाम खुद ब खुद चलकर सामने आ जाती है और इसकी मिसाल है बोकारो जिला, आज बोकारो जिले के कई उच्च पदों पर महिला पदाधिकारी विराजमान है और अपनी कड़ी मेहनत और लगन से समाज को एक नई दिशा और दशा दिखाने का काम कर रही है। और बोकारो जिला को बेहतर बनाने में अपना अहम योगदान निभा रही है।आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है बोकारो जिला महिला सशक्तिकरण का एक विशेष उदाहरण है अपनी कड़ी मेहनत और लगन से मिसाल कायम कर रही है बोकारो में विभिन्न विभागों में विराजमान महिला पदाधिकारी,चाहे वह बोकारो की उपायुक्त विजया जाधव हो विधायक हो चास एसडीओ या फिर डीटीओ या फिर खेल पदाधिकारी हो, समाज कल्याण पदाधिकारी हो, पब्लिक रिलेशन पदाधिकारी हो , जिला परिषद अध्यक्ष या फिर उपाध्यक्ष हो, मत्स्य पदाधिकारी ,लेखा प्रशासन एवं स्वनियोजन पदाधिकारी हो या फिर महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा हो, ऐसे कई उच्च पदों पर आज डेढ़ दर्जन से अधिक महिलाएं पदाधिकारी बोकारो में विराजमान है और बोकारो के विकास की गाथा लिखने में अपना अहम भूमिका निभा रही हैं। देखा जाए तो महिलाएं राजनीतिक क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र या प्रशासनिक क्षेत्र हो फिर जाॅब कर रही महिला हो या फिर आत्मनिर्भर बन स्वरोजगार कर रही महिला हो सभी जगह महिला अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए और अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने और सशक्त बनाने का काम कर रही है और समाज को एक नई दिशा में ले जाने को लेकर रात दिन संघर्ष और प्रयत्न कर रही है। दुनियाभर में आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। भले ही मॉर्डन युग में महिलाएं तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रही हो, लेकिन कुछ जगहों पर आज भी हालात खराब हैं। आज भी बहुत सी औरतों को सामाजिक, सोशल, राजनैतिक तो दूर मौलिक अधिकारो से भी वंचित रखा गया है। उन्हें सिर्फ घर के कामों के योग्य समझा जाता है। दुनिया के हर देश में महिलाओं को उनका अधिकार और मान-सम्मान मिले। दुनियाभर में महिलाओं के काम व समर्पण को सराहा जा सके। ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है अपने-अपने तरीके से रोजाना संघर्ष करके महिला स्थितियां बदल रही हैं। आज आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक या खेल हो हर क्षेत्र महिलाओं की उपलब्धियों से भरा पड़ा है। आज महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं और हर क्षेत्र में वह मिसाल कायम कर रही हैं नारी सशक्तिकरण से ही राष्ट्र की उन्नति संभव है। महिलाओं के अधिकारों को लेकर जागरूकता जरूरी है ताकि उन्हें उनका हक अधिकार मिल सके और वह पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

 

द पावर ऑफ सबकॉन्शियस माइंड कार्यशाला की गोष्ठी संपन्न 

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