वायु सेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी)

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी नई दिल्ली-14 जून 2025 को हैदराबाद के डुंडीगल में वायु सेना अकादमी (एएफए) में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) आयोजित की गई। यह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की फ्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के फ्लाइट कैडेटों की नियुक्ति से पूर्व प्रशिक्षण के सफल समापन का प्रतीक है। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, चीफ ऑफ द एयर स्टाफ (सीएएस) परेड के समीक्षा अधिकारी (आरओ) थे। उन्होंने स्नातक फ्लाइट कैडेटों को राष्ट्रपति की ओर से नियुक्ति पत्र प्रदान किया। आज कुल 254 फ्लाइट कैडेट्स ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की जिनमें पुरुष और महिलाएं शामिल थीं।

एयर मार्शल तेजिंदर सिंह, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, ट्रेनिंग कमांड और एयर मार्शल पीके वोहरा, कमांडेंट, एएफए ने वायुसेना प्रमुख का स्वागत किया। परेड द्वारा समीक्षा अधिकारी को जनरल सलामी दी गई जिसके बाद एक शानदार मार्च पास्ट हुआ।

इस अवसर पर भारतीय नौसेना के 09 अधिकारियों, भारतीय तटरक्षक बल के 07 अधिकारियों तथा मित्र देश के एक प्रशिक्षु को भी उड़ान प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर ‘विंग्स’ प्रदान किए गए। इस समारोह में गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ स्नातक अधिकारियों के गौरान्वित परिवार के सदस्य भी मौजूद थे।

परेड का मुख्य आकर्षण ‘नियुक्ति समारोह’ था जिसमें स्नातक कैडेटों को आरओ द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में नियु‍क्‍त किया गया। अकादमी के कमांडेंट ने स्नातक अधिकारियों को शपथ दिलाई। इसमें अधिकारियों ने देश की संप्रभुता और सम्मान की रक्षा करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में आकाश गंगा टीम, एयर वॉरियर ड्रिल टीम और सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम ने एक साथ एरोबेटिक्स के रोमांचक प्रदर्शन भी किया। स्नातक परेड के दौरान प्रशिक्षक विमानों द्वारा अच्छी तरह से समन्वित और एक साथ फ्लाई-पास्ट किया गया। इन विमानों में पिलाटस पीसी-7 एमकेII, हॉक, किरण एमके-I और चेतक शामिल थे।

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आरओ ने विभिन्न प्रशिक्षण विषयों में असाधारण प्रदर्शन के लिए स्नातक अधिकारियों को सम्मानित किया। फ्लाइंग ब्रांच के फ्लाइंग ऑफिसर रोहन कृष्णमूर्ति को पायलट कोर्स में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति की पट्टिका और चीफ ऑफ द एयर स्टाफ स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। फ्लाइंग ऑफिसर निष्ठा वैद को ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति की पट्टिका से सम्मानित किया गया।

आरओ ने परेड को संबोधित करते हुए नव नियुक्त अधिकारियों की उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन, सटीक ड्रिल मूवमेंट और परेड के उच्चतम मानकों के पालन के लिए उनकी सराहना की।

स्नातक अधिकारियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, “जब आपने राष्ट्र की सेवा करने का निर्णय लिया तो आपने एक ऐसा करियर चुना जो न केवल आपसे अत्‍यधिक अपेक्षा करता है बल्कि सबसे पुरस्कृत और सम्मानजनक भी है। जैसा कि हम भविष्य की ओर देखते हैं, दो चीजें निश्चित हैं – युद्ध का तेजी से बदलता रूप और एयरोस्पेस शक्ति की बढ़ती प्रासंगिकता।”

उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारतीय वायुसेना की बेजोड़ पेशेवर क्षमता का एक शानदार उदाहरण है। हमने दुश्मन पर सटीक और निर्णायक वार करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। वायुसेना के भविष्य के रूप में, आपको यह समझना चाहिए कि भारतीय वायुसेना हमेशा से राष्ट्रीय संकट के समय सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाली रही है और आगे भी रहेगी।”

वायु सेना प्रमुख ने अधिकारियों को सौंपी गई सामूहिक जिम्मेदारी का उल्‍लेख करते हुए कहा, “भारतीय वायुसेना में हर भारतीय का जो भरोसा है, उस पर खरा उतरना हमारा परम कर्तव्य है। आज का समारोह वर्षों के कठोर प्रशिक्षण और दृढ़ता का समापन है, लेकिन यह आपकी पेशेवर यात्रा की शुरुआत मात्र है। आपको अपनी सीमाओं का विस्तार करने और नई क्षमताओं के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।”

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उन्होंने आगे के मार्ग पर जोर देते हुए निष्कर्ष निकाला, भावी रणक्षेत्र और मुश्किल होता जाएगा भारतीय वायुसेना के एक वास्‍तविक एयरोस्पेस बल में तब्दील होने के साथ, आप में से कई लोग अंतरिक्ष में भारत के कार्यक्रमों में सबसे आगे होंगे। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता, अथक ध्यान, नवाचार और अपने काम के प्रति जुनून की आवश्‍यकता होगी। आप जो वर्दी पहनते हैं वह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है – इसे सम्मान के साथ पहनें, साहस के साथ नेतृत्व करें और हमेशा भारतीय वायु सेना के मूल मूल्यों को बनाए रखें।”

परेड का समापन नव नियुक्‍त अधिकारियों की दो टुकडियों के मार्शल मार्चिंग धुनों की गूंज के साथ हुआ। नियुक्ति समारोह वायु सेना अधिकारियों के जीवन में यादगार बना रहता है क्योंकि उन्हें उनके गौरान्वित माता-पिता और परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त किया जाता है। यह उनके करियर का सबसे यादगार दिन बन जाता है जो उनके राष्ट्र की सेवा में सम्मान, गर्व और गरिमा से भरे जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।

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