खनन न्यूज़-सोनभद्र में ओवरलोड वाहनों के रुकने का नाम नहीं.! गाड़ियों पर पुलिस ने पत्थर बरसाया.!

मीडिया हाउस सोनभद्र-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश निर्देश की बात भी जनपद सोनभद्र में बिना परमिट एवं ओवरलोड गाड़ियों के रुकने का नाम नहीं ले रहा है.! जिला प्रशासन के सख्त आदेश निर्देश के बाद भी प्लाट मालिकों द्वारा बिना परमिट एवं ओवरलोड गिट्टी का दिया जाना विभागीय अधिकारियों द्वारा सख्त कर्यवाही न किया जाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है कि बिना परमिट व अवैध ओभर लोड गिट्टी देने वाले प्लाट मालिकों आखिर कौन है.! चिन्हित करते हुए उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए.!
सूत्रों की माने तो सोनभद्र लोढी स्थित खनिज बैरियर पर अधिकारियों के लोकेशन के आधार पर आज भी गाड़ियों का सचालन हो रहा है। बैरियर पर अधिकारी रहते हैं तो गाड़ियां रुकी होती है अधिकारियों के हटते के साथ ही गाड़ियों का संचालन शुरू हो जाता है.! खनिज बैरियर पर अचानक ट्रकों पर पुलिस कर्मियों द्वारा पत्थर बरसाने का वीडियो वायरल होते ही क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है कि लोढी स्थित खनिज बैरियर पर ओवर लोड गाड़ियां बैरिकेडिंग तोड़ कर भाग रही गाड़ियों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने पत्थर आखिर क्यों बरसाए.!
ज्ञात हो कि 12.09.2025 की रात्रि में थाना रॉबर्ट्सगंज अन्तर्गत लोढ़ी बैरियर पर खनन सर्वेक्षक व पुलिस की चेकिंग के दौरान कुछ ट्रकों द्वारा तेज रफ्तार व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए सर्वेक्षक अधिकारी को जाने से मारने की नियत से गाड़ी चढाने का प्रयास किया गया। क्षेत्राधिकारी नगर रणधीर कुमार मिश्रा ने कहा कि ओवरलोड गाड़ियां बिना रूके भाग रही थी जो पूर्णतः गलत है.! गाड़ियों पर पुलिस कर्मियों द्वारा पत्थर चलना गलत है पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों की माने तो खनन क्षेत्र में जगह-जगह खनिज विभाग के बैरियर लगे हैं उस सभी बैरियरों पर पुलिस कर्मचारी मौजूद हैं।जिला पंचायत के लोग दिन रात मौजूद रहते है गाड़ियों की चेकिंग करते है फिर उन लोगों के सामने से कैसे बिना परमिट/ओवरलोड की गाड़ीया पार हो रही है। और मुख्य मार्ग तक खुलेआम गाड़ियां पहुंच रही है.? आखिर ऐसा कैसे.! जबकि प्रशासन एवं खनिज विभाग द्वारा दावा किया जाता है कि एक भी गाड़ियां बिना परमिट व ओवरलोड नहीं संचालन हो रही है ! आखिर कैसे बिना रोक-टोक की बिना परमिट एवं ओवरलोड गाड़ियां चल रही है जो विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली सदिग्ध है या फिर कुछ और है.? जो जांच व चर्चा विषय बन गया है।