पंचकृति फिल्म – सामाजिक समस्याओं पर रोशनी डालती पांच कहानियां.!

ब्यूरो, मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 16ता.रांची- पिछले कुछ सालों में ऐसी कई फिल्में बानी हैं जो सामाजिक मुद्दों पर आधारित थीं | पर इनमें से कुछ ही फिल्में ऐसी रही हैं जिन्होंने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी और उन्हें सोचने पर मजबूर किया | अब एक ऐसी फिल्म आयी है जो एक नहीं बल्कि पांच कहानियों के ज़रिये लोगों को उजागर करना चाहती है | संजोय भार्गव के निर्देशन में बनी पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स बुंदेलखंड के एक छोटे से शहर चंदेरी में शूट हुई है और इसमें मुख्या भूमिकाएं निभाई हैं बृजेन्द्र कला, पुरवा पराग और उमेश बाजपाई ने |

एक ही फिल्म में पांच कहानियों को पिरोने की वजह बताते हुए निर्देशक संजोय भार्गव कहते हैं, “दुनिया भर में ऐसी फिल्मों को ‘एन्थोलॉजी फिल्म’ कहा जाता है | एक ‘एन्थोलॉजी फिल्म’ में अलग – अलग कहानियां होती हैं पर यह साड़ी कहानियां एक सिरे से जुडी होती हैं | हमारी फिल्म में जो पांच कहानियां हैं वे उन मुश्किलों और परिस्थितियों के बारे में जिनसे हमारे समाज की लड़कियों और औरतों को जूझना पड़ता है | पाँचों ही कहानियां चंदेरी में स्थित है और वहीँ पर फिल्मायी गयी हैं |”

पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स में दर्शायी गयी पहली कहानी का नाम ‘खोपड़ी’ है | यह कहानी एक ज्योतिषी के बारे में है जिसकी नज़र राह चलते एक गुमनाम खोपड़ी पर पड़ती है और इससे एक ऐसी घटनाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है जिससे उसकीऔर उसके परिवार ज़िन्दगी बदल जाती है | दूसरी कहानी ‘अम्मा’ एक ऐसी लड़की के बारे में है जिसकी माँ उसे जन्म देने के पश्चात गुज़र जाती है और इस वजह से उस लड़की को सब अपशगुन मानते हैं | ‘सुआटा’ कहानी है एक राक्षस की जो जवान लड़कियों को परेशान करता है | ‘चपेटा’ उस खेल का नाम है जिसे खेलने के लिए गाँव के लड़के लड़की का वेश धारण करते हैं | ‘परछाई’ एक जवान जोड़े की कहानी है जिनकी ज़िन्दगी में एक हादसे की वजह से उथल – पुथल मच जाती है |

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संजोय कहते हैं , “चूँकि यह सारी कहानियां समाज के सच को उजागर करती है, हमने लोगों को भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इनकी संरचना की | पंचकृति एक पारिवारिक फिल्म है और इसे हर उम्र के लोग देख सकते हैं | फिल्म में एक ऐसा दृश्य नहीं है जिसे आप अपने परिवार के साथ न देख पाएं | हाँ, यह पाँचों कहानियां आप को यह सोचने पर मजबूर कर देंगी कि हमारा समाज किस दिशा में आगे बढ़ रहा है |”

पंचकृति – फाइव एलिमेंट्स में पिरोयी गयी पाँचों कहानियां परिवरण, लैंगिक समानता, आध्यात्मिकता पर बहुत कुछ कहने का प्रयत्न करती है | सरकार के द्वारा चलाये गए कई महत्वपूर्ण अभियान जैसे स्वच्छ भारत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भी यह जागरूकता पैदा करती है | फिल्म के निर्माताओं ने दर्शकों से राब्ता बनाने के लिए कच ख़ास इंतज़ाम भी किया है | थिएटर में जा कर फिल्म देखने पर और लकी ड्रा के ज़रिये कई भाग्यशाली दर्शक आकर्षक इनाम जीत सकते हैं|

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