नेपाल में प्रदर्शनकारियों ने नेताओं और बड़े लोगों को निशाना बनाया

नई दिल्ली- नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ आंदोलन से भड़की हिंसा ने हिमालय के इस देश को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है।  अभी वहां स्थिति इस कदर बिगड़ चुकी है कि कोई सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा है, चारों ओर लूटपाट मची हुई है, कब कौन निशाना बन जाएगा कहना मुश्किल है। नेपाल में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने जिन नेताओं और बड़े लोगों को निशाना बनाया है, उनमें यहां के पूर्व उपराष्ट्रपति और उनका परिवार भी शामिल है। एनबीटी ऑनलाइन को सूत्र ने बताया है कि आंदोलनकारियों ने काठमांडू में उनके निजी आवास को आग के हवाले कर दिया, जिसकी वजह से करीब 85 वर्षीय नेता को अपने पूरे परिवार को लेकर राजधानी के ही किसी दूसरे इलाके में जाकर शरण लेना पड़ा है। परिवार में उनकी बुजुर्ग पत्नी, दो बेटे, बहू और पोता-पोती हैं। फिलहाल, वह अपने एक नजदीकी रिश्तेदार के घर में जाकर किसी तरह से परिजनों को संभालने की कोशिश कर रहे हैं और हालात सुधरने का इंतजार कर रहे हैं। जेन जी (Gen Z) के आंदोलन के बाद हुई। सोमवार को बड़ी संख्या में ये प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और कुछ सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ तत्कालीन केपी शर्मा ओली की सरकार का विरोध शुरू कर दिया। पहले दिन पुलिस कार्रवाई में 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और सैकड़ों जख्मी हुए। मंगलवार को इस आंदोलन ने और भी भयावह रूप ले लिया और संसद, सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री आवास तक को आग के हवाले कर दिया गया। बाद में ओली और नेपाल के राष्ट्रपति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस हिंसा में नेपाल के एक पूर्व पीएम की पत्नी जिंदा जला दी गईं। आखिरकार सेना ने नेपाल सरकार का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया।

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