डीपीएस चास में सदन उत्सव आविर्भाव का दूसरा दिन

यमुना सदन के विद्यार्थियों ने वाद्ययंत्रों के प्रदर्शन से सबका मन मोहा
मीडिया हाउस न्यूज एजेंन्सी 27ता०बोकारो। दिल्ली पब्लिक स्कूल चास में तीन दिवसीय सदनोत्सव ‘आविर्भाव’ के दूसरे दिन वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति बड़े ही हर्षोल्लास एवं जीवंतता के साथ हुई। विद्यालय के चारों सदनों (गंगा, यमुना, चेनाब और सतलज) के विद्यार्थियों ने पूरे उल्लास के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुरेश अग्रवाल (सचिव-डीएस मेमोरियल सोसायटी चास), विद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या-दीपाली भुस्कुटे, विद्यालय के डीन जोस थॉमस, शिक्षक-शिक्षिकाएं, कार्यालय कर्मचारी व सभी विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका रंजू सिंह ( नृत्य एवं संगीत की विशेषज्ञ-भारतीय सांस्कृतिक परिषद), धनंजय चक्रवर्ती ( कला निदेशक त्रिसप्तिका एनजीओ) व जगदीश बावला (भूतपूर्व संगीत निदेशक-संस्कार भारती बोकारो) ने निभाई । इस अवसर पर सभी सदनों के विद्यार्थियों ने गिटार, तबला, नाल, ढोलक आदि वाद्ययंत्रों के प्रदर्शन से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर यमुना सदन को प्रथम, गंगा सदन को द्वितीय, सतलज सदन को तृतीय व चेनाब सदन को चौथा स्थान प्राप्त हुआ। अतिथियों का स्वागत बालवृक्ष प्रदान कर किया गया। अपने संदेश में डीपीएस चास की चीफ मेंटर डॉ. हेमलता एस मोहन ने कहा कि यह विद्यालय शिक्षा के मूल उद्देश्यों के अनुकूल ही शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ सह शैक्षणिक क्षेत्रों में भी विद्यार्थियों को कुशल बनाने की सम्पूर्ण व्यवस्था के साथ प्रयासरत है। यहां के बच्चे रचनात्मक सोचने, विचारों को कला आधारित परियोजनाओं के रूप में बदलने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध हैं। अपने असीम संभावनाओं से दुनिया को बदलने की क्षमता की पहचान अनुकूल परिवेश में ही होती है। विद्यालय के साथ-साथ माता-पिता को भी उनके लिए उपयुक्त परिवेश उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। ऐसे कार्यक्रम मन और शरीर की समग्र साधना की दिशा में हमारे प्रयास को प्रतिबिंबित करते हैं। नई शिक्षा प्रणाली में अनिवार्य रूप से इन्हें लागू किया गया है। विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या दीपाली भुस्कुटे ने कहा कि डीपीएस चास विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए नित नये तरीकों की खोज करने के लिए प्रयत्नशील है। आत्मविश्वासी व्यक्तित्व का निर्माण कर बेहतर इंसान बनने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए बच्चों का कुशल मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। इन तथ्यों को ध्यान में रखकर ही यहां शिक्षा प्रदान की जाती है। कार्यक्रम का संचालन कक्षा 11सी की छात्र राधिका श्रीवास्तव, 11ए की तनुश्री हांसदा, 9ए की इशिका कश्यप, 9बी की सरिका सुमन ने किया। धन्यवाद ज्ञापन 12सी के छात्र अनुज कुमार ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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