पिछले तीन वर्षों में कोयला उत्पादन और खनन कार्यों में कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए उठाए गए कदम

मीडिया हाउस न्यूज एजेन्सी नई दिल्ली-पिछले तीन वर्षों के दौरान कोयला उत्पादन का विवरण इस प्रकार है:

[आंकड़े मिलियन टन में]

वर्ष कोयला उत्पादन
2020-21 716.08
2021-22 778.21
2022-23 893.19

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने संबंधी प्रभाव सहित तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन के लिए एक पायलट परियोजना के माध्यम से कंपनी के मौजूदा डीजल डम्परों में दोहरे र्इंधन [डीजल-तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी)) प्रचालन को आरंभ करने के लिए पहल की है। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड, ओडिशा की लखनपुर ओपन कास्ट परियोजना (ओसीपी) में दो मौजूदा डीजल चालित बीईएमएल मेक 100टी डम्परों में एलएनजी किट की रेट्रोफिटिंग करके दोहरे र्इंधन (डीजल और एलएनजी) प्रचालन पर पायलट परियोजना के संचालन के लिए गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) और भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे।

एनएलसीआईएल में लिग्नाइट और ओवर बर्डन की खुदाई में उपयोग की जाने वाली मुख्य खनन मशीनरी/उपकरण बिजली का उपयोग करके संचालित होते हैं। केवल कुछ ही सहायक खनन हेवी अर्थ मूविंग मशीनें (एचईएमएम) जैसे डोजर, पाइप-लेयर, बैक-होज़, रोड ग्रेडर आदि डीजल से संचालित होती हैं। अभी एनएलसीआईएल में एलएनजी ईंधन के विकल्प का कोई प्रस्ताव नहीं है।

कोल इंडिया लिमिटेड ने खनन कार्यों में कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए निम्नलिखित पहल की हैं:

  1. फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाओं के अंतर्गत कोयले का परिवहन मशीनीकृत कन्वेयर बेल्ट और सीएचपी/एसआईएलओ के माध्यम से किया जा रहा है। एफएमसी परियोजनाएं पर्यावरण-अनुकूल कोयला परिवहन मोड के रूप में उभरती हैं, जिससे धूल उत्सर्जन, टिपर टेलपाइप उत्सर्जन, टिपर डीजल खपत, पे लोडर उत्सर्जन, रेलवे साइडिंग्स उत्सर्जन, परिवेश ध्वनि स्तर और टिपर कार्बन फुटप्रिंट में कमी आती है।
  2. खुली खदानों के लिए सतही खनिकों और भूमिगत खदानों के लिए सतत खनिकों की तैनाती।
  3. प्रत्येक वर्ष व्यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाता है।
  4. एलईडी लाइट्स की स्थापना, ऊर्जा कुशल एसी, ऊर्जा कुशल पंप और पंखे, हरित भवन, कैपेसिटर बैंक आदि जैसे- विभिन्न ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता उपाय।
  5. अपनी सभी सहायक कंपनियों में ई-वाहनों की तैनाती।

खनन कार्यों में कार्बन उत्सर्जन की भरपाई के लिए एनएलसीआईएल द्वारा किये गए उपाय इस प्रकार हैं:

  1. सेवा पूरी कर चुके उपकरणों को समय पर नए उपकरणों से बदलना।
  2. उपकरणों के लिए कठोर रखरखाव कार्यक्रम का पालन किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप कार्बन उत्सर्जन कम हो जाता है।
  3. लिग्नाइट उत्खनन के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य मशीनरी/उपकरण बिजली का उपयोग करके संचालित होते हैं।
  4. खनन कार्यों की योजना इस प्रकार बनाई गई है कि आलंबन सहायक डीजल चालित खनन उपकरणों का उपयोग कम से कम किया जा सके।
  5. कार्बन उत्सर्जन को निष्प्रभावी करने के लिए पुन दावा किए गए खनन वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और वनीकरण।
  6. कार्बन उत्सर्जन को दूर करने के लिए वनीकरण/ग्रीन कॉरिडोर को बनाए रखा और बढ़ाया जाता है।

कोल इंडिया लिमिटेड विभिन्न खदानों, क्षेत्रों और सहायक मुख्यालयों में इलेक्ट्रिकल वाहनों (ई-वाहनों) की खरीद/किराए पर लेने पर बल दे रही है। कोल इंडिया लिमिटेड में ई-वाहनों की वर्तमान संख्या 178 है और मौजूदा परिवहन अनुबंधों की अवधि और सहायक कंपनियों की आवश्यकता को देखते हुए, लक्ष्य इस प्रकार है:

2023-24 2024-25 2025-26 Total
380 143 158 681

यह जानकारी आज लोकसभा में केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने एक लिखित उत्तर में दी।

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