हीट वेव व अग्निकांड विषय पर जागरूकता “क्या करें, क्या न करें”

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी सोनभद्र-हीटवेव एवं अग्निकांड से बचाव हेतु जनजागरूकता एवं मॉकड्रिल कार्यक्रम का आयोजन आज दिनांक 23.042025 को आपदा प्रबंधन विभाग सोनभद्र एवं अग्निशमन विभाग के संयुक्त तत्त्वाधान में साईं अस्पताल एवं फ़ार्मेशी कालेज संजोर राबर्ट्सगंज में हीट वेव व अग्निकांड विषय पर जागरूकता व मॉक ड्रिल कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें जनपद की प्रमुख विभिन्न आपदाओं पर विस्तृत चर्चा कर “क्या करें, क्या न करें” की जानकारी दी गई।
उक्त कार्यक्रम में जनपद के आपदा विशेषज्ञ पवन कुमार शुक्ला द्वारा आपदा की अवधारणा, उसके प्रकार व जनपद की प्रमुख आपदा हीट वेव, आकाशीय विद्युत्, सर्पदंश, डूबना, अग्निकांड, भूकंप, बाढ़ आदि की जानकारी देते हुए अवगत कराया गया, जो निम्नलिखित है
हीटवेव से बचाव – क्या करें
• अधिक से अधिक पानी पिएँ, शरीर को हाइड्रेट रखें।
• ढीले व हल्के रंग के सूती वस्त्र पहनें।
• दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक धूप में बाहर निकलने से बचें।
• बाहर निकलते समय सिर को टोपी/गमछे से ढकें।
• अधिक गर्मी लगने पर तत्काल छायादार स्थान पर रुकें एवं ORS लें।
क्या न करें
• खाली पेट बाहर न निकलें।
• धूप में नंगे पाँव न चलें।
• अत्यधिक चाय, कॉफी या शराब का सेवन न करें।
• बच्चों, बुजुर्गों व रोगियों को लू में बाहर न ले जाएँ।
अग्निकांड से बचाव– क्या करें
• रसोईघर में गैस सिलेंडर को सही ढंग से स्थापित करें।
• बिजली के उपकरणों का समय-समय पर निरीक्षण कराएं।
• अग्निशमन यंत्रों को कार्यालयों, स्कूलों एवं सार्वजनिक स्थलों पर रखें।
• आग लगने की स्थिति में तत्काल 101 नंबर पर सूचना दें।
क्या न करें
• खुले में आग न जलाएं।
• शॉर्ट सर्किट से बचाव हेतु लूज़ वायरिंग न करें।
• तेल, पेट्रोल आदि ज्वलनशील पदार्थों को खुले में न रखें।
मॉकड्रिल का आयोजन
जनपद के विद्यालयों, अस्पतालों, कार्यालय परिसरों, एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मॉक ड्रिल (आपदा अभ्यास) आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें बचाव के तरीके, प्राथमिक उपचार, सुरक्षित निकासी, एवं समन्वय तंत्र का अभ्यास किया गया।
1. सर्पदंश से बचाव
क्या करें
• रात में विशेष सावधानी
• बिस्तर पर सोते समय तलवों के पास सर्पदानी रखें।
• मच्छरदानी के नीचे पैरों को ढककर सोएँ।
• अनावश्यक जगहों पर प्रवेश न करें
• झाड़ियों, पत्थरों के नीचे, गोबर-पत्थर के ढेर में हाथ-पैर न डालें।
• चाय-पत्ती या लकड़ी बटोरते समय दस्ताने व मोटी जूते पहनें।
• साफ-सफाई एवं स्थान व्यवस्थित रखें
• मकान के आसपास कूड़ा-कचरा, लकड़ी-पت्थर का ढेर न रखें।
• घर के बाहर घास-फूस नियमित रूप से काटें।
• खेत-खलिहान में
• शाम के समय पैदल चलने पर लंबी, मोटी जुराब और जूते/बूट पहनें।
• ट्यूबवेल–बोरवेल के अंदर उतरते समय साथी की मौजूदगी अवश्य रखें।
• जानकारी–जागरूकता
• स्नेक विजिट जैसे सरकारी/एनजीओ कार्यक्रम में भाग लें।
• स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध एंटीवेनम एवं प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी रखें।
क्या न करें
• घबराकर दौड़ना या स्वयं प्रयास करना
• काटे गए स्थान पर रबर बैंड/टूरनीकेट न बांधें।
• कटे हुए हिस्से को चबाने या रेत/मिट्टी से चअबाने का प्रयास न करें।
• जोक्स एवं देसी नुस्खे न अपनाएँ
• शराब, टीका – थूंक, तेल मलने जैसे लोकपरंपरागत उपचार न करें।
• शरीर में कट लगाने या चाकू घोंपने से बचें
• इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है तथा जहर फैल जाता है।
• बिना चिकित्सा सहायता के प्रतीक्षा न करें
• डॉक्टर के कहे बिना घर पर ही समय व्यतीत न करें, तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुँचें।

2. आकाशीय विद्युत (बिजली गिरने) से बचाव
क्या करें
• तूफ़ानी/बिजली गिरने की चेतावनी पर
• खुले मैदान, पहाड़ी चढ़ाई, तालाब किनारे, एकांत पेड़ों के नीचे जाने से बचें।
• नाली–खड्डे या छोटी गहरी खाई में झुककर बैठें (लेकिन पूरी तरह न दबें)।
• इमारत के अंदर सुरक्षा
• दीवार से दूर खिड़की–दरवाजे बंद रखें।
• फॉनों, टीवी–रेडियो, कंप्यूटर आदि प्लग से निकाल दें।
• बिजली के मेटल सामान (छत पर एंटीना, पाइप) से दूर रहें।
• वाहन में
• बंद कार/ट्रक के अंदर बैठें (सीट को छूने से बचें) – यह फ़राडे क्लोजन जैसा काम करता है।
• बिजली गिरने की घटना पर पहला उपचार
• पीड़ित को सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ।
• हो सके तो CPR/हार्ट–लंग रेससिटेशन (सीपीआर) शुरू करें।
• 108 एम्बुलेंस या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को तुरंत सूचित करें।
क्या न करें
• खुले स्थानों पर दौड़ना या छत पर चढ़ना
• पेड़ों के नीचे या पानी के निकट कोई लंबी धातु वाली वस्तु साथ न रखें
• बिजली आने पर नहाना या किसी धातु से छूना
• चमकते समय मोबाइल फोन हाथ में पकड़कर बात करना
• गाड़ी की धातु सतह को छूना (खुले व्हीलचेयर, ट्रैक्टर, पुरानी हल्की चेसिस वाले वाहन।
उक्त कार्यक्रम में जनपद के अग्निशमन अधिकारी श्री करन सिंह यादव द्वारा आग से बचने के तरीके को प्रयोगात्मक ढंग से बताते हुए समस्त विद्यार्थियों को जानकारी दी गयी और उपस्थित विद्यार्थियों द्वारा स्वयं अभ्याश कराते हुए सीखने का प्रयास किया गया
कार्यक्रम में साईं कालेज के प्रबंधक श्री मनोज कुमार सिंह तथा कालेज के अन्य सभी अध्यापक व विद्यार्थी सहित तहसील राबर्ट्सगंजके आपदा मित्र मुकेश कुमार एवं अन्य साथी तथा सम्बन्धित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आदि सहित 250 विद्यार्थी उपस्थित रहे।
आपदा कंट्रोल रूम – 1070, अग्निशमन विभाग – 101
108 एम्बुलेंस एवं आपात चिकित्सा सेवा
जिला आपदा कंट्रोल रूम नम्बर सोनभद्र: [05544-22384/297645]

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