कोयला मंत्रालय-आगामी नीलामी में पांच राज्यों की 39 खदानों के लिए बोलियां लगाई जाएंगी

AKGupta.Media House नई दिल्ली-कोयला मंत्रालय 15 नवंबर, 2023 को वाणिज्यिक कोयला खदानों के लिए 8वें दौर की नीलामी शुरू करने की तैयारी कर रहा है जो कोयला क्षेत्र में मंत्रालय की एक और महत्वपूर्ण छलांग होगी। यह कोयला क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

प्रधानमंत्री द्वारा 18.06.2020 को वाणिज्यिक खनन की पहली सफल नीलामी शुरू कराने के साथ ही कोयला क्षेत्र 2020 में वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए खुल गया है। तब से कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के सात दौर आयोजित किए हैं और 91 खदानों की नीलामी की गई है, जिनकी अधिकतम क्षमता 221 मिलियन टन प्रति वर्ष है।

इसके अलावा, खनिज कानूनों में संशोधन कोयला क्षेत्र को खोलने में सहायक बना। इससे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और कोयले के अंतिम उपयोग पर किसी भी प्रतिबंध के बिना कोयला खदानों की नीलामी की अनुमति देने का रास्ता साफ हुआ। इन खदानों से निकलने वाले कोयले का उपयोग निजी खपत, बिक्री या किसी अन्य उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत से कई लाभ हुए हैं। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला है, सरकार का राजस्व बढ़ा है और निजी भागीदारी के माध्यम से कोयले की आपूर्ति बढ़ी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि कोयला समृद्ध राज्यों ने इन नीलामियों के माध्यम से पर्याप्त राजस्व हासिल किया है, जो क्षेत्रीय विकास को गति देने और क्षेत्र के लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए तैयार हैं।

प्रमुख राजनेताओं के रिश्तेदार जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक का स्थानांतरण-मुख्य निर्वाचन आयुक्त

पिछली सफल नीलामियों के मद्देनजर वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी का आगामी आठवां दौर इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नीलामी के आगामी दौर में बोलियां लगाने के लिए कुल 35 कोयला खदानें होंगी, जिसमें सीएम (एसपी) अधिनियम 2015 के तहत 11 और एमएमडीआर अधिनियम 1957 के तहत 24 कोयला खदानें शामिल हैं। इनमें से 14 कोयला खदानें पूरी तरह से तैयार हैं, जबकि 21 आंशिक रूप से तैयार हैं। इसके अलावा, वाणिज्यिक कोयले के सातवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत 4 कोयला खदानों को बोली लगाने के लिए रखा जा रहा है, जिसमें एक सीएमएसपी कोयला खदान और तीन एमएमडीआर कोयला खदानें शामिल हैं। इनमें से एक पूरी तरह से तैयार है और तीन आंशिक रूप से तैयार हैं। प्रस्तावित खदानों का राज्यवार विवरण इस प्रकार है:

राज्य कुल खदानें खदानों की संख्या अन्वेषण स्थिति
सीएम(एसपी) अधिनियम, 2015 एमएमडीआर अधिनियम, 1957 पूरी तरह से तैयार खदानें आंशिक रूप से तैयार खदानें
बिहार 3 3 3
झारखंड 7 1 6 1 6
महाराष्ट्र 5 2 3 3 2
ओडिशा 19 8 11 8 11
पश्चिम बंगाल 5 1 4 3 2
कुल 39 12 27 15 24

नीलामी में बाधाओं को दूर करने और संभावित बोलीदाताओं के लिए कोयला खदानों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए विस्तृत विचार-विमर्श के बाद खदान की सीमाओं पर विचार किया गया है। इसके अलावा, कोयला मंत्रालय (एमओसी) बोलीदाताओं के लाभ के लिए खदान डोजियर के हिस्से के रूप में प्रत्येक खदान की ‘ड्रोन तस्वीरें’ भी प्रदान करेगा।

वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी में कोयले की बिक्री और/या उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इसके अलावा, पात्रता मानदंड को हटा दिया गया है और कोयला खदान की नीलामी में भाग लेने के लिए कोई तकनीकी या वित्तीय पात्रता मानदंड नहीं है।

राष्ट्रपति ने लक्ष्मीपत सिंघानिया-आईआईएम लखनऊ राष्ट्रीय लीडरशीप पुरस्कार प्रदान किए

कोयला मंत्रालय ने कोयला खदानों के वित्तपोषण को आसान बनाने के लिए जून 2023 में “भारत में वाणिज्यिक कोयला खदानों के वित्तपोषण” को बढ़ावा देने के लिए हितधारक परामर्श का आयोजन किया था और इसी तरह का एक कार्यक्रम आरईसी लिमिटेड ने विभिन्न ऋणदाताओं के साथ कोयला क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के साथ आयोजित किया था। ऋणदाताओं ने कोयला खदान के लिए वित्तपोषण करने की इच्छा दिखाई, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि एक वाणिज्यिक कोयला खदान का वित्तपोषण पहले ही पूरा हो चुका है और दो कोयला खदानों का वित्तपोषण प्रक्रियाधीन है।

कोयला मंत्रालय ने सफल बोलीदाताओं को मंजूरी और अनुमोदन प्रदान करने की सुविधा के लिए एक पोर्टल ‘सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम’ विकसित किया है। इसके अलावा, विभिन्न मंजूरी प्राप्त करने में बोलीदाताओं की सहायता के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) लगाई गई है।

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी नीलामी के अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे और नीलामी के अगले दौर का शुभारंभ करेंगे।

वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी के आठवें दौर की शुरुआत कोयला खनन उद्योग में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और कोयला उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कोयला मंत्रालय की प्रगतिशील नीतियों के परिणामस्वरूप निजी क्षेत्र को खदानों का तेजी से आवंटन हुआ है। इससे आगामी नीलामी में कोयला खनन उद्योग की कई कंपनियों के शामिल होने की उम्मीद है।

कोयला खदानों, नीलामी की शर्तों, समयसीमा इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी एमएसटीसी नीलामी मंच पर प्राप्त की जा सकती है। यह नीलामी प्रतिशत राजस्व शेयर मॉडल के आधार पर एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *