डीपीएस बोकारो की मेधावी छात्रा दर्शना को सिंगापुर सरकार ने दी छात्रवृत्ति, टॉप यूनिवर्सिटी में मिला दाखिला

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चार वर्षों तक सीखेगी कंप्यूटर साइंस में तकनीक व डिजाइन के गुर, प्राचार्य डॉ. गंगवार ने दी बधाई, कहा- पूरे झारखंड के लिए गर्व का विषय

मीडिया हाउस न्यूज एजेंन्सी बोकारो : डीपीएस बोकारो की एक और होनहार प्रतिभा ने अपने विद्यालय, शहर, राज्य तथा देश का मान विश्वपटल पर गौरवान्वित किया है। विद्यालय से इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली मेधावी छात्रा दर्शना कोपल (18) को सिंगापुर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (एसयूटीडी) में दाखिला मिल गया है। सत्र 2024-2028 के लिए उसका नामांकन कंप्यूटर साइंस एवं डिजाइनिंग में बीटेक के लिए हुआ है। खास बात यह है कि अपनी मेधाविता की बदौलत दर्शना ने न केवल विश्व के इस नामचीन विश्वविद्यालय में अपना नामांकन पाया है, बल्कि सिंगापुर की सरकार द्वारा उसे 50 प्रतिशत का ट्यूशन ग्रांट भी बतौर छात्रवृत्ति प्रदान किया गया है। उसकी इस उपलब्धि पर डीपीएस बोकारो परिवार में हर्ष का माहौल है। प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने इसके लिए उसे बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि डीपीएस बोकारो में छात्र-छात्राओं के समग्र विकास का हरसंभव प्रयास किया जाता है। उन्हें अपनी अभिरुचि के अनुसार करियर बनाने का समुचित मंच दिया जाता रहा है। यही वजह है कि यहां के विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की एक टॉप यूनिवर्सिटी में दर्शना का चयन विद्यालय के साथ-साथ पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है। बोकारो के प्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ. केएसएस राकेश एवं अनुभा श्रीवास्तव की होनहार सुपुत्री दर्शना का एसयूटीडी में चयन शैक्षिक आकलन परीक्षा (सैट) और आईईएलटीएस (इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम) में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर हुआ। सैट के तहत गणित में उसे 800 में से 800 अंक मिले, जबकि आईईएलटीएस में 7.5 का स्कोर उसने अर्जित किया। रीडिंग, राइटिंग और लिसनिंग के अलावा ऑनलाइन टेस्ट, कोडिंग टेस्ट तथा इंटरव्यू के बाद सभी मानकों पर वह खरा उतरी। जबकि, सिंगापुर सरकार द्वारा उसे 50 फीसदी की छात्रवृत्ति उसके एकेडमिक प्रोफाइल, एसयूटीडी एंट्रेंस टेस्ट एवं इंटरव्यू में उसके शानदार प्रदर्शन के आधार पर दी गई।

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• बचपन से ही रही है कंप्यूटर साइंस में रुचि : एक खास बातचीत में दर्शना ने बताया कि उसे शुरू से ही कंप्यूटर विज्ञान में विशेष रुचि रही है। बचपन से ही उसने ठान रखी थी कि उसे आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान से बैचलर कोर्स करना है और इसके लिए उसने सैट एवं आईईएलटीएस की तैयारी की। उसे ऑस्ट्रेलिया, यूके और सिंगापुर की टॉप यूनिवर्सिटी में भी नामांकन के लिए ऑफर मिला था, लेकिन उसने एसयूटीडी, सिंगापुर को चुना। उसने बताया कि एसयूटीडी में नामांकन पाकर वह काफी उत्साहित और अच्छा महसूस कर रही है। दर्शना के माता-पिता दोनों कंप्यूटर प्रोफेशनल हैं और शैक्षणिक क्षेत्र में काम करते रहे हैं। शैक्षणिक समृद्धि का वातावरण उसे बचपन से ही मिला, जिसका लाभ भी उसने पाया। दर्शना दो भाई-बहन में छोटी है। उसका बड़ा भाई शिवांश भी डीपीएस बोकारो का ही छात्र रहा है और आज बतौर आईटी प्रोफेशनल एक टॉप एमएनसी में कार्यरत है। दर्शना की दिली ख्वाहिश आगे चलकर हाई परफार्मेंस कंप्यूटिंग या प्रोडक्ट डिजाइन या फिनटेक में आईटी प्रोफेशनल के रूप में ज्वाइन करने की है। वह जो भी करेगी, कंप्यूटर साइंस में ही करेगी।

माता-पिता के बाद शिक्षकों का सबसे अहम योगदान : 10वीं में 95 प्रतिशत तथा 12वीं में 92 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण रही दर्शना कक्षा नर्सरी से ही डीपीएस बोकारो की छात्रा रही है। हमेशा ही विद्यालय के टॉप विद्यार्थियों में वह शामिल रही। उसे लगातार 12वीं तक स्कॉलर बैज एवं ब्लेजर मिलते रहे। अपने करियर को यह मुकाम मिलने पर प्रफुल्लित दर्शना ने इसमें डीपीएस बोकारो की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उसने कहा कि डीपीएस बोकारो विश्वस्तरीय विद्यालय है, जहां प्राचार्य डॉ. गंगवार के निर्देशन में शिक्षकों का कुशल मार्गदर्शन उसके लिए इस यात्रा में मील का पत्थर रहा। दर्शना ने कहा – मेरे मन में मेरे शिक्षकों के लिए अपार सम्मान है। उनका मेरे जीवन में माता-पिता के बाद सबसे महत्वपूर्ण योगदान है।

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सुंदर पिचाई से है प्रेरित : दर्शना अपने माता-पिता को ही अपना आदर्श मानती है। वैसे प्रोफेशनल क्षेत्र में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से वह काफी प्रेरित है। उन्हीं की तरह वह भी अपने देश भारत का मान कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में बढ़ाना चाहती है। सहरसा (बिहार) के मूल निवासी दर्शना के पिता डॉ. राकेश अपनी पुत्री की इस उपलब्धि से काफी प्रसन्न हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पुत्री शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में तेज रही है। कंप्यूटर के पायथन लैंग्वेज पर उसकी काफी अच्छी कमांड है। साइबर ओलंपियाड में वह देश में दूसरे तथा राज्य में पहले स्थान पर रही है। पढ़ाई के साथ-साथ वह तैराकी, गायन एवं नृत्य के अलावा स्केचिंग जैसी सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी भाग लेती थी। उसे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, कोडिंग तथा म्यूजिक और डांस का शौक है।

अपनी क्षमता के अनुसार चुनें कोर्स : अपने जूनियर्स को अपने संदेश में दर्शना ने कहा कि जो भी करें, दिल से करें। आपको क्या पढ़ना है, कहां पढ़ना है, यह स्पष्ट रहना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपनी क्षमता के अनुसार ही कोर्स का चयन करना चाहिए, न कि मार्केट ट्रेंड को देखकर। बता दें कि कंप्यूटर साइंस एवं डिजाइन एक अत्याधुनिक कोर्स है, जिसमें कंप्यूटर के लेटेस्ट सब्जेक्ट जैसे एआई, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग एवं हाई परफार्मेंस कंप्यूटिंग के साथ-साथ प्रोजेक्ट डिजाइन को भी शामिल किया गया है।