संसद का उद्घाटन या पहलवानों को जेल.?

मीडिया हाउस न्यूज एजेंसी 29ता.नई दिल्ली-जहां एक तरफ प्रधानमंत्री भारत के नए संसद का उद्घाटन कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ खिलाड़ियों को सड़क पर घसीटते हुए जोर जबरदस्ती से जेल भेजा गया। रविवार को पहलवानों के समर्थन को लेकर के नई संसद के उद्घाटन के साथ-साथ महिला पंचायत की बैठक की बात कही गई थी। रविवार को काफी इंतजार के बाद भी जब किसी भी प्रकार के बैठक का आयोजन नहीं किया गया तो पहलवान जंतर मंतर से नई संसद भवन की तरफ बढ़ने लगे और पुलिस कर्मियों ने ब्रैकेट लगा के उन्हें रोकना चाहा पहलवानों में आक्रोश भर गया इस आक्रोश को शांत करने के लिए पुलिस ने जंतर मंतर पर धरना दे रहे खिलाड़ियों के टेंट और बाकी सामानों को हटा दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया सभी पहलवानों को अलग-अलग जगह पर रखा गया, उनके फोन भी ज़ब्त कर लिए गया.! आखिर पहलवानों की मांग को लेकर इतने समय से बीजेपी के बड़े बड़े नेता अब तक क्यों मौन है.?

 

“हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है.! पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे, इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा। “कभी सोचा नहीं था कुश्ती की रिंग में लड़ते लड़ते एक दिन इंसाफ़ के लिए ऐसे सड़कों पर भी लड़ना पड़ेगा…. देश की बेटियाँ बहुत मज़बूत हैं, जब विदेश में मेडल जीत सकती हैं तो अपने देश में इंसाफ़ की लड़ाई भी जीतके ही मानेंगी। “साक्षी मालिक-

78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन

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