अवैध मिट्टी खनन में लिप्त एक जेसीबी व दो ट्रेक्टर धाराएं, अवैध खननकर्ता फरार.!

कृपा शंकर पांडे मीडिया हाउस न्यूज़ एजेंसी 12ता. चोपन-सोनभद्र जिला अवैध खनन को लेकर विख्यात है कभी बालू का अवैध खनन तो कभी गिट्टी का अवैध खनन तो कभी जंगल के पेड़ की अवैध कटाई अब जिले में नया अवैध खनन सुनने में आया है। जी हां जिस मिट्टी को किसान पूजते है जिस मिट्टी में किसान अन उपज करते है अब उसी मिट्टी को व्यापारीकरण करने के लिए बड़े पैमाने पर कटाई कर बेची जा रही है। चोपन नगर के अवकाश नगर में वन विभाग के ठीक बगल में बैखोफ होकर प्रशासन व वन विभाग की आंख के नीचे मिट्टी माफ़िया मिट्टी का अवैध खनन दिन-रात कर रहे है। इसमें दो राय नहीं कि काश्तकार की मिलीभगत न हो। काश्तकार की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अवैध मिट्टी का खेल जोरों पर है।
कई दिनों से रिहायशी इलाके से ट्रेक्टर मिट्टी को लेकर जो सरपट दौर रहे थे, उससे रिहायशी इलाके के बच्चों की जान जोखिम में पड़ गई थी। कोई बड़ा हादसा न हो जाये रिहायशी इलाके में इसी को देखते हुए समाजसेवी ने ओबरा एसडीएम को शिकायत की। नाम न छापने की शर्त पर समाजसेवी ने बताया कि, रहवासी इलाके से होकर गुजर रही मिट्टी लद्दी ट्रेक्टर के ड्राइवर को जब मना किया गया तो वो गुंडई पर उतर आया और कहा कि आपको जो उखाड़ना है उखाड़ लीजिए हमारी पहुँच ऊपर तक है। उसने यहां तक कह डाला कि सत्ता पक्ष के आदमी है हम, हमसे उलझे तो कही क नहीं छोड़ेंगे। इस बात की परवाह न करते हुए समाजसेवी ने रात के समय हो रहे अवैध खनन को लेकर एसडीएम को शिकायत की। शिकायत पर तत्काल एक्शन लेते हुए एसडीम ने तहसीलदार को मौके पर भेजा। मौके पर पहुँचते ही शिकायत को सही पाते हुए चोपन थाने की फ़ोर्स को भी बुला लिया गया। प्रशासन की देखरेख में मौके से दो ट्रैक्टर व एक जेसीबी कंपनी की मशीन खुदाई करती पाई गई। तहसीलदार व प्रशासन को देख अवैध खननकर्ता वाहन छोड़ वन विभाग की तरफ भाग खड़े हुए। वैकल्पिक ड्राइवर को बुलाकर वाहन को थाने ले गई। मिली जानकारी के अनुसार हाजीपुर मंडल के पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन आने वाले चोपन में ट्रेक का दोहरीकरण का कार्य हो रहा है। ट्रैक को ऊँचा करने के लिए मिट्टी फिलिंग का कार्य चल रहा है। जो दिल्ली के कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। इस कंपनी की पहुँच केंद्रीय सत्ता पक्ष तक है। कंपनी के कई कार्य चोपन रेलवे एरिया में चल रहा है। जिसमे तमाम खामियां भी सुर्खियां में रही है। पीट लाइन का कार्य भी यही कंपनी ने कराया है। जिसका एक हिस्सा धराशाही हो गया था। अब कंपनी अपने काम को अंजाम देने के लिए अवैध तरीके से मिट्टी फिलिंग का कार्य जोरो शोरो से कराया जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि कंपनी मिट्टी फिलिंग का कार्य कैसे पूरा कराती है। अवैध तरीका कंपनी अपनाएगी की वैध तरीके से फिलिंग का कार्य पूरा कराएगी। कुल मिलाकर देखा जाये तो जिस जीरो टोरलेंस की बात सरकार करती है उसी सरकार के अहम विभाग के ठेकेदार अब अवैध तरीका अपना कर कार्य कर रहे है। वैसे भी डाला स्थित रेलवे ओवर ब्रीज़ में दरार का मामला अभी शांत हुआ नहीं। अब ऐसे में मिट्टी के अवैध खनन से हो रहे मिट्टी फिलिंग को रेलवे विभाग किस तरीके से लेता है। वाहन स्वामी के साथ-साथ काश्तकार पर भी कार्रवाई होती है कि नहीं क्योंकि जितना जुर्म अवैध कार्य मे लगे वाहन स्वामी का होता है उतना जुर्म काश्तकार का भी बनता है।