बाबा सोमनाथ महादेव मंदिर में हज़ारों की संख्या शिव भक्तों द्वारा भगवान शिव की पूजा-अर्चना की गई।

कृपा शंकर पांडेय, मीडिया हाउस चोपन सोनभद्र -पवित्र सावन महीने के पहले सोमवार के दिन सोनभद्र के ओबरा तहसील अंतर्गत आने वाले गोठानी स्थित सोन, बिजुल व रेणुका नदी के संगम पर बाबा सोमनाथ महादेव मंदिर में हज़ारों की संख्या शिव भक्तों द्वारा भगवान शिव की पूजा-अर्चना की गई। पुजारियों ने भी पारंपरिक मंत्रोच्चार के साथ भोलेनाथ की आरती की। सावन के खास मौके पर भक्तों की खासा भीड़ मंदिरों में उमड़ी पड़ी। आज से सावन महीने की शुरुआत हो गई है और सावन के पहले दिन शिवालयों में विशेष पूजा की जा रही है। आज का दिन शिव जी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। सावन के महीने में भक्त व्रत रख आराध्य शिव को बेलपत्र चढ़ा कर उनका आशीर्वाद लेते हैं।

चोपन ब्लाक अन्तर्गत अगोरी किले के पास स्थित गोठानी ग्राम में गुप्त काशी के नाम से सुप्रसिद्ध सिद्ध देवालय बाबा सोमनाथ मंदिर के सामने स्थित सोन, बिजुल व रेणुका नदी के संगम पर सावन के पहले सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। जनपद मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर गोठानी सोमनाथ मंदिर को स्थानीय लोग सैकड़ों वर्षों पहले के कला और संस्कृति का संघ्रालय मानते है। अगोरी राजवंश के 500 वर्ष से पुराने इतिहास में यह स्थान धार्मिक केंद्र के तौर पर माना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान् शिव से अदभुत साक्षात्कार होते है। यहां मौजूद लेख पत्रों की माने तो बाबा सोमनाथ मंदिर का निर्माण 15 वीं सदी में हुआ था। उस समय अगोरी पर खरवार राजवंश का अधिपत्य था। मंदिरों के निर्माण में राजा मुलागत की भूमिका के अभिलेख मिलते हैं। यहां दर्जनों शिलापट्ट ऐसे पाए गये हैं जिनमे लिखी भाषा के बारे में आज भी रहस्य कायम है। यहां अगोरी राज्य का राजकीय चिन्ह भी मौजूद है। अगोरी किले और वीर लोरिक के किस्से से भी इस मंदिर का संबंध रहा है।

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